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सरकार ने घोषित की जीवनरक्षक दवाइयों की लिस्ट, इनका हर अस्पताल में होना हुआ जरूरी
इससे पहले सरकार की तरफ से 2015 में एक लिस्ट जारी की गई, जिसके बाद इसको अब अपडेट किया गया है और कई जरूरी दवाओं को शामिल किया गया है.
ललित नारायण कांडपाल 1 year ago
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जरूरी दवाइयों की एक लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में दी गई दवाइयां देश के प्रत्येक अस्पताल और मेडिकल स्टोर पर होना जरूरी हो जाएगा. National Essential List of Medicines 2022 के नाम से जारी इस लिस्ट में करीब 384 जीवनरक्षक दवाओं के नाम शामिल किए गए हैं. इससे पहले सरकार की तरफ से 2015 में एक लिस्ट जारी की गई, जिसके बाद इसको अब अपडेट किया गया है और कई जरूरी दवाओं को शामिल किया गया है.
लंबी प्रक्रिया के बाद शामिल होती हैं दवाएं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने लिस्ट को जारी करते हुए कहा कि एक लंबी प्रक्रिया के बाद दवाइयों को शामिल किया जाता है. एक इंडिपेंडेंट कमेटी जिसमें 340 एक्सपर्ट शामिल थे, उन्होंने 140 बार राय मशविरा करके लिस्ट को तैयार किया है. इस लिस्ट में वो दवाइयां शामिल की गई हैं जो सेफ, अर्फोडेबल और लोगों को एक्सेसबेल हों.
इन दवाइयों की कीमतों में नहीं होगा बदलाव
लिस्ट में शामिल दवाइयों की कीमतों को कंपनियां बिना सरकार और एनपीपीए की मंजूरी के बिना नहीं बढ़ा सकेंगी. इनमें से जिन दवाओं की कीमत ज्यादा है उनकी कीमत को सरकार रिवाइज करके सस्ता करेगी ताकि हर कोई उनको खरीद सके. 384 दवाई में करीब सब दवाई को मिला दें तो 1000 से ज्यादा फॉर्मुलेशन होगा.
रोका जाएगा एंटीबॉयोटिक दवाओं का एक्सेस प्रयोग
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के एक्सेस यूज को रोकने पर केंद्र सरकार जागरूकता अभियान चलाएगी. आज जो लिस्ट जारी की गई है, ये बहुत अहम लिस्ट है. ये प्राइमरी , सेकेंडरी और टेरिटरी केयर के लिए काफी जरूरी है. 80 % मरीजों के लिए ये आवश्यक दवाएं काम आएंगी. हम मरीज की सुरक्षा का खास ध्यान रखते हैं इसेंशियल मेडिसिन की लिस्ट बनाने में.
साइड इफेक्ट वाली दवाइयां होंगी बाहर
डॉ. पवार ने कहा कि कई बार नई दवाइयां आती हैं जिसे लिस्ट में शामिल किया जाता है. कई बार कुछ दवाओं से साइड इफेक्ट होता है तो उसे आवश्यक सूची से हटाया जाता है. आवश्यक दवाओं की सूची इसलिए तैयार की जाती है जिससे कि डॉक्टर्स इसी लिस्ट से मरीज को दवा दे सकें.अगर लिस्ट से बाहर वाली दवा डॉक्टर लिखते हैं तो वो महंगी पड़ती है.
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