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क्या इमरजेंसी सिचुएशन में चमत्कार कर सकती है होम्योपैथी? BW इवेंट में मिला इसका जवाब
BW हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड्स सेरेमनी में नैमीनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ने अपने विचार रखे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
जब बात होम्योपैथी की आती है, तो ज़्यादातर लोगों को इस पर विश्वास नहीं होता. वह मानते हैं कि होम्योपैथी बहुत पुरानी पद्धति है और इसका टेक्नोलॉजी से कोई लेना देना नहीं. खासकर आपातकालीन परिस्थितियों में होम्योपैथी काम नहीं करती. हालांकि, डॉक्टर प्रदीप गुप्ता इस धारणा को सही नहीं मानते. नैमीनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ने BW हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड्स सेरेमनी में होम्योपैथिक को लेकर अपने विचार प्रकट किए.
'सीनियर केयर' पर हुई चर्चा
BW हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड्स सेरेमनी में 'सीनियर केयर' पर पैनल डिस्कशन में डॉक्टर प्रदीप गुप्ता, डॉक्टर वैभव तिवारी, डॉक्टर तारा सिंह वाचानी और डॉक्टर विवेक श्रीवास्तव शामिल थे. इस डिस्कशन के मॉडरेटर के तौर पर BW हेल्थकेयर वर्ल्ड और BW वेलबीइंग वर्ल्ड के सीईओ हरबिंदर नरूला मौजूद रहे. हरबिंदर नरूला ने सीनियर केयर को लेकर विभिन्न सवाल पूछे, जिसके डॉक्टर्स ने जवाब दिए.
होम्योपैथी में चमत्कार होते हैं
BW हेल्थकेयर वर्ल्ड और BW वेलबीइंग वर्ल्ड के सीईओ हरबिंदर नरूला ने पूछा कि सीनियर केयर में इमरजेंसी संभव है, ऐसे में इमरजेंसी में होम्योपैथी क्या रोक प्ले कर सकती है और क्या वजह है कि इसे अब तक स्वीकार नहीं गया है? इस पर नैमीनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ने कहा, ‘ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि होम्योपैथी चमत्कार नहीं कर सकती, लेकिन यह धारणा गलत है. होम्योपैथी में चमत्कार होते हैं और पिछले कई सालों से हम यह देख रहे हैं. हमारे अस्पताल में कई मरीजों पर जब दूसरी दवाओं ने काम नहीं किया, तो हमने होम्योपैथी आजमाई और उसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले. लिहाजा, मैं कह सकता हूं कि इमरजेंसी सिचुएशन में होम्योपैथी कारगर साबित हो सकती है’.
होम्योपैथी टेक्नोलॉजी ड्रिवन
इस सवाल के जवाब में कि होम्योपैथी मेडिसिन का सबसे आधुनिक रूप है, लेकिन क्यों इसे अभी भी विकल्प के रूप में और पुरानी पद्धति के तौर पर देखा जाता है. माना जाता है इसका टेक्नोलॉजी से कोई लेना देना नहीं है? डॉक्टर प्रदीप ने कहा, 'बिना टेक्नोलॉजी के होम्योपैथी की प्रैक्टिस ही नहीं हो सकती. होम्योपैथी टेक्नोलॉजी ड्रिवन है. हमारे पास मेडिसिन सिलेक्ट करने के लिए बहुत सारे सॉफ्टवेयर हैं. इतना ही नहीं, किसी व्यक्ति को भविष्य में कौनसी बीमारी हो सकती है, इसका अनुमान लगाने वाले सॉफ्टवेयर भी हमारे पास हैं. ऐसा संबंधित व्यक्ति की फैमिली हिस्ट्री के आधार पर किया जाता है. और इसी आधार पर कोई दवा दी जाती है. इसलिए यह कहना कि होम्योपैथी टेक्नोलॉजी ड्रिवन नहीं है, पूरी तरह गलत है'.
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