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चार्टर प्लेन का कितना है किराया, मिलती हैं कौनसी सुविधाएं; जान लें सबकुछ
एविएशन सेक्टर से जुड़ी कई कंपनियां चार्टर प्लेन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो फिलहाल किराए पर देने के लिए 100 के आसपास चार्टर प्लेन हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी जैसे अधिकांश सुपर रिच बिजनेसमैन के पास अपने प्राइवेट जेट्स हैं, लेकिन जिनके पास नहीं हैं, वो चार्टर प्लेन की व्यवस्था कर लेते हैं. देश में कई कंपनियां हैं, जो किराए पर चार्टर प्लेन मुहैया कराती हैं. बीते कुछ समय में इस लग्जरी सुविधा का लाभ उठाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के बाद एकदम से चार्टर प्लेन की मांग में इजाफा हुआ है. इस डिमांड को पूरा करने के लिए कंपनियां नए विमान भी खरीद रही हैं.
प्राइवेट जेट से कैसे है अलग?
अक्सर लोग प्राइवेट जेट और चार्टर प्लेन को एक ही समझ बैठे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. एक रिपोर्ट बताती है कि प्राइवेट जेट में 4 से 18 सीटें होती हैं. जबकि चार्टर प्लेन 8 सीटर भी हो सकता है और 100 से ज्यादा सीटों वाला विमान भी. दोनों के बीच बेसिक अंतर यह है कि चार्टर प्लेन किराए पर ली गई फ्लाइट होती है, जबकि प्राइवेट जेट किसी व्यक्ति या संस्था का पर्सनल प्लेन होता है. चार्टर प्लेन रेगुलर रूटिंग के लिए शेड्यूल नहीं होते. इन्हें किराए पर लेने वाला व्यक्ति या संस्था, अपने हिसाब से उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं.
कितना होता है किराया?
चार्टर प्लेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनके ऑपरेशन्स की प्रक्रिया काफी सरल रखी हुई है. यदि चार्टर प्लेन में यात्रा करने वाले सभी भारतीय हैं, तो विमान को उड़ान भरने के लिए 2 से 3 घंटे में तैयार कर लिया जाता है. हालांकि, विदेशी यात्री के मामले में अलग से अनुमति लेनी होगी है और उस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. चार्टर प्लेन का किराया कई बातों पर निर्भर करता है. जैसे कि कितना बड़ा विमान चाहिए, डिस्टेंस कितना कवर करना है आदि. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन विमानों को कम से कम 1.5 लाख रुपए प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर लिया जा सकता है.
लाइन का झंझट ही नहीं
प्राइवेट जेट या चार्टर प्लेन में सफर करने वालों को पूरी प्राइवेसी मिलती है, क्योंकि सफर करने वाले चुनिंदा लोग ही होते हैं. इन विमानों में सफर करने वालों को सामान्य यात्रियों की तरह एयरपोर्ट पर लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता. अब चूंकि पूरा विमान ही आपका है, इसलिए चेक-इन बैगेज की कोई लिमिट भी नहीं होती. कुछ जगहों पर तो इन फ्लाइट्स के लिए टर्मिनल भी अलग होते हैं. खासबात यह है कि प्राइवेट जेट या चार्टर प्लेन को अपने शेड्यूल के हिसाब से उड़ाया जा सकता है. हालांकि, निर्धारित उड़ान से पहले इस बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी को सूचित करना होता है.
देश में कितने चार्टर प्लेन?
एविएशन सेक्टर से जुड़ी कई कंपनियां चार्टर प्लेन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो फिलहाल किराए पर देने के लिए 100 के आसपास चार्टर प्लेन हैं. TAJ AIR भी चार्टर सुविधा प्रदान करती है. कंपनी 2002 से इस बिज़नेस में है और उसके बेड़े में Dassault Falcon 2000LX जैसे विमान हैं. इसी तरह, jetsetgo भी चार्टर प्लेन की व्यवस्था करवाती है. गौरतलब है कि बिजनेसमैन और नेताओं द्वारा चार्टर प्लेन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है.
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