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Vistara के विलय से कितनी बदल जाएगी Air India, किस तरह मिलेगा फायदा?
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने विस्तारा के एयर इंडिया में विलय को मंजूरी दे दी है. अगले साल तक विलय का काम पूरा हो सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
एयर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara) एयरलाइन को विलय की मंजूरी मिल गई है. अगले साल तक इस मर्जर को पूरा कर लिया जाएगा. विस्तारा और एयर इंडिया की कमान टाटा समूह (Tata Group) के पास है. विस्तारा में टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है, जबकि सिंगापुर एयरलाइंस की 49%. टाटा समूह ने पिछले साल नवंबर में एयर इंडिया और विस्तारा के विलय की घोषणा की थी. अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इसे मंजूरी दे दी है. टाटा ग्रुप अपने एयरलाइन कारोबार को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना चाहता है और इस मर्जर से उसे काफी फायदा मिलेगा.
विस्तार के लिए आएगा पैसा
मर्जर के बाद विस्तारा का वजूद एक तरह से खत्म हो जाएगा. टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (SI) में हुए समझौते के तहत 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए सिंगापुर एयरलाइंस एयर इंडिया में करीब 2000 करोड़ रुपए निवेश करेगी. एयर इंडिया इस राशि का इस्तेमाल खुद को मजबूत करने के लिए कर सकती है. कंपनी नए विमान खरीद सकती है, कई नए रूट्स पर संभावनाएं एक्सप्लोर कर सकती है, यात्रियों को लुभाने के लिए नई सुविधाओं की शुरुआत कर सकती है. एक्सपर्ट का कहना है कि विलय के बाद एयर इंडिया का ऑर्गनाइजेशनल स्ट्रक्चर बेहतर हो सकता है, जिससे कंपनी को लागत घटाने में भी मदद मिल सकती है. चूंकि, एविएशन इंडस्ट्री बहुत चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है, ऐसे में लागत कम होने से एयर इंडिया को कई फायदे मिलेंगे.
फोकस करना होगा आसान
इस मर्जर के बाद यात्रियों के मामले में एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय और दूसरी सबसे बड़ी घरेलू विमान कंपनी बन जाएगी. जानकार मानते हैं कि विलय के बाद टाटा ग्रुप के लिए एयरलाइन कारोबार को संभालना ज्यादा आसान हो जाएगा. क्योंकि अलग-अलग कंपनियों पर फोकस करने के बजाए उसे केवल एक पर ध्यान देना होगा. इसके अलावा, उड़ानों और इसकी पोजिशनिंग के मामले में एयर इंडिया ताकतवर बनेगी और ओवरलैपिंग रूट्स को व्यवस्थित करके नए रूट खोलने में भी उसे मदद मिलेगी.
बढ़ेगी विमानों की संख्या
विस्तारा के विलय से एयर इंडिया के बेड़े में विमानों की संख्या बढ़ जाएगी. उसके पास 200 से ज्यादा विमान हो जाएंगे. इसके अलावा, एयर इंडिया को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर कुछ और प्रमुख स्लॉट मिल जाएंगे, जो एयर विस्तारा के लिए उपलब्ध नहीं थे. इस समय एविएशन सेक्टर में IndiGo का दबदबा है. उसके पास बाजार की 50% से ज्यादा हिस्सेदारी है. ऐसे में उसके मुकाबले के लिए एयर इंडिया को अपने पंख और फैलाने की जरूरत है और इस जरूरत को कुछ हद तक एयर विस्तारा पूरा कर सकती है.
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