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75 की उम्र में अपनों से प्रॉपर्टी की जंग, Baba Kalyani के बारे में कितना जानते हैं आप?
बाबा की गिनती देश के सबसे अमीर लोगों में होती है. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 4 अरब डॉलर से अधिक है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
मशहूर बिजनेसमैन बाबा कल्याणी (Baba Kalyani) का नाम हाल ही में तब चर्चा में आया, जब उनके भांजे और भांजी ने प्रॉपर्टी विवाद को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया. समीर हिरेमठ और पल्लवी स्वादी ने अपने मामा बाबा कल्याणी के खिलाफ पुणे सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. वैसे बाबा कल्याणी के लिए मुकदमेबाजी कोई नई बात नहीं है. प्रॉपर्टी को लेकर उनका अपनी बहन सुगंधा हिरेमठ से भी विवाद चल रहा है. 75 साल के बाबा कल्याणी भारत फोर्ज के चेयरमैन हैं.
सुनाई देते थे कामयाबी के किस्से
फिलहाल बाबा कल्याणी की चर्चा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हो रही है, लेकिन एक समय था जब उनकी कामयाबी के हिस्से हर तरफ सुनाई देते थे. बेशक कल्याणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी भारत फोर्ज की स्थापना उनके पिता नीलकंठ कल्याणी ने 1966 में की, लेकिन बाबा के प्रयासों के चलते ही यह ऑटो और एयरोस्पेस कंपोनेंट निर्माता कंपनी आज 52,636 करोड़ रुपए के बाजार मूल्य वाली बन गई है. कारगिल युद्ध के समय इस कंपनी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. भारत फोर्ज की तरह ही समूह की दूसरी कंपनियों की कामयाबी में बाबा कल्याणी का बड़ा योगदान है.
विरोध के बाद भी चुने गए MD
बाबा कल्याणी का जन्म पुणे में हुआ था. उनके पिता का ऑटो पार्ट्स बनाने का एक छोटा सा कारखाना था. बाबा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नेशनल मिलिट्री स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BE (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की. बाबा कल्याणी अपने एकलौते बेटे अमित कल्याणी के साथ भारत फोर्ज का काम देखते हैं. पिछले साल उन्हें कंपनी का दोबारा MD नियुक्त किया गया था. हालांकि, इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर उनकी पुन: नियुक्ति के पक्ष में नहीं थे, लेकिन स्पेशल रिजोल्यूशन उनके हक में गया. दरअसल, प्रमोटर की हिस्सेदारी 45% होने की वजह से बाबा की फिर से नियुक्ति के प्रस्ताव को जरूरी वोट हासिल हो गए.
कारगिल युद्ध में ऐसे की थी मदद
बाबा कल्याणी को उद्योग के क्षेत्र में योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. 2008 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, उन्हें महाराष्ट्र भूषण, ग्लोबल इकॉनमी प्राइज-2009, जर्मन बिजनेसमैन ऑफ द ईयर-2006, आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर-2005, सीईओ ऑफ 2004 और प्रतिष्ठित रत्न वैभव अवॉर्ड जैसे पुरस्कार भी मिले हैं. बाबा की कंपनी का कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि युद्ध के दौरान पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट करने के लिए बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल किया गया था. यह रणनीति कामयाब रही, लेकिन जल्द ही सेना के पास इन तोपों के गोले खत्म होने लगे. इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने बोफोर्स 155 एमएम होवित्जर्स के लिए 'शेल्स' बनाने का काम बाबा कल्याणी की कंपनी भारत फोर्ज को दिया. उस दौरान कंपनी को एक लाख 'शेल्स' का इमरजेंसी ऑर्डर मिला था, जिसे उसने कम समय में पूरा कर दिया.
इतनी है बाबा कल्याणी की नेटवर्थ
बाबा की गिनती देश के सबसे अमीर लोगों में होती है. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 4 अरब डॉलर से अधिक है. बाबा कल्याणी का अपने भाई गौरीशंकर और बहन सुगंधा हिरेमठ से भी विवाद चल रहा है. सुगंधा ने बाबा के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है. उनका कहना है कि बाबा कल्याणी 1994 के फैमिली एग्रीमेंट के तहत उन्हें कैमिकल कंपनी हिकल (Hikal) में हिस्सेदारी देने से मना कर रहे हैं. जबकि फैमिली एग्रीमेंट में उनके पिता नीलकंठ कल्याणी ने हिकल का नियंत्रण और शेयर उन्हें एवं उनके पति जयदेव हिरेमथ को सौंपने की बात कही थी. बाबा के छोटे भाई और उसकी पत्नी ने भी उनके खिलाफ कोर्ट में कई मामले दायर किए हैं. इस कड़ी में ताजा मामला समीर हिरेमठ और पल्लवी स्वादी का है.
अकेले बाबा का अधिकार नहीं
समीर (50) और पल्लवी (48) ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी 2023 में नीलकंठ की पत्नी की मृत्यु के बाद बाबा कल्याणी उनकी वसीयत को लागू नहीं कर रहे हैं. उन्होंने आशंका जताई है कि बाबा परिवार की सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर और बाकी लोगों को संपत्ति से बेदखल कर देंगे. दोनों का कहना है कि उनके परदादा अन्नप्पा कल्याणी एक किसान के साथ-साथ एक व्यापारी भी थे. अन्नप्पा के पास बड़ी चल और अचल संपत्ति थी, जो बाद में उनके एकमात्र बच्चे नीलकंठ को विरासत में मिली. फरवरी 1954 में नीलकंठ सभी संपत्तियों (अर्जित और निवेश) को हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) यूनिट के तहत लेकर आए. 2011 में जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उनके सबसे बड़े बेटे बाबा ने एचयूएफ के मामलों का प्रबंधन करना शुरू कर दिया. साल 2013 में नीलकंठ का निधन हो गया. उनका कहना है कि चूंकि सभी बिजनेस और निवेश फैमिली फंड से शुरू किए गए थे. लिहाजा, सभी बिजनेस और निवेश संयुक्त परिवार की संपत्ति थे और इसलिए बाबा को अकेले इसका अधिकार नहीं है.
कल्याणी समूह में इतनी कंपनियां
कल्याणी समूह की बात करें, तो इसमें भारत फोर्ज के साथ-साथ कई कंपनियां शामिल हैं. Bharat Forge समूह की फ्लैगशिप कंपनी है. इसके अलावा, Hikal Limited, Automotive Axles, BF Utilities Limited, Kalyani Steels, Kalyani Forge, Kalyani Investment Company और BF Investment भी कल्याणी समूह का हिस्सा हैं. कल्याणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप लगभग 62,834 करोड़ रुपए है. समूह के प्रमुख बाबा कल्याणी इस समय हर तरफ से मुकदमेबाजी में घिरे हुए हैं. उनके बेटे अमित कल्याणी को हाल ही में भारत फोर्ज का वॉयस चेयरमैन एवं जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया था.
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