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पेट्रोल-डीजल पर सरकार का बड़ा फैसला, जानिए अचानक क्यों उठाया गया यह कदम
Petrol Diesel Price: सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः मोदी सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (ATF) के अन्य देशों को निर्यात करने पर टैक्स लगाया. ONGC और वेदांता लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ पर भी अब टैक्स देना होगा.
डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया है तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया गया है. इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया गया है.
सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे
सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड तथा निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड की केयर्न ऑयल एंड गैस के कच्चे तेल के उत्पादन पर कर लगाने से और 2.9 करोड़ टन कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन से सरकार को सालाना 67,425 करोड़ रुपये मिलेंगे.
क्यों लिया गया यह फैसला
निर्यात कर इस लिहाज से लगाया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोजनेफ्ट समर्थित नायारा एनर्जी जैसी रिफायनरी यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तेल किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ईंधन का निर्यात करके खासा लाभ कमा रही हैं.
घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी लक्ष्य
निर्यात कर लगाने का एक उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ईंधन की कमी का संकट खड़ा है और निजी रिफायनरी ईंधन की स्थानीय स्तर पर बिक्री करने के बजाए इसके निर्यात को प्राथमिकती दे रही हैं.
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