होम / एक्सप्लेनर / In-Depth Story: कैसे अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिख बैठे Jet Airways वाले नरेश गोयल? 

In-Depth Story: कैसे अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिख बैठे Jet Airways वाले नरेश गोयल? 

नरेश गोयल ने बड़ी मेहनत से जेट एयरवेज को खड़ा किया था, उसे हवाई यात्रियों की पहली पसंद बनाया था, लेकिन उसके क्रैश होने की कहानी भी उन्होंने खुद ही लिख डाली.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago

जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) एक बार फिर से खबरों में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. गोयल आज मुंबई की विशेष अदालत में पेश किया जा सकता है, जहां ED की कोशिश उनकी हिरासत की मांग करेगी. इससे पहले ED ने 19 जुलाई को नरेश गोयल और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी. ED ने नरेश गोयल सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया है और उसी के तहत ये कार्रवाई की है.

टैक्सी से प्लेन तक
अब जब नरेश गोयल की बात निकली है, तो यह भी जानना जरूरी है कि आसमान में उड़ान भरने वाले गोयल एकदम से जमीन पर कैसे आ गए? आखिर ऐसा क्या हुआ कि सफल एयरलाइन में शुमार रही जेट एयरवेज को बंद करना पड़ा. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नरेश गोयल किसी जमाने में ट्रैवल एजेंसी चलाया करते थे. उन्होंने केवल दो बोइंग 737 के साथ जेट एयरवेज की शुरुआत की थी. बताया जाता है कि जेट एयरवेज देश की पहली प्राइवेट एयरलाइन रही, जिसका उद्घाटन JRD टाटा ने किया था. महज थोड़े से समय में इस एयरलाइन ने भारतीय आसमान में अपनी एक अलग जगह बना ली. सस्ते दर पर हवाई यात्रा ऑफर करने जेट इतनी फेमस हो गई कि बाकी एयरलाइन को खतरा महसूस होने लगा, लेकिन फिर वक्त ने करवट ली और हवा से बातें करने वाली जेट एयरलाइन जमीन पर आ गई. 

क्रैश के जिम्मेदार खुद  
गोयल ने बड़ी मेहनत से जेट एयरवेज को खड़ा किया था, उसे हवाई यात्रियों की पहली पसंद बनाया था, लेकिन उसके क्रैश होने की कहानी भी उन्होंने खुद ही लिख डाली. आर्थिक संकट के चलते जेट एयरवेज का कामकाज 17 अप्रैल 2019 को बंद हो गया था. इससे पहले नरेश गोयल ने कंपनी को बचाने के लिए खूब हाथ-पैर मारे, लेकिन सफलता नहीं मिली. उन्होंने अपने फाइनेंशियल एडवाइजर्स से लेकर तमाम एक्सपर्ट्स से राय मांगी, ताकि संकट से कंपनी को बचाया जा सके. उस वक्त, कुछ एडवाइजर्स ने उन्हें पीछे हटकर नए निवेशकों को मौका देने की सलाह दी. उस दौर में टाटा ग्रुप ने जेट में इन्वेस्ट करने में दिलचस्पी दिखाई थी, मगर गोयल ने किसी सलाह पर ध्यान नहीं दिया. गोयल अपने मन की करते रहे और कंपनी बंद होने की दहलीज पर पहुंच गई. हर दिन बढ़ते कर्ज के साथ आखिरकार एक दिन ऐसा आया, जब जेट एयरवेज के विमान केवल शो-पीस बनकर रह गए.

एक नहीं, कई गलतियां कीं
जानकार मानते हैं कि गोयल ने एक नहीं, कई गलतियां की. उनकी एक गलती यह भी थी कि जिन लोगों को उन्होंने हायर किया, उन पर भरोसा नहीं दिखाया. उन्हें 'मैं' से ज्यादा प्यार हो गया था. नरेश गोयल मानने लगे थे कि उनके मुंह से निकली हर बात सही होती है और उसे काटा नहीं जा सकता. गोयल को लगता था कि वो ही जेट एयरवेज हैं. सीधे शब्दों में कहें तो अहंकार उनमें तेजी से पनपने लगा था. हालांकि, वह बातचीत में माहिर थे और इस वजह से कई छोटे-मोटे संकट से जेट को आसानी से निकालकर ले गए.    

हाथ से चला गया मौका
एक रिपोर्ट की मानें, तो कारोबार बंद करने से कुछ दिन पहले तक जेट एयरवेज को हर दिन 21 करोड़ का नुकसान हो रहा था. 2017 में डेल्टा एयरलाइन ने भी जेट में कुछ स्टेक खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. अबू धाबी की सरकारी एयरलाइन कंपनी एतिहाद पहले से ही जेट की पार्टनर थी, मगर नरेश गोयल सौदेबाजी में उलझे रहे. डेल्टा ने गोयल को स्टेक लेने के लिए 300 रुपए प्रति शेयर का ऑफर दिया, लेकिन गोयल 400 रुपए प्रति शेयर से नीचे आने को तैयार नहीं थे. जबकि कंपनी के शेयर 400 रुपए से नीचे ही ट्रेड कर रहे थे. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर उस वक्त गोयल ने सही फैसला लिया होता, तो शायद जेट के सिर से कर्ज का बोझ कुछ कम हो जाता.

सस्ते की जंग में उलझे रहे
2004 में बाजार के 40% हिस्से पर जेट का ही कब्जा था, लेकिन जब नए प्लेयर मार्केट में आए तो नरेश गोयल एक अलग ही रणनीति पर काम करने लगे. इंडिगो और स्पाइस जेट को टक्कर देने के लिए वह पहले सस्ते की जंग में फंसे, फिर उन्होंने 2007 में 1450 करोड़ रुपए में एयर सहारा को खरीदा. इस डील के साथ ही कंपनी फाइनेंशियल और लीगल सहित तमाम तरह की मुश्किलों में फंस गई. इतना ही नहीं, गोयल ने IPO का पैसा कर्ज का बोझ कम करने के बजाए नए प्लेन ऑर्डर करने में खर्च कर दिया.

किंगफिशर से नहीं ली सीख
2012 में जब किंगफिशर बंद हुई, तो नरेश गोयल के पास एक मौका था किंगफिशर के गलत फैसलों से सीख लेने का पर उन्होंने यह मौका भी गंवा दिया. कंपनी के कर्ज में दबे होने के बावजूद उन्होंने 10 एयरबस A330 और बोइंग 777 प्लेन का ऑर्डर दे दिया. गोयल के इस कदम से केवल जेट का खर्चा ही बढ़ा. बात यहीं खत्म नहीं होती. गोयल ने इन जहाजों में सीट भी कम रखीं. एक रिपोर्ट बताती है कि ग्लोबल प्रैक्टिस में जहां 400 सीटें होती हैं, वहीं इसमें सिर्फ 308 सीटें थीं. यानी एक तरह से उन्होंने कमाई पर खुद कैंची चला दी.

8 सीटों का भारी बोझ
जेट के विमानों में फर्स्टक्लास की 8 सीटें थीं, जिनसे कमाई न के बराबर हो रही थी. ऐसे में अधिकारियों ने उन्हें इन सीट्स को सामान्य सीट्स में बदलने की सलाह दी थी, लेकिन गोयल ने इसे अनसुना कर दिया. यही एक गलती जेट एयरवेज के चेयरमैन और फाउंडर के रूप में गोयल बार-बार करते रहे - अधिकारियों पर भरोसा नहीं करना. कहा जाता है कि गोयल को एयर सहारा से डील नहीं करने की सलाह दी गई थी, इसके बावजूद उन्होंने करोड़ों खर्च का सौदा कर डाला. इस तरह 1992 में जिस कंपनी को उन्होंने उम्मीदों के साथ शुरू किया, उसे नंबर वन की पोजीशन दिलवाई, उसे खुद ही बर्बाद कर दिया.

उड़ान भरने की कोशिश
जेट एयरवेज एक बार फिर से उड़ान भरने की कोशिश कर रही है. यूएई के बिजनसमैन मुरारी लाल जालान और लंदन की कंपनी कालरॉक कैपिटल (Kalrock Capital) के कंसोर्टियम ने जून 2021 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत इस एयरलाइन को खरीदा था. हालांकि, अब तक इसका ऑपरेशन शुरू नहीं हो सकता है. गौरतलब है कि जेट एयरवेज से जुड़े मामलों की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं. इनमें ED, सीबीआई और इनकम टैक्स शामिल हैं. CBI ने अपनी जांच में नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और जेट एयरवेज एयरलाइन के डायरेक्टर रहे गौरंग आनंद शेट्टी को आरोपी बनाया है.


टैग्स
सम्बंधित खबरें

यूपी के बंटवारे की माया की इच्छा यदि पूरी हुई, तो कितना बदल जाएगा उत्तर प्रदेश?

मायावती ने लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर से अवध और पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा छेड़ा है.

2 days ago

HNG Insolvency: जस्टिस नरीमन ने कहा कानून के विपरित है AGI रिज्युलेशन प्लान

COC ने CCI की मंजूरी से पहले AGI ग्रीनपैक की समाधान योजना को मंजूरी दे दी, जो दिवाला दिवालियापन संहिता के अनुसार अनिवार्य है.

6 days ago

आखिर Indigo की चिंगारी Vistara होते हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस तक कैसे पहुंच गई?

टाटा समूह की एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सिक लीव पर जाने वाले अपने 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

1 week ago

अगर BJP नहीं पहुंची 400 के पार, तो कैसा होगा शेयर बाजार का हाल?

विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय बाजार में पैसा लगाने के प्रति सावधानी बरत रहे हैं.

1 week ago

यूएस प्रेसिडेंट ने Bharat को बताया Xenophobic, आखिर क्या है इसका मतलब?

यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन का कहना है कि भारत जैसे देश जेनोफोबिक हैं और इसका उनकी इकॉनमी पर असर पड़ा है.

03-May-2024


बड़ी खबरें

कितनी अमीर हैं केजरीवाल के PA की करतूत पुलिस को बताने वालीं Swati Maliwal? 

स्वाति मालीवाल ने आखिरकार पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ दी है. वहीं, उनकी शिकायत पर पुलिस भी एक्शन में आ गई है.

18 minutes ago

सरकारी नौकरी नहीं, यूट्यूबर या शेयर बाजार के जरिये पैसा कमाना चाहता है आज का युवा, जानते हैं क्यों?

युवा पैसा कमाने के लिए पुराने तरीकों की जगह नए तरीकों से पैसा कमाना चाहते हैं. युवा युट्यूब और शेयर बाजार के जरिए पैसा कमाने के आसान विकल्प चुन रहे हैं.

22 minutes ago

स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए Jio ने जमा किए करोड़ों रुपये, Airtel और VI हैं इतने पीछे

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी.

2 hours ago

Vodafone-Idea की पहले से ही हालत खराब, अब हुआ इतने करोड़ का घाटा, जानिए क्यों?

Vodafone idea ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा है कि मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ गया है.

1 hour ago

अब इस दिग्गज निवेशक ने बताया, BJP गई 400 पार तो कैसी होगी बाजार की चाल 

लोकसभा चुनाव के 4 चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन चरण का मतदान होना अभी बाकी है. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.

3 hours ago