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TATA ने आते ही आखिर ऐसा क्या किया कि सुधरने लगी एयर इंडिया की चाल?
अब एयर इंडिया ऐसे 10 जंबो जेट्स को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है, जो पिछले काफी समय से धूल फांक रहे हैं. इन विमानों को अगले साल तक ऑपरेशन में लाने की योजना है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
टाटा ग्रुप ने जब से एयर इंडिया को खरीदा है, तब से कंपनी हर दिन मजबूती से आगे बढ़ रही है. उसकी परफॉरमेंस पहले से बेहतर हुई है, उसके ऑन-टाइम परफॉरमेंस (OTP) रेट में सुधार आया है और अब कंपनी को करियर के रूप में देखने वालों की तादाद भी बढ़ी है. इसका एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला था, जब इंडिगो के कर्मचारी बड़े पैमाने पर छुट्टी पर चले गए थे.
बेड़े में शामिल होंगे ये विमान
अब एयर इंडिया ऐसे 10 जंबो जेट्स को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है, जो पिछले काफी समय से धूल फांक रहे हैं. इन विमानों को अगले साल तक ऑपरेशन में लाने की योजना है. दरअसल, कंपनी दिल्ली और कनाडा के वैंकूवर के बीच 31 अगस्त के बाद से डेली फ्लाइट शुरू करने वाली है. अभी दिल्ली-वैंकूवर रूट पर उसकी सप्ताह में तीन उड़ानें ही संचालित होती हैं. एयर इंडिया ने भारत-कनाडा के बीच बढ़ती आवाजाही को देखते हुए यह फैसला लिया है. इसलिए उसे अब बड़े विमानों की ज़रूरत है.
खरीदे जाएंगे 200 विमान!
जंबो जेट्स में बड़ा फ्यूल टैंक होता है, जिससे एयर इंडिया को भारत-अमेरिका तथा भारत-कनाडा जैसी लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने में आसानी होगी. 10 बड़े विमानों के अगले साल तक बेड़े में शामिल होने से कंपनी अपनी विस्तार योजना पर तेजी से अमल कर सकती है. इससे पहले, यह खबर भी आई थी कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया के लिए 200 नए विमान खरीदने की योजना बना रहा है.
टाइम मैनेजमेंट पर जोर
टाटा के एयर इंडिया की कमान संभालने के बाद से कंपनी में कई बड़े बदलाव हुए हैं, जिनका असर उसकी परफॉरमेंस पर भी पड़ा है. हर स्तर पर एयर इंडिया पहले से बेहतर कर रही है. कुछ समय पहले तक एयर इंडिया देरी के लिए प्रसिद्ध हो गई थी, लेकिन अब उसके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है. फ्लाइट्स के संचालन में टाइम मैनेजमेंट सबसे अहम है. क्योंकि लेटलतीफी वाली फ्लाइट से कोई सफर करना नहीं चाहेगा. इसलिए टाटा ने सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट पर जोर दिया और इसका असर भी देखने को मिला.
OTP रेट में आया सुधार
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी DGCA की एक रिपोर्ट बताती है कि मार्च में एयर इंडिया के ऑन-टाइम परफॉरमेंस (OTP) रेट में सुधार आया है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद, इन 4 मेट्रो एयरपोर्ट्स से एयर इंडिया के डिपार्चर पैटर्न पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में एयरलाइन्स का OTP 91.2% रहा. जबकि अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर 2021 में ये क्रमश: 75.1, 67.9, 71.7 प्रतिशत था. इसके अलावा, टिकट कैंसिलेशन के मामले में भी एयर इंडिया का रिकॉर्ड पहले से काफी बेहतर रहा. एयर इंडिया के यात्रियों के ट्रेवल एक्सपीरियंस में सुधार हुआ है और साथ ही फ्लाइट का परिचालन पहले से बेहतर हुआ है.
एक्सपेंशन पर फोकस
टाटा ग्रुप का मुख्य मुकाबला इंडिगो से है, इसलिए उसे हर मोर्चे पर बेस्ट परफॉर्म करना होगा. एक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया 56 घरेलू तथा 42 अंतरराष्ट्रीय स्थानों के साथ 98 स्थानों को कवर करती है. एयर एशिया इंडिया और विस्तारा पहले से ही टाटा ग्रुप के पास हैं. ऐसे में एयर इंडिया को खरीदने के बाद एविएशन सेक्टर में टाटा का दबदबा बढ़ा है. हालांकि, उसे अब भी इंडिगो से कड़ी टक्कर मिल रही है. सिविल एविएशन डेटा के अनुसार, फरवरी 2020 में इंडिगो की भारतीय बाजार में 47.9 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अगस्त 2021 में बढ़कर 51% हो गई. जबकि 2020 में स्पाइस जेट की 16%, एयर इंडिया की 11.8%, गो एयर की 9.9 % और विस्तारा की हिस्सेदारी 6.6 फीसदी थी. यानी बाकी सभी इंडिगो से पीछे हैं. कलेक्टिव तौर पर भी टाटा ग्रुप को इंडिगो को पीछे छोड़ने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी. यही वजह है कि कंपनी एक्सपेंशन प्लान पर फोकस कर रही है.
कर्मचारियों का ख्याल
एयर इंडिया अब यात्रियों से लेकर कर्मचारियों तक सबको आकर्षित कर रही है. टाटा ग्रुप के बारे में माना जाता है कि वो कर्मचारियों के अधिकारों और सुविधाओं का पूरा ख्याल रखता है. इसलिए एविएशन सेक्टर से जुड़े कर्मचारी एयर इंडिया से जुड़ना चाहते हैं. हाल ही में जब इंडिगो के एक साथ कई कर्मचारी छुट्टी पर चले गए, तो यह बात सामने आई थी कि सभी क्रू मेंबर्स ने एयर इंडिया के वॉक-इन इंटरव्यू में शिरकत की थी. अलग-अलग शहरों से एक साथ कई कर्मचारियों के सिक लीव पर चले जाने से इंडिगो की 900 उड़ानें देरी से उड़ान भर सकीं थीं. बता दें कि इंडिगो रोजाना 1,600 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का ऑपरेशन करती है.
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