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Bharat से 4,201 किमी दूर हो रहे हूती विद्रोहियों के हमले, फिर क्यों बढ़ रही देश की चिंता?
यमन के हूती विद्रोही लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इससे भारत का व्यापार भी प्रभावित हो सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
पहले रूस-यूक्रेन, फिर इजरायल-हमास और अब एक नए संघर्ष ने भारत के माथे पर चिंता के बल डाल दिए हैं. भारत के अरबों डॉलर के कारोबार पर संकट के बदल मंडरा रहे हैं. दरअसल, यमन के हूती विद्रोही (Houthis Rebel Group) लाल सागर (Red Sea) से गुजरने वाले कमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं. लाल सागर यूरोप और एशिया के बीच व्यापार का मुख्य समुद्री मार्ग है. इससे स्वेज नहर के रास्ते होने वाला कारोबार भी खतरे में पड़ गया है. भारत बड़ी संख्या में इस रूट से इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करता है. यदि यहां हालात ठीक नहीं हुए, तो उसका कारोबार प्रभावित होना लाजमी है.
13 जहाजों को बनाया निशाना
मीडिया रिपोर्ट्स, हूती विद्रोहियों के हमले के चलते दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने इस रूट पर अपना ऑपरेशन रोक दिया है. 193 किमी लंबी स्वेज नहर का ग्लोबल ट्रेड में करीब 12 प्रतिशत योगदान है. दुनिया का लगभग 30% कंटेनर मूवमेंट इसी मार्ग से होता है. हूती विद्रोहियों के पास ड्रोन और एंटी-शिप मिसाइलें हैं और वो इन्हीं से अब तक 13 जहाजों को निशाना बना चुके हैं. दुनिया की 4 बड़ी शिपिंग कंपनियों ने लाल सागर के रास्ते अपने ऑपरेशन को फिलहाल रोक दिया है. MSC, CMA CGM, Maersk और Hapag Lloyd ली ग्लोबल मेरिटाइम ट्रेड में करीब 53 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इससे समझा जा सकता है कि आने वाला समय कैसा होगा.
भारत पर ऐसे पड़ेगा असर
स्वेज नहर में 2021 में जब एक बड़ा जहाज कुछ दिनों तक अटका रहा था, जिसके चलते ग्लोबल सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई थी. इस नहर को एशिया और यूरोप की लाइफलाइन कहा जाता है. भारत भी इस घटना से प्रभावित हुआ था. उस दौर में भारत का लगभग 200 अरब डॉलर का समुद्री व्यापार इसी रूट होता था, लेकिन अब ये आंकड़ा काफी ज्यादा बड़ा हो गया है. एक रिपोर्ट बताती है कि Bharat स्वेज नहर के रास्ते यूरोप को खाद्य पदार्थ, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भेजता है. साथ ही इसी मार्ग से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल आयात करता है. यदि हालात जल्द नहीं सुधरे, तो भारत को रूस से मिलने वाले सस्ते कच्चे तेल की शिपमेंट पर असर पड़ सकता है. इसी तरह, भारत का एक्सपोर्ट भी प्रभावित हो सकता है. ऐसे में उसे दोहरे नुकसान का सामना करना होगा.
आखिर क्यों हो रहे हैं हमले?
संघर्ष बढ़ने पर भारत को कोई वैकल्पिक मार्ग खोजना होगा, जो बेहद मुश्किल और खर्चीला होगा. अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर हूती विद्रोही ऐसा क्यों कर रहे हैं. CBC की एक रिपोर्ट बताती है कि हूती विद्रोही इजरायल को चोट पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे केवल उन्हीं जहाजों पर हमले कर रहे हैं, जिनका इजरायल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई जुड़ाव है. विद्रोही इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर किए जा रहे हमलों से नाराज हैं. हालांकि, यह भी सामने आया है कि हूती विद्रोहियों ने ऐसे जहाजों को भी निशाना बनाया, जिनका इजरायल से कोई कनेक्शन नहीं है. यही वजह है कि बड़ी शिपिंग कंपनियों ने इस रूट से गुजरना फिलहाल बंद कर दिया है. माना जा रहा है कि अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं. बता दें कि भारत से लाल सागर की दूरी 4,201 किमी है.
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