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Explainer: चीन की बिगड़ती आर्थिक सेहत दुनिया के लिए कितनी खतरनाक?

चीन आर्थिक मोर्चे पर परेशानियों का सामना कर रहा है. जानकार मानते हैं कि संकट गहराने पर पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो सकती है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago

पड़ोसी चीन (China) इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है. उसकी अर्थव्यवस्था दबाव में है और हालात सुधरने के बजाए लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. कोरोना काल के बाद से उसके लिए परिस्थितियां विपरीत हो गई हैं. ग्लोबल कंपनियां चीन के विकल्प के तौर पर भारत को तवज्जो दे रही हैं. अंदरूनी तौर पर भी उसे तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उसकी विकास दर की रफ्तार धीमी हो गई है, जबकि बेरोजगारी बढ़ रही है. रियल एस्टेट सेक्टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कहने को इसे, चीन की समस्या कहा जा सकता है, लेकिन ड्रैगन की बढ़ती मुश्किलों से दुनिया अछूती रहेगी, ऐसा भी नहीं है.

ग्लोबल कंपनियों का है घर
भले ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों का चीन से मोहभंग हो रहा है, लेकिन अभी भी वो सैकड़ों ग्लोबल कंपनियों का घर है. iPhone बनाने वाली Apple से लेकर फॉक्सवैगन और फैशन ब्रैंड बरबेरी जैसी कई कंपनियों की कमाई का बड़ा हिस्सा चीन से आता है. यदि चीन गंभीर आर्थिक संकट में फंसता है और चीनियों की पर्चेजिंग पावर घटती है, तो इन कंपनियों की फाइनेंशियल हेल्थ बिगड़ जाएगी. जिसके चलते इन कंपनियों से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर जुड़े सभी लोग प्रभावित होंगे. माना जाता है कि दुनिया के एक-तिहाई से अधिक विकास में चीन का महत्वपूर्ण योगदान है, ऐसे में उसका संकट केवल उसका ही नहीं रहेगा.  

बिगड़ जाएगी सबकी बैलेंसशीट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने हाल ही में कहा था कि चीन की मंदी वैश्विक विकास की संभावनाओं पर असर डाल रही है. इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी ने 2024 में पूरी दुनिया के लिए अपने पूर्वानुमान को कम कर दिया है. वैसे, चीन आयात से ज्यादा निर्यात पर जोर देता है. यानी वह दूसरे देशों से कम सामान मंगवाता है, लेकिन अपना सामान दूसरे देशों को ज्यादा बेचता है. इस नजरिए से देखें, तो वो सभी देश जो सस्ते चीनी सामान पर निर्भर हैं, चीन की मुश्किल से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. साथ ही जिन देशों से चीन आयात करता है, उनकी बैलेंसशीट भी बिगड़ जाएगी. 

अटक जाएंगी कई परियोजनाएं
चीन ने पिछले 10 सालों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक निवेश किया है. इस परियोजना के तहत 150 से अधिक देशों को सड़क, समुद्री बंदरगाह और पुल बनाने के लिए चीन ने पैसा और तकनीकी मदद उपलब्ध कराई है. ऐसे में यदि चीन आर्थिक समस्याओं में घिरा रहता है, तो इस प्रोजेक्ट के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन के प्रति दुनिया का नजरिया भले ही कैसा भी हो, लेकिन उसका आर्थिक रूप से मजबूत रहना सभी के हित में है. 
 


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