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अक्टूबर से शुरू होंगी देश में 5G सेवाएं! जियो और एयरटेल में इस बैंड के लिए हुई तगड़ी लड़ाई
5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रकिया में 4 कंपनियों ने हिस्सा लिया था. मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: सात दिन और 40 राउंड की बोली प्रक्रिया के बाद 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी ख्त्म हो चुकी है. सरकार को इस नीलामी से 1,50,173 करोड़ रुपये मिले हैं. इसी के साथ सरकार ने साल 2015 में 4G स्पेक्ट्रम की नीलामी से हुई कमाई का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. सरकार को 4G स्पेक्ट्रम की नीलामी से 1.09 लाख करोड़ रुपये मिले थे. इसके पहले साल 2010 में 3G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी, उसमें सरकार को 50,968 करोड़ रुपये मिले थे.
कैसी रही 5G स्पेक्ट्रम की बोली
5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रकिया में 4 कंपनियों ने हिस्सा लिया था. मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स. इन चारों कंपनियों के सामने 10 बैंड्स के कुल 72 GHz स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा गया था, जिनकी कुल कीमत 4.3 लाख करोड़ रुपए थी. नीलामी के पहले दिन 5G स्पेक्ट्रम के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं, लेकिन बोली के आखिरी दिन सरकार को तीन राउंड की बोली में सिर्फ 43 करोड़ रुपये ही मिले. अगर देखा जाए तो सरकार मात्रा के हिसाब से 71 परसेंट स्पेक्ट्रम बेचने में कामयाब रही, लेकिन कीमत के हिसाब से उसे 4.3 लाख करोड़ रुपये का सिर्फ 35 परसेंट ही मिला. 10 बैंड में सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बोलियां मंगवाईं थी, लेकिन 600 MHz, 800 MHz, 2300 MHz के लिए बोलियां नहीं मिलीं. करीब 75 परसेंट बोलियां 3300 MHz और 26 GHz के लिए थीं, बाकी 700 MHz के लिए आईं,
किसको क्या मिला
स्पेक्ट्रम की होड़ में चार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, लेकिन बाजी मारी मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने. रिलायंस जियो ने 24,740 MHz 5G स्पेक्ट्रम खरीदा, जिसकी कीमत 88,078 करोड़ रुपये. रिलायंस जियो ने 700 MHz, 800 MHz, 1800 MHz, 3300 MHz, 26 GHz के लिए स्पेक्ट्रम खरीदा है.
नंबर दो पर रही सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल 43,084 करोड़ रुपये खर्च करके 19867.8 MHz स्पेक्ट्रम हासिल किया, जिसमें 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 3300 MHz, 26 GHz बैंड के स्पेक्ट्रम शामिल हैं. तीसरे नंबर पर रही वोडाफोन आइडिया जिसने 18,799 करोड़ रुपये खर्च करके 6,228 MHz खरीदा, जिसमें 1800 MHz, 2100 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz, 26 GHz शामिल है. और चौथे नंबर पर अडानी डेटा रही, जिसने सिर्फ 400 MHz स्पेक्ट्रम खरीदा और इसके लिए 212 करोड़ रुपये चुकाए.
कहां रही टक्कर
सबसे तगड़ी टक्कर देखने को मिली यूपी ईस्ट में 1800 MHz बैंड को लेकर, रिलांयस जियो और भारतीय एयरटेल के बीच इस सर्किल में स्पेक्ट्रम के लिए तगड़ी लड़ाई हुई. रिलायंस जियो ने इसमें 10 MHz बैंड हासिल किया जिसके लिए उसने 1646 करोड़ रुपये चुकाए, जो कि इसके बेस प्राइस से 81 परसेंट ज्यादा रही. दरअसल, इस स्पेक्ट्रम की प्रति यूनिट कीमत 91 करोड़ रुपये थी, जो बढ़ते बढ़ते 160.57 करोड़ रुपए तक हो गई. इस सर्कल में 10 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं.
कब से शुरू होंगी 5G सेवाएं
सरकार का कहना है कि 10 अगस्त से कंपनियों को स्पेक्ट्रम का आवंटन हो जाएगा और सबकुछ ठीक रहा तो इसी साल अक्टूबर से 5जी सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी. यानी लोगों को 4G के मुकाबले गुना स्पीड के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना है. देश में संचार क्रांति का एक नया युग शुरू होगा.
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