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5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू, क्या अंबानी और अडानी ग्रुप में छिड़ेगा टेलीकॉम वॉर?
सबकुछ ठीक ठाक रहा तो अनुमान है कि 5G सेवाएं इस साल के अंततक या साल 2023 के शुरुआत में शुरू हो सकती हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: 4G के बाद अब 5G का जमाना आने वाला है, क्योंकि आज 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो रही है. इस नीलामी में 72 GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा रही है. जिससे सरकार को 4.3 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
5G स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू
इस नीलामी में चार कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो के अलावा अडानी ग्रुप भी शामिल है. अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी डाटा नेटवर्क्स भी इस नीलामी में हिस्सा ले रही है. इस स्पेक्ट्रम नीलामी में खास बात ये है कि इसमें नॉन टेलीकॉम कंपनियों को भी बोली लगाने की इजाजत दी गई है. यानी जो कंपनियां कैप्टिव इस्तेमाल के लिए स्पेक्ट्रम चाहती हैं तो वो भी इसमें हिस्सा ले सकती है. बोली प्रक्रिया आज सुबह सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे समाप्त खत्म हो जाएगी.
कब तक शुरू होंगी 5G सेवाएं
सबकुछ ठीक ठाक रहा तो अनुमान है कि 5G सेवाएं इस साल के अंततक या साल 2023 के शुरुआत में शुरू हो सकती हैं. एयरटेल का कहना है कि जब नीलामी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो उसके 2 से 4 महीने के बाद वो 5G सेवाएं शुरू कर देंगे
4 क्षेत्रों में टेस्टिंग
5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से पहले, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी TRAI ने 5जी नेटवर्क का पायलट परीक्षण भी शुरू कर दिया है. भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल के साथ ट्राई ने चार क्षेत्रों में परीक्षण शुरू किया है. ट्राई ने भोपाल स्मार्ट सिटी, जीएमआर इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली, दीनदयाल पोर्ट कांडला और बैंगलुरू के नम्मा मेट्रो में टेस्टिंग की है. ये टेस्टिंग करीब 10-11 लोकेशंस पर की गई है, जिसमें ट्रैफिक सिग्नल, स्ट्रीट लाइट्स, बस शेल्टर के इस्तेमाल पर ये टेस्ट किए गए हैं.
5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में क्या खास
स्पेक्ट्रम की नीलामी कई फ्रीक्वेंसी बैंड में होगी. लो फ्रीक्वेंसी, मिड फ्रीक्वेंसी और हाई फ्रीक्वेंसी. लो फ्रीक्वेंसी में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz शामिल हैं. मिड फ्रीक्वेंसी में 3300 MHz और हाई फ्रीक्वेंसी में 26 GHz के फ्रीक्वेंसी बैंड शामिल हैं. स्पेक्ट्रम टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल के लिए मिलेगा
बोली में सफल कंपनियों को 20 बराबर किस्तों में पेमेंट करना होगा, अगर कोई कंपनी स्पेक्ट्रम सरेंडर करना चाहे तो कम से कम 10 साल तक उसे इंतजार करना होगा. इससे पहले वो सरेंडर नहीं कर सकेगी. अच्छी बात ये है कि इस नीलामी में सरकार ने स्पेक्ट्रम यूजेस चार्ज यानी SUC को हटा दिया है.
क्या अंबानी- अडानी में छिड़ेगी जंग?
टेलीकॉम डिपार्टमेंट की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो ने ₹14,000 का EMD जमा किया है, EMD यानी Earnest Money Deposit. जो कि चारों खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा है. अडानी ग्रुप ने सबसे कम 100 करोड़ का EMD दिया है. दरअसल, अडानी ग्रुप इस स्पेक्ट्रम की बोली में भले ही शामिल है, लेकिन गौतम अडानी ने बताया था कि वो प्राइवेट नेटवर्क तैयार करके अपने बिजनेस को सपोर्ट करना चाहते हैं, इसलिए वो 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेंगे. मतलब ये कि वो उपभोक्ताओं के लिए सेवाएं नहीं शुरू करेंगे बल्कि स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल सिर्फ अपने एयरपोर्ट्स और डाटा सेंटर्स के बिजनेस को बढ़ाने में ही करेंगे. यानी इससे साफ है कि रिलायंस जियो और अडानी ग्रुप के बीच टेलीकॉम को लेकर कोई जंग नहीं छिड़ने जा रही है.
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