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BW Disrupt: सफलता की इबारत लिख चुकीं महिलाओं ने बताया कैसे हुईं सफल
BW बिजनेसवर्ल्ड की तरफ से दिल्ली में आयोजित WESA के पांचवें एडिशन में बिजनेस की दुनिया में नाम कमा चुकीं महिलाओं ने अपने सफर के बारे में बताया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
BW बिजनेसवर्ल्ड (Businessworld) द्वारा दिल्ली में WESA (Women Entrepreneurship Summit & Awards) के पांचवें एडिशन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अलग-अलग सेक्टर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकीं महिलाएं शिरकत कर रही हैं. इस आयोजन की शुरुआत BW Business World के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ डॉक्टर अनुराग बत्रा के संबोधन के साथ हुई. इसके बाद पैनल डिस्कशन में Women Entrepreneurs ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखे.
इन्होंने लिया डिस्कशन में हिस्सा
'Playing Beyond Traditional Game Field: Women Founders Driving Innovation' विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में Myles Cars की को-फाउंडर साक्षी विज, Pristyn Care की को-फाउंडर Dr. Garima Sawhney, Hats Off Accessories की फाउंडर सुनैना हरजाई, Stonks Studios की को-फाउंडर और पार्टनर तनिषा फग्वानी ने हिस्सा लिया. सेशन चेयर के तौर पर Elxir AI की फाउंडर और सीईओ मयूराक्षी दास मौजूद रहीं. दास ने सभी Women Entrepreneurs ने उनकी लाइफ, संघर्ष और सफलता से जुड़े सवाल पूछे. डिस्कशन की शुरुआत करते हुए मयूराक्षी दास ने सभी पैनलिस्ट से जानना चाहा कि एक इंडिविजुअल के रूप में उनका बेंचमार्क क्या है?
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बनाई पहचान
Myles Cars की को-फाउंडर साक्षी विज ने दास के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी को अपने बेंचमार्क खुद स्थापित करने होए हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पुरुष हैं या महिला. यदि आपका उद्देश्य ग्रोथ है, तो आपको केवल यही देखना चाहिए कि उस सेक्टर पर कौन सबसे ज्यादा इम्पैक्ट डाल रहा है और आप उससे आगे कैसे निकल सकते हैं, कैसे आप अपने दम पर अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं. साक्षी ने आगे कहा - मैं ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हिस्सा हूं, जिसे पूरी तरह से पुरुष प्रधान माना जाता है. पीछे कुछ सालों में इसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है. इस सवाल के जवाब में कि किस वजह से वह इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनीं? साक्षी विज ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल कुछ नया सीखने का था और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री उन्हें बेहद रोचक लगी थी. साक्षी ने यह भी कहा कि हमें पुरुषों से तुलना में नहीं बल्कि खुद को साबित करने पर विश्वास करना चाहिए.
रिस्क उठाया और हासिल की कामयाबी
Pristyn Care की को-फाउंडर Dr. Garima Sawhney ने बताया कि वह एक ट्रेडिशन फैमिली से आती हैं. परिवार में वह पहली ऐसी लड़की थीं, जिसने बिजनेस करना का फैसला लिया. गरिमा ने कहा - ट्रेडिशनल इंडियन फैमिली में लड़कियों को लेकर यह बातें नहीं होतीं कि उन्हें भविष्य में क्या करना है, बल्कि ये चर्चा होती है कि उनकी किस उम्र में शादी करनी है. शादी के बाद जब मैंने बिजनेस करने के अपने प्लान के बारे में फैमिली को बताया, तो ज़्यादातर लोग हैरान रह गए. कई लोगों ने सलाह दी कि अच्छी -खासी नौकरी छोड़कर क्यों बिजनेस के चक्कर में पड़ रही हो. उन्होंने आगे कहा - मैं जानती थी कि नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू करना रिस्की था और लोग भी खिलाफ थे. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम रही. बहुत मुश्किल था इन सबके बीच कुछ करना, मगर मैंने कर दिखाया. मुझे लगता है कि यदि महिलाओं ने कुछ करने का ठान लिया है, तो फिर उन्हें किसी बात से डरना नहीं चाहिए. जो सही लगे, उसे जरूर करना चाहिए.
हर फील्ड में आगे बढ़ रहीं महिलाएं
वहीं, Hats Off Accessories की फाउंडर सुनैना हरजाई ने कहा - मेरे पिता भी फर्स्ट जनरेशन Entrepreneur थे, जब उन्हें देखती थी कड़ी मेहनत करते हुए तभी सोच लिया था कि उनके जैसा ही कुछ करना है. मैं उनके ऑफिस जाती थी, कुर्सी पर बैठती थी. सुनैना के मुताबिक, परिवार का सपोर्ट बहुत मायने रखता है. अमूमन लड़के को कहा जाता है कि उसे ही फैमिली बिजनेस संभालना है, लेकिन लड़की के लिए ऐसी बात नहीं होती. शायद यही वजह है कि बिजनेस सेक्टर में महिलाओं की मौजूदगी पुरुषों के मुकाबले कम है. हालांकि, खुशी की बात ये है कि हमारी संख्या धीरे-धीरे ही सही लेकिन बढ़ रही है. आज महिलाएं वो सब कर रही हैं, जिसपर केवल पुरुषों का एकाधिकार माना जाता था. बता दें कि सुनैना की कंपनी Hats Off Accessories पुरुषों और महिलाओं के लिए हैंडक्राफ्ट लेदर फुटवेयर बनाती है.
कोरोना ने दिया झटका, राह बदल पाई शोहरत
Stonks Studios की को-फाउंडर और पार्टनर तनिषा फग्वानी ने कहा कि उन्होंने कुछ एक्स्ट्रा पॉकेट मनी के लिए अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया था. उन्होंने उसके लिए जीतोड़ मेहनत की, सबकुछ उम्मीद के अनुरूप आगे भी बढ़ने लगा. उनके प्रोडक्ट लोगों को पसंद भी आ रहे थे, लेकिन फिर कोरोना महामारी ने सबकुछ खराब कर दिया. यहीं से उन्होंने कुछ नया करने का फैसला लिया. तनिषा ने कहा - कई लोगों ने मुझे कहा कि आपके प्रोडक्ट अच्छे हैं, आप उन्हें बनाना जारी रखें, पर मैंने सोच लिया था कि अब कुछ नया करना है. मैं क्रेअटर नहीं हूं, लेकिन क्रेअटर बिजनेस को बहुत पसंद करती हूं. क्रेअटर इकॉनमी बूम पर है. मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस होता है कि Stonks में 48% फीमेल वर्कफोर्स है, जिसमें से 30% महिलाएं लीडरशिप रोल में हैं. वहीं, चर्चा के दौरान Elxir AI की फाउंडर और सीईओ मयूराक्षी दास ने कहा कि हमें समाज को कुछ वापस देना चाहिए. चाहे सोशल वर्क या किसी और माध्यम से, जिस पर सभी ने सहमति दर्शाई.
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