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महिलाओं में निवेश प्रतिशत क्यों है कम? जानें क्या है महिला आंत्रप्रेन्योर के विचार?
BW Business world के Women Entrepreneur Intrapreneurs Summit and Awards में महिला आंत्रप्रेन्योरर्स ने भाग लेकर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आंत्रप्रेन्योर बनने के लिए प्रेरित किया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
BW Business world के Women Entrepreneur Intrapreneurs Summit and Awards कार्यक्रम में कई महिला आंत्रप्रेन्योरर्स ने भाग लिया. समिट के 5वें सेशन में आयोजित पैनल चर्चा में इनवेस्ट की वूमन, एक्सेलारेट प्रोग्रेस (Invest In Women, Accelerate Progress) विषय पर तीन आंत्रप्रेन्योर महिलाओं ने अपने विचार रखे. इस पैनल में Orios Venture Partner की पार्टनर सुखमन बेदी, Ankurit Capital की को-फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर नताशा और WinPe की फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर नुपुर गर्ग ने भाग लिया.
महिलाओं में निवेश के लिए सोच बदलने की जरूरत
ओरियोस वेंचर (Orios Venture Partner) की पार्टनर सुखमन बेदी ने कहा महिला और पुरुष फाउंडर्स में कोई अंतर नहीं है, जबकि महिलाएं पुरुषों से बेहतर समझती हैं. महिलाओं में सहानुभूति का स्तर भी अधिक होता है, जो पुरुषों में कम देखा जाता है. ऐसे में हमें महिलाओं को भी आगे बढ़ने के अवसर देने चाहिए, जबकि हम देखते हैं कि निवेशक पुरुषों के उद्योग में अधिक निवेश करते हैं. महिलाएं शिक्षित हैं, उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और ऐसे कई निवेशक हैं जो बायस्ड नहीं हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में निवेश का प्रतिशत निश्चित रूप से कम है, लेकिन इसके बाद भी अब महिलाएं आंत्रप्रेन्योर आगे बढ़कर उद्योग कर रही हैं. हमें अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करनी चाहिए. महिला संस्थापक के लिए निवेशक बहुत ज्यादा बायस्ड हो गए हैं, उनकी शादी और फिर मां बनने के बाद उनके साथ बहुत भेदभाव किया जाता है. लोगों को सोच बदलनी होगी और महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा. महिलाएं गेम चेंजर हैं, उन्हें सावधानी से चलते हुए अपने लक्ष्य को पाना होगा.
महिलाओं को बाहर निकलने और नेटवर्क बनाने की जरूरत
अंकुरित कैपिटल (Ankurit Capital) की को-फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर नताशा ने कहा कि हमें हमेशा महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए. सिडबी महिला उद्यमियों को आगे बढ़ने के लिए निवेश में मदद करता है. सिडबी की महिला उद्यम निधि महिला उद्यमियों को नया व्यवसाय स्थापित करने के लिए इक्विटी फंड की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है. पहले महिलाओं को निवेश नहीं मिलता था लेकिन अब पुरुष और महिला के प्रति निवेशक निष्पक्ष होकर सोचने लगे हैं और महिलाओं को भी निवेश दे रहे हैं. उन्होंने कहा है वह महिलाओं को एक नेशनल लीडर के रूप में देखती हैं. महिलाओं को घर से बाहर निलकर और लोगों से नेटवर्किंग बनाने की जरूरत है. उन्हें साहस के साथ आगे बढ़ना है और फिर उन्हें एक सफल आंत्रप्रेन्योर बनने से कोई नहीं रोक सकता है.
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महिलाओं को जागरूकता और समर्थन की जरूरत
विनपी (WinPe) की फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर नुपुर गर्ग ने कहा कि मल्टीपल रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि महिलाओं को पक्षपात का सामना करना पड़ता है. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3 सालों में वीसी फंडिंग में महिलाओं के स्टार्ट-अप को 75 प्रतिशत नकारा गया है. कुल मिलाकर फंडिंग का माहौल महिलाओं के लिए इतना उत्साहजनक नहीं था, लेकिन 2024 में हम इसमें तेजी आने की उम्मीद कर रहे हैं. एक महिला को आंत्रप्रेन्योर बनने का सपना देखने दें और उसका पूरा सहयोग करें. महिलाएं भी अपनी शिक्षा बर्बाद न करें, जागरूक बनें और अपना खुद का काम शुरू करें. महिलाओं के लिए वन टू वन सेशन, मेंटरशिप प्रोग्राम, नेटवर्किंग, राउंड टेबल जैसे कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए, जिससे उनके अंदर आंत्रप्रेन्योर बनने का साहस पैदा हो और वो भी बाजार में उतरने की हिम्मत ला पाएं. महिलाएं भी पुरुषों की तरह उद्योग कर सकती हैं, उन्हें केवल जागरूकता और समर्थन की जरूरत है.
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