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भारत-जापान के आर्थिक रिश्ते मजबूत कर रहा FTA, महाराष्ट्र को इस तरह मिल रहा लाभ
जापान ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी में वर्ल्ड लीडर है, और भारतीय कंपनियां इस टेक्नोलॉजी तक पहुंचने और अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए FTA का लाभ उठा सकती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
- आनंद मादिया (Anand Madia)
भारत-जापान मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता है, जिसका उद्देश्य व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. इस समझौते पर 2011 में हस्ताक्षर किए गए थे, तब से अब तक दोनों देशों को इससे महत्वपूर्ण लाभ हुआ है. FTA दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में सफल रहा है. समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पहले वर्ष में जापान से भारत के निर्यात में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (स्रोत: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार).
इतना है द्विपक्षीय व्यापार
भारत-जापान FTA के तहत सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में व्यापार और निवेश शामिल हैं. हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच व्यापार के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और जापान भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक के रूप में उभरकर सामने आया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में भारत और जापान के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 20.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत से जापान का निर्यात 6.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 14.39 अमेरिकी डॉलर था.
जापान महत्वपूर्ण साझेदार
FTA के तहत सहयोग का एक अन्य क्षेत्र है इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट. दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार के प्रयासों में जापान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है.
FTA से महाराष्ट्र को बड़ा फायदा
भारत-जापान एफटीए से महाराष्ट्र को आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ है. 2019-20 में 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की जीडीपी के साथ महाराष्ट्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मामले में भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यह मैन्युफैक्चरिंग, मोटर वाहन और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई प्रमुख उद्योगों का घर है. एफटीए इन उद्योगों को अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने और जापानी बाजार का लाभ उठाने के अवसर प्रदान करता है.
जापानी निवेश में इजाफा
राज्य ने हाल के वर्षों में जापानी निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिसमें जापानी कंपनियों ने ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन सहित कई क्षेत्रों में ऑपरेशन सेटअप किया है. महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में जापानी निवेश 2019-20 में 1.25 बिलियन डॉलर रहा, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक था. महाराष्ट्र में निवेश करने वाली कुछ प्रमुख जापानी कंपनियों में ऑटोमोटिव दिग्गज, इंजीनियरिंग फर्म और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों ने राज्य में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की हैं, रोजगार के अवसर सृजित किए हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया है.
जापान को भी बराबर का लाभ
महाराष्ट्र की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री भारत-जापान एफटीए से लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छी स्थिति में है. जापान ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी में वर्ल्ड लीडर है, और भारतीय कंपनियां इस टेक्नोलॉजी तक पहुंचने और अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए FTA का लाभ उठा सकती हैं. 2019-20 में, ऑटोमोटिव उद्योग ने राज्य की अर्थव्यवस्था में $40 बिलियन से अधिक का योगदान दिया. बदले में, जापानी कंपनियां महाराष्ट्र में परिचालन स्थापित करने के लिए एफटीए का फायदा उठा सकती हैं और राज्य की मजबूत ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से लाभान्वित हो सकती हैं.
दवा उद्योग को ऐसे फायदा
महाराष्ट्र का दवा उद्योग भी भारत-जापान एफटीए से लाभान्वित होने के लिए तैयार है. जापान वैश्विक दवा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है, और एफटीए भारतीय दवा कंपनियों को जापानी बाजार तक पहुंचने और जापानी कंपनियों के साथ साझेदारी स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है. 2019-20 में, दवा उद्योग ने राज्य की अर्थव्यवस्था में $15 बिलियन से अधिक का योगदान दिया था. इससे भारतीय कंपनियों को अपने परिचालन का विस्तार करने और वैश्विक बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
सर्विस सेक्टर का बड़ा योगदान
मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव उद्योगों के अलावा, महाराष्ट्र के सर्विस सेक्टर को भी भारत-जापान एफटीए से फायदा पहुंच सकता है. राज्य की अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर का बड़ा योगदान रहा है. 2019-20 में इसने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में 60% से अधिक का योगदान दिया था. एफटीए भारतीय कंपनियों को जापानी बाजार में प्रवेश करके जापानी कंपनियों को सेवाएं प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करता है.
महाराष्ट्र में स्टार्टअप का समय
महाराष्ट्र के स्टार्टअप भी जापानी बाजार तक पहुंच बनाकर और जापान को अपने उत्पादों या सेवाओं का निर्यात करके एफटीए का भरपूर फायदा उठा सकते हैं. एफटीए महाराष्ट्र में स्टार्टअप्स के लिए जापान से सामान और सेवाओं का आयात करना भी आसान बना सकता है, जिससे उन्हें अपने कारोबार को बढ़ाने और विस्तार करने में मदद मिल सकती है. महाराष्ट्र में स्टार्टअप जापान के फंड ऑफ फंड्स से भी लाभान्वित हो सकते हैं, जो एक सरकार समर्थित फंड है जो स्टार्टअप्स में निवेश करने वाली वेंचर कैपिटल फर्मों को वित्तपोषण और सहायता प्रदान करता है. यह फंड महाराष्ट्र में स्टार्टअप्स को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक धन मुहैया कराने में मदद कर सकता है.
इन क्षेत्रों में भी सहयोग
भारत-जापान FTA ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्किल डेवलपमेंट और एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग प्रदान किया है. उदाहरण के लिए, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) महाराष्ट्र में भारतीय फर्मों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिससे उन्हें अपनी तकनीकी क्षमताओं में सुधार करने और प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने में मदद मिल रही है. कुल मिलाकर, भारत-जापान एफटीए ने दोनों देशों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाया है और उनके बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में मदद की है. विशेष रूप से, महाराष्ट्र इस समझौते का एक प्रमुख लाभार्थी रहा है, जिसने जापानी कंपनियों से उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किया और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और कौशल विकास पहलों से लाभान्वित हुआ है. यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र के उद्योग कैसे अपने परिचालन का विस्तार करने और जापानी बाजार में प्रवेश करने के अवसर का लाभ उठाते हैं.
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