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भारत को अपने पक्ष में क्यों लेना चाहते हैं देश? जानिए क्या है प्रमुख कारण!
भारत सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी महत्त्वपूर्ण किरदार निभाता है. भारत एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरी बार अमेरिकी संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने का निमंत्रण मिलना इस बात का सबूत है कि ग्लोबल स्तर पर भारत का महत्त्व बहुत तेजी से बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले यह मौका केवल कुछ ही चुनिन्दा लोगों को मिला है जिनमें विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill) और नेल्सन मंडेला जैसे नाम शामिल हैं. इतना ही नहीं, अब तक यह मौका भारत के किसी अन्य
प्रधानमंत्री को प्राप्त नहीं हुआ है.
भारत बन रहा है अंतरराष्ट्रीय पार्टनर
यह सबूत है कि भारत सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी महत्त्वपूर्ण किरदार निभाता है. भारत एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और साथ ही जबरदस्त इकॉनोमिक क्षमता, रणनीतिक महत्त्व, और एक समान सिद्धांत जैसे कारकों की वजह से भारत अंतरराष्ट्रीय को-ऑपरेशन और प्रगति के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण पार्टनर के रूप में उभरा है.
इन कारणों से भारत बना महत्त्वपूर्ण
भारत ने शांति, स्थिरता, और अहिंसा को बढ़ावा देने जैसे कई वादे किए हैं. तेजी से बढ़ती मिडिल क्लास जनसंख्या और गतिशील उद्यमी इकोसिस्टम के साथ भारत के पास वह इकॉनोमिक गतिशीलता है जो ग्लोबल विकास के लिए अत्यंत जरूरी है. वैसे तो बहुत से कारण हैं जो भारत को किसी भी देश के लिए एक शानदार पार्टनर बना देते हैं लेकिन आइये हम उन प्रमुख 10 कारणों पर ध्यान देते हैं जो भारत को विकास और समानता की इच्छा रखने वाले किसी भी देश के लिए एक प्रमुख पार्टनर बना देते हैं.
सबसे पहला कारण ये है कि भारत के पास एक स्थिर और विभिन्नताओं से भरा राजनीतिक सिस्टम है. विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्र व्यवस्था होने के बावजूद भारत के पास एक स्थिर सरकार है जो पिछले कई सालों से सत्ता में है. भारत के पास एक शानदार कानून व्यवस्था है जो स्वतंत्र भी है और इसी वजह से यह सुनिश्चित होता है कि देश में कानून का पालन हो. देश के पास विभिन्नताओं से भरी हुई एक सिविल सोसायटी है जो लोकतांत्रिक मूल्यों और मानव अधिकारों की पक्षधर है.
दूसरा कारण ये है कि भारत एक भू-रणनीतिक शक्ति है. भौगौलिक रूप से भारत मिडिल ईस्ट, केंद्रीय एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच है जिसकी वजह से भारत के पास एक बहुत शक्तिशाली पोजीशन है. भारत के पास एक काफी बड़ा समुद्री तट उपलब्ध है और भारतीय महासागर के साथ भारत की समुद्री क्षमता बहुत ज्यादा है और यह पारंपरिक एवं अपारंपरिक खतरों से निपटने में देश की मदद करती है.
तीसरा कारण ये है कि भारत की बढ़ती जनसंख्या में से ज्यादातर लोग नौजवान हैं जिसकी वजह से भारत बिजनेसों के लिए एक आकर्षक मार्केट के रूप में उभरा है. भारत के मिडिल क्लास की संख्या में बहुत ही तेजी से वृद्धि हो रही है और देश के पास काफी बड़ी वर्कफोर्स मौजूद है जो शिक्षित तो है ही साथ ही तकनीक से लैस है और कुशल भी है. भारत की इकॉनमी औसतन हर साल 7% की दर से विकास कर रही है जिसकी बदौलत यह विश्व की सबसे तेजी से विकास करती इकॉनमी में से एक है.
चौथा कारण ये है कि भारत इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस वक्त यह एक अध्यक्ष के रूप में काम कर रहा है. देश के पास एक शानदार स्टार्टअप इकोसिस्टम है. देश में विकसित किया जा रहा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है और अपनी तरह का यह दुनिया का पहला डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. भारत ने स्पेस, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अपनी महत्ता दर्ज करवाई है.
पांचवां कारण ये है कि भारत के पास एक संपन्न सांस्कृतिक विरासत है और कोमल शक्ति भी है. भारत विभिन्नताओं से भरी संस्कृतियों, भाषाओं, और धर्मों का देश है जिन्होंने भारत को विभिन्नताओं से भरी एक सांस्कृतिक विरासत प्रदान की है. भारतीय संगीत, नृत्य, कला और खानपान पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हैं. भारत की कोमल छवि की बदौलत बाहरी देशों में भारत के इंटरेस्ट को फायदा पहुंचता है.
छठा कारण ये है कि भारत ने दुनिया भर के बहुत सारे देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है. भारत ने अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, और इजराइल जैसे देशों के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी विकसित की है. इन देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की बदौलत भारत कि डिप्लोमेटिक मौजूदगी को भी काफी मदद मिली है.
सातवां कारण ये है कि ग्लोबल गवर्नेंस में भारत की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. जलवायु परिवर्तन, व्यापार और लोगों के स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ग्लोबल पॉलिसी को तय करने में भारत की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. दुनिया के साथ भारत का जुड़ाव अपने पड़ोसी देशों से कहीं ज्यादा आगे है. भारत WTO, WHO, G20 और BRICS जैसे सम्मेलनों में प्रमुख रूप से भाग लेता है और वैश्विक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए अपने विचार प्रकट करता है. भारत का सहयोग मिलने की वजह से इनोवेटिव समाधान ढूंढने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की क्षमता भी बढ़ जाती है.
आठवां कारण ये है कि भारत का फैलाव बहुत मजबूत है. भारत का फैलाव, दुनिया के सबसे बड़े फैलावों में से एक है. भारत के इसी एक पहलू की वजह से भारत के हितों को प्रमुखता दी जाती है और देश की इमेज में भी काफी सुधार हुआ है. इसके साथ ही इस एक पहलू की वजह से भारत की इकॉनमी को भी बहुत मदद मिली है.
नौवां कारण ये है कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक अध्यक्ष की भूमिका निभाता है. भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर काफी बड़े-बड़े लक्ष्य तय किए हैं और सोलर और विंड एनर्जी के क्षेत्र में यह वैश्विक अध्यक्ष की भूमिका अदा करता है. भारत का लक्ष्य है कि वह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम कर सके और इसी वजह से रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. जलवायु में होने वाले परिवर्तनों का सबसे ज्यादा असर जिन देशों पर पड़ता है, भारत भी उन्हीं में से एक है. इसीलिए भारत वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने की जल्दबाजी को समझता है और भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी डिप्लॉयमेंट के क्षेत्र में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
आखिरी कारण ये है कि भारत एक ऐसा देश है जो समानता में विश्वास रखता है. बहुत सी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत ने गरीबी कम करने, शिक्षा को बढ़ावा देने, और हेल्थकेयर को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में प्रमुख रूप से प्रगती की है. भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' के मत में विश्वास रखता है जिसका मतलब ये है कि सारा विश्व एक परिवार है. South-South को-ऑपरेशन और ISA (International Solar Alliance) जैसी शुरुआत के साथ भारत ने विकास को लेकर अपने अनुभव, टेक्नोलॉजी और विशेषताओं को विकासशील देशों के साथ साझा करने की अपनी इच्छाशक्ति के बारे में बताता है.
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