होम / एक्सपर्ट ओपिनियन / इन दवाओं के इस्तेमाल से कम होगी कोविड की गंभीरता!

इन दवाओं के इस्तेमाल से कम होगी कोविड की गंभीरता!

महामारी की गंभीरता और कोविड की वजह से हो रही मौतों पर काबू करने में बेशक इन दवाइयों का बहुत बड़ा हाथ था.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago


Dr. (Professor) GC Khilnani

UK में की गयी एक स्टडी की मानें तो कुल 7.8%-17% कोविड-19 मरीजों में लम्बे समय तक कोविड के लक्षण बने रहते हैं और कोविड से ठीक हो जाने के बाद भी इन लोगों पर इसका असर देखा जा सकता है. जिन लोगों पर यह स्टडी की गयी उनकी औसत उम्र 62 साल थी और इन लोगो में मोटापा, कैंसर, दिल, किडनी, फेफड़ों, से सम्बंधित बीमारियां या फिर डायबटीज, इम्यून डिसफंक्शन और हाइपरटेंशन जैसी एक से अधिक बीमारियां मौजूद थीं. 

कोविड के बाद इन दिक्कतों का करना पड़ रहा है सामना
कोविड के मात्र 5 दिनों के भीतर ही कुल 35,717 लोगों को Nirmatrelvir नाम की एंटीवायरल दे दी गयी और 2,46,076 लोग ऐसे थे जिन्हें यह एंटीवायरल दवा नहीं दी गयी थी. कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा उनमें दिल से सम्बंधित बीमारियां, Dysrhythmia, Deep Vein Thrombosis, Pulmonary Embolism, थकान और बेचैनी, लीवर की बीमारियां, मांसपेशियों में दर्द, डायबटीज, Neurocognitive Impairment, Dysautonomia, सांस की कमी और खांसी जैसी समस्याएं शामिल हैं. 

वैक्सीनेशन से नहीं था खतरों का लेना-देना 
जिन लोगों को Nirmatrelvir दी गयी थी उनमें से 12.99% को ही कोविड से ठीक होने के बाद अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा जबकि बाकि लोगों में से 17.51% को कोविड से ठीक होने के बाद अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा. Nirmatrelvir लेने वाले लोगों को कोविड के बाद Dysrhythmia, Coagulation, Pulmonary Embolism, Deep Vein Thrombosis, थकान और बेचैनी जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है. कोविड के बाद होने वाली समस्याओं के खतरे का संबंध किसी भी तरह से वैक्सीनेशन स्टेटस से नहीं था. 

इस मुद्दे पर मेरे विचार 
Remdesivir, Molnupiravir, Paxlovid जैसी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और एंटीवायरल दवाइयों के इस्तेमाल से कोविड की गंभीरता, अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या, और कोविड से हो रही मौतों को कम करने की कोशिश जारी थी. महामारी की गंभीरता और कोविड की वजह से हो रही मौतों पर काबू करने में बेशक इन दवाइयों का बहुत बड़ा हाथ था. कोविड की गंभीरता और कोविड से होने वाली मृत्यु को कम करने वाली ओरल दवाइयों की बात करें तो Paxlovid (Nirmatrelvir और Ritonavir को मिलाकर बनायी गयी दवा) एक प्रमुख नाम है. 

Nirmatrelvir की क्षमता
Nirmatrelvir लेने वाले लोगों को कोविड के बाद समस्याओं का 26%, कोविड के बाद मृत्यु का 47% और कोविड के बाद फिर से भर्ती का 24% कम सामना करना पड़ा है. इन दवाइयों का फायदा बहुत बड़ा है और इससे कोविड इन्फेक्शन होने के पहले 5 दिनों के दौरान एक एंटीवायरल दवा के इस्तेमाल के महत्त्व का भी पता चलता है. 

नौजवान लोगों को भी है फायदा
हालांकि, इस स्टडी में मुख्य रूप से एक से ज्यादा बीमारियों का सामना कर रहे वृद्ध लोगों पर ध्यान दिया गया है लेकिन कोविड के दौरान इन दवाओं से नौजवान लोगों और स्वस्थ लोगों को होने वाले फायदों को अलग नहीं रखा जा सकता. हम सभी ने नौजवान लोगों में भी लम्बे समय तक कोविड के गंभीर प्रभावों को देखा है. Paxlovid को अब भारत में बनाये जाने का लाइसेंस भी मिल चुका है. हाल ही में फिर से बढ़ रहे कोविड के मामलों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि हमें ऐसे लोगों को यह दवा जरूर देनी चाहिए जिन्हें किसी प्रकार की गंभीर बिमारी है या फिर जिन्हें कोविड के बाद किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
 

यह भी पढ़ें: Employees के विकास के लिए 600 करोड़ का निवेश करेगी ये कंपनी

 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

अगले कई वर्षों में 6.5 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है भारत: IMF

इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) में एशिया पैसिफिक विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत विकास दर के आंकड़े को बहुत प्रभावी बताया है.  

20-April-2024

एलन मस्क भारतीय start-up में लगाएंगे पैसा, UN में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता पर भी साथ

हालांकि इस मामले को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि उनकी राय का कुछ असर हो सकता है जबकि कुछ मानते हैं कि कोई असर नहीं होगा. 

18-April-2024

मौजूदा कठिन होती वैश्विक परिस्थितियों में प्राइवेट कंपनियों के लिए क्‍या हैं चुनौतियां?

संकट के समय ही आविष्कार का जन्म होता है और महान रणनीतियां सामने आती हैं. जो संकट पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वो भी बिना पराजित हुए- अल्बर्ट आइंस्टीन

12-April-2024

जानिए कब तक मिलेगी आपको सस्ती ईएमआई की सौगात, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

शुक्रवार को आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की बैठक में रेपो रेट में कोई भई बदलाव न करने का फैसला लिया गया, ऐसे में अब ईएमआई की दरें भी स्थिर रहेंगी.

05-April-2024

टियर 2 व 3 शहरों में क्या है रिटेल सेक्टर का भविष्य, जानें रिटेलर्स की जुबानी?

BW Retail World Summit में रिटेल की दुनिया से जुड़ी हस्तियों ने पैनल चर्चा में भाग लेकर रिटेल इंडस्ट्री के भविष्य और कंज्यूमर्स की आवश्कताओं जैसे बिंदुओं पर चर्चा की.

28-March-2024


बड़ी खबरें

समुद्र के बीच इस दिन होगा अनंत-राधिका का दूसरा प्री-वेडिंग, जानिए क्या होगा खास?

अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के दूसरे प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार का प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन विदेश में होगा.

13 hours ago

डेस्कटॉप-लैपटॉप नहीं, अब ट्रेडिंग के लिए मोबाइल है ट्रेंड में; आंकड़े दे रहे गवाही 

हर रोज नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं, उसमें मोबाइल पर ट्रेडिंग करने वालों की संख्या ज्यादा है.

14 hours ago

क्या विदेशी बनेगा भारतीय टीम का हेड कोच? सामने आए ये चौंकाने वाले नाम

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ की छुट्टी हो सकती है. उनकी जगह नए कोच आ सकते हैं. इसके लिए BCCI ने प्रक्रिया शुरू करते हुए आवेदन मांगे हैं.

15 hours ago

शेयर मार्केट ने बढ़ाई वित्त मंत्री की चिंता, इस बात के लिए किया आगाह, जानिए पूरा मामला

वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने BSE से कड़े अनुपालन और मजबूत रेगुलेटरी मानकों के जरिये निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करने की भी अपील की.

16 hours ago

क्‍या जल्‍द ही खत्‍म होने वाली है देश की कोयले पर निर्भरता…सामने आया चौंकाने वाला आंकड़ा 

रिपोर्ट बताती है कि भारत में सरकार की नीतियों और रेग्‍यूलेटर के समर्थन के कारण रिन्‍यूएबल एनर्जी के उत्‍पादन में तेजी से इजाफा हो रहा है. 

13 hours ago