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एक्सपर्ट्स ने बताया, कम्युनिकेशन इंडस्ट्री के लिए कैसे वरदान बन गया है Social Media
दिल्ली में आयोजित BW Marketing World इवेंट में इंडस्ट्री से जुड़ी दिग्गज हस्तियां अपने विचार व्यक्त कर रही हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
BW Businessworld द्वारा राजधानी दिल्ली में BW Marketing World इवेंट आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में मार्केटिंग से जुड़ी दिग्गज हस्तियां शिरकत कर रही हैं. इस दौरान, 'Tweet, Post, Engage: The Dynamic Duo of Social Media and PR Strategies' विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में Bajaj Allianz General Insurance के वाइस प्रेसिडेंट एवं कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के हेड निखिल भारद्वाज, Jindal Stainless Group की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन की प्रमुख सोनल सिंह और Housing.com के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन हेड अमित अरोरा ने भाग लिया. जबकि BW Marketing World की एडिटोरियल लीड Reema Bhaduri बतौर मॉडरेटर उपस्थित रहीं.
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा सोशल मीडिया
पैनल डिस्कशन की शुरुआत करते हुए Reema Bhaduri ने पूछा कि PR और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन समय के साथ विकसित हुआ है. हमने ट्रेडिशनल, डिजिटल मीडिया देखा और अब PR एवं कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन देख रहे हैं. आप यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि सोशल मीडिया, PR एवं कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के उद्देश्यों के बीच सीमलेस अलाइनमेंट हो? व्यवसाय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सोशल मीडिया का रोल क्या है? इसके जवाब में Nikhill Bharadwaj ने कहा - कम्युनिकेशन के पारंपरिक साधनों की बात करें, तो वह कुछ ऐसे हैं जैसे किसी छत पर खड़े होकर कोई एक इलाके को संबोधित करता है. जबकि सोशल मीडिया एक ही बार में एक से ज्यादा छतों से कई शहरों तक अपनी बात पहुंचाना है. इसलिए मैं सोशल मीडिया को एम्प्लीफिकेशन मैकेनिज्म या मीडिया के रूप में देखता हूं. और यह बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
ऑब्जेक्टिव को समझना है जरूरी
निखिल ने आगे कहा कि यह ऑब्जेक्टिव पर निर्भर करता है. आप प्रोडक्ट के बारे में जानकारी चाहते हैं या कैटेगरी के बारे में. PR को बेहद महत्वपूर्ण कार्य करना होता है. उसे यह सुनिश्चित करना होता है कि जानकारी प्रमाणिक रॉ फॉर्म में सब तक पहुंचे और सोशल मीडिया इंगेजमेंट स्टैंडपॉइंट से ज्यादा है. आप सोशल मीडिया पर फन स्टफ कर सकते हैं, जो आप ट्रेडिशनल PR पर नहीं कर सकते. इंश्योरेंस के मामले में यदि आप कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च करते हैं तो आपको उसके लिए अवेयरनेस फैलानी पड़ती है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से आसानी से हो सकता है. PR में आप गंभीरता से ऐसा करते हैं और सोशल मीडिया पर मजेदार अंदाज में.
कम्युनिकेशन मैसेज बॉक्स की मदर है PR
सोनल सिंह ने निखिल की बात से सहमति जताते हुए कहा कि ऑब्जेक्टिव को समझना जरूरी है. एक मीम है कि 'बस अपने आपको ही ढूंढना रह गया है, बाकी सब तो गूगल पर है'. यह बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न है जिसका जवाब मिलना चाहिए और इसका जवाब केवल PR से ही नहीं आना चाहिए. PR उस जवाब का स्क्रिप्टर है, और उस जवाब का सलाहकार है, लेकिन वास्तव में यह जवाब संस्थागत जवाब है कि हमें जाना कहां है, हम क्या हासिल करना चाहते हैं? क्या मेरी PR रणनीति या सोशल मीडिया रणनीति सिंक करती हैं या नहीं, ये इस पर निर्भर है कि कंपनी की इंटरनल स्ट्रक्चरिंग कैसे की गई है. यदि यहां मौजूद लोग अपनी कंपनी के लिए PR मैनेज कर रहे हैं और साथ ही संगठन के सोशल मीडिया इंटरफेस को भी मैनेज कर रहे हैं या सक्रिय रूप से उसमें योगदान दे रहे हैं, तो उनके डिसकनेक्ट होने की कोई संभावना नहीं है. PR और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन प्रोफेशनल के बीच संघर्ष इंटरनल होता है. हम कह सकते हैं कि आधी लड़ाई हम घर पर लड़ते हैं और बाकी दूसरों के साथ. सोनल ने आगे कहा कि PR एक ओमनी वैन है, जो विजन स्टेटमेंट है और सोशल मीडिया हमारे लिए उसे इम्प्लीमेंट करने का टूल. PR को कम्युनिकेशन मैसेज बॉक्स की मदर कहा जा सकता है. सोनल सिंह ने यह भी कहा कि ब्रैंड लोगों की तरह हैं, जैसे किसी के व्यक्तित्व को निखारा जाता है, ठीक वैसे ही ब्रैंड को भी निखारना होता है.
बहुत डायनामिक है सोशल मीडिया
अमित अरोरा ने कहा कि PR और कम्युनिकेशन इंडस्ट्री में सोशल मीडिया की भूमिका बढ़ी है. सोशल मीडिया बहुत डायनामिक है, हम अभी स्क्रीन ऐज से इंफ्लुएंसर ऐज में हैं. मौजूदा वक्त में परिदृश्य बेहद गतिशील है, आज हम जिस बारे में बात कर रहे हैं, शायद वो कल प्रासंगिक न रहे. इसलिए परिदृश्य बहुत तेजी से बदल रहा है. स्क्रीन की भूमिका और हमारी लाइफ काफी विकसित हुई है. कुछ साल पहले हम बात करते थे कि हमारा अधिकांश समय स्क्रीन पर गुजरता है, फिर चाहे ऑफिस हो या घर. लेकिन कोरोना के चलते ऑफिस स्क्रीन में मर्ज हो गया. आज हर कोई इंफ्लुएंसर है, सोशल मीडिया आज हमारी कम्युनिकेशन रणनीति का हिस्सा बन गया है. एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऑथेंटेसिटी आजकल बेहद महत्वपूर्ण है, आपको अपने ग्राहक को समझना है. खासतौर पर भारत जैसे देश में जहां हम सांस्कृतिक रूप से काफी मजबूत हैं, प्रमाणिकता और विश्वास हमें हमेशा से पढ़ाया गया है. तो ये हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. मुझे लगता है कि आजकल हर ब्रैंड यह समझता है और कोई इस लाइन को क्रॉस नहीं करता. लेकिन जिसने ऐसा किया है उसे परिणाम भी भुगतने पड़े हैं.
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