होम / एक्सपर्ट ओपिनियन / 'केवल विज्ञापनों से नहीं जीता जाता निवेशकों का भरोसा, संकट में संवाद भी जरूरी'

'केवल विज्ञापनों से नहीं जीता जाता निवेशकों का भरोसा, संकट में संवाद भी जरूरी'

संदीप सोनवलकर ने कहा कि आमतौर पर क्राइसिस की स्थिति में कंपनियां खामोश ही जाती हैं. वो न तो अपने कर्मचारियों और न ही मीडिया से कुछ कहती हैं, जो पूरी तरह गलत है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago

BW Businessworld द्वारा मुंबई में मार्केटिंग वाइटबुक समिट 2023 आयोजित की जा रही है. इस समिट में मार्केटिंग की दुनिया के दिग्गज शिरकत कर रहे हैं और अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. इस दौरान, PR प्रोफेशनल के प्रेसिडेंट संदीप सोनवलकर ने क्राइसिस मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने समझाया कि क्राइसिस मैनेजमेंट क्या होता है और कंपनियों के लिए इस पर फोकस करना किता जरूरी है. 

दबाव में हैं वित्तीय संस्थान 
संदीप सोनवलकर ने हल्के-फुल्के अंदाज में मार्केटियर्स को संबोधित करते हुए कहा कि कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए बजट बढ़ाएं. अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि आप लोग बजट नहीं देते. बजट बढ़ाने से ज्यादा रिजल्ट मिल सकते हैं. अपनी बात आगे बढ़ाते हुए सोनवलकर ने कहा कि वित्तीय संस्थान इस समय सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. क्योंकि एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय दबाव हैं. वहीं, कोरोना से उत्पन्न हुए हालातों के चलते उन्हें तमाम तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. उन्हें हर दिन फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजरना पड़ता है. बैंकों की ही बात करें, तो स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बैंकों ने मुश्किल हालातों का सामना किया है. कई अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवालिया हो गए हैं. भारत के बैंक और उनमें अंतर ये है कि अंतर्राष्ट्रीय बैंकों को उनकी सरकार वित्तीय संकट में सपोर्ट करती हैं, लेकिन भारत में जब क्राइसिस आता है तो सरकार बोल देती है कि आपका बैंक है आप जानो. इसलिए भारतीय बैंक और NBFC बड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. यहां तक कि फाइनेंशियल संस्थानों से जुड़ी अन्य कंपनियां भी क्राइसिस का सामना कर रही हैं, क्योंकि वो दबाव में है. उन पर सबसे बड़ा दबाव है सरकारी नीतियों का, सरकारी नीतियां उनके लिए दिन प्रति दिन सख्त होती जा रही हैं. 

निवेशकों का विश्वास हासिल करें 
PR प्रोफेशनल के प्रेसिडेंट संदीप सोनवलकर ने कहा कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुझाव दिया था कि सभी बड़े वित्तीय संस्थानों को 2 काम तुरंत करने चाहिए. क्राइसिस मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी और क्राइसिस मैनेजमेंट कम्युनिकेशन की तैयारी. किसी भी संस्थान के लिए इतना होना बेहद जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि बैंक और वित्तीय संस्थानों को अपने निवेशकों को विश्वास हासिल करने पर फोकस करना चाहिए. कुछ वक्त पहले आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने सभी को परेशान कर दिया था. उन्हें डर था कि कहीं उनका नाम इसमें न आ जाए. कुछ बैंक और NBFC के नाम सामने आए भी. उस समय वो समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करना है, क्योंकि क्राइसिस काफी बड़ा था. वो काफी दबाव में थे, इसलिए निवेशकों का भरोसा बेहद जरूरी है. निवेशकों का भरोसा प्राप्त करने के लिए केवल विज्ञापन ही काफी नहीं हैं. निवेशक से प्रत्यक्ष संवाद भी जरूरी है. जब आप निवेशकों से बात करते हैं, उन्हें स्थिति से परिचित कराते हैं, तो विश्वास बढ़ता है. और यदि निवेशक को आप पर भरोसा हो जाता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. 

क्राइसिस कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी
संदीप सोनवलकर ने ED जैसी एजेंसियों की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि रेड और सर्च दो अलग-अलग टर्म हैं. कभी-कभी एजेंसी केवल सर्च करने और आपसे कुछ जानकारी लेने आती है. रेड वो होती है जब आपने कुछ छिपाया है, तो आपको दोनों के बीच अंतर पता होना चाहिए. उन्होंने रिकवरी क्राइसिस का जिक्र करते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों के लिए इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. रिकवरी एजेंसी अक्सर थर्ड पार्टी होती है. उन पर ज्यादा से ज्यादा लोन रिकवरी का दबाव होता है. इस दबाव में कभी-कभी रिकवरी एजेंट अभद्र व्यवहार या मारपीट भी कर बैठते हैं. अब चूंकि ये सोशल मीडिया का जमाना है, कोई इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर वायरल कर सकता है. घटना मीडिया की सुर्खी बन सकती है और इससे संबंधित संस्थान की छवि प्रभावित हो सकती है. इसलिए ऐसे हालातों से निपटने के लिए क्राइसिस कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी होनी चाहिए.  

खामोश रहना नुकसानदायक 
उन्होंने क्राइसिस मैनेजमेंट की अहमियत को समझाने के लिए महाराष्ट्र के एक सियासी दल का उदाहरण दिया. सोनवलकर ने कहा - महाराष्ट्र में एक राजनीतिक पार्टी है, जो क्राइसिस खोजती है, इसके बाद सम्बंधित कंपनी या संस्था पर दबाव डालती है और फिर पैसा बनाती है. जब ऐसी पार्टियां मैदान में हों, तो आपको कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी की जरूरत पड़ती है कि इस स्थिति से कैसे निपटना है. संस्थान के पास इस तरह के क्राइसिस से निपटने के लिए ट्रेंड कर्मी भी होने चाहिए. क्योंकि ये सामान्य कम्युनिकेशन नहीं है. कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन में ऐसे लोगों को रखना चाहिए जिनका मीडिया से अच्छा कनेक्ट ही, ताकि सही बात, सही समय पर लोगों तक पहुंचाई जा सके. उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर क्राइसिस की स्थिति में कंपनियां खामोश ही जाती हैं. वो न तो अपने कर्मचारियों और न ही मीडिया से कुछ कहती हैं, जो पूरी तरह गलत है. आपके पास ऐसे ट्रेंड लोग होने चाहिए, जिन्हें पता हो कि इस स्थिति में क्या और कैसे बोलना है. जिस डॉक्टर से कुछ नहीं छिपाना चाहिए, उसी तरह, कंपनियों को अपनी कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन एजेंसियों से भी कुछ नहीं छिपाना चाहिए.
 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

अगले कई वर्षों में 6.5 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है भारत: IMF

इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) में एशिया पैसिफिक विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत विकास दर के आंकड़े को बहुत प्रभावी बताया है.  

20-April-2024

एलन मस्क भारतीय start-up में लगाएंगे पैसा, UN में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता पर भी साथ

हालांकि इस मामले को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि उनकी राय का कुछ असर हो सकता है जबकि कुछ मानते हैं कि कोई असर नहीं होगा. 

18-April-2024

मौजूदा कठिन होती वैश्विक परिस्थितियों में प्राइवेट कंपनियों के लिए क्‍या हैं चुनौतियां?

संकट के समय ही आविष्कार का जन्म होता है और महान रणनीतियां सामने आती हैं. जो संकट पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वो भी बिना पराजित हुए- अल्बर्ट आइंस्टीन

12-April-2024

जानिए कब तक मिलेगी आपको सस्ती ईएमआई की सौगात, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

शुक्रवार को आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की बैठक में रेपो रेट में कोई भई बदलाव न करने का फैसला लिया गया, ऐसे में अब ईएमआई की दरें भी स्थिर रहेंगी.

05-April-2024

टियर 2 व 3 शहरों में क्या है रिटेल सेक्टर का भविष्य, जानें रिटेलर्स की जुबानी?

BW Retail World Summit में रिटेल की दुनिया से जुड़ी हस्तियों ने पैनल चर्चा में भाग लेकर रिटेल इंडस्ट्री के भविष्य और कंज्यूमर्स की आवश्कताओं जैसे बिंदुओं पर चर्चा की.

28-March-2024


बड़ी खबरें

Zomato के फाउंडर ने बताई अपने संघर्ष की कहानी, जानते हैं हरदीप पुरी ने क्यों शेयर किया वीडियो?

दीपिंदर गोयल के एक वीडियो को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स (X) पर शेयर किया है. इसके जरिए उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों के असर को दिखाने की कोशिश की है.

6 hours ago

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, EPFO से जुड़े 14 लाख नए मेंबर, युवाओं को मिल रही नौकरियां

EPFO से जुड़ने वालों में 18-25 साल की उम्र की संख्या सबसे ज्यादा 56.83% रही. इनमें अधिकतर पहली बार कोई नौकरी कर रहे हैं.

7 hours ago

कई टॉप क्लास फीचर्स के साथ लॉन्च हुआ Infinix का ये नया गेमिंग लैपटॉप, जानें इसकी कीमत?

इनफिनिक्स (Infinix) अपने ग्राहकों के लिए मंगलवार यानी 21 मई को एक नया गेमिंग लैपटॉप Infinix GT Book लॉन्च किया.

7 hours ago

400 पार का नारा लगा रही BJP को मिलेंगी कितनी सीटें, PK ने कर दी भविष्यवाणी 

दिग्गज राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कहना है कि मोदी सरकार तीसरी बार वापसी कर सकती है.

7 hours ago

मतदान से पहले संबित पात्रा ने आखिर क्‍यों मांगी माफी, जानिए क्‍या है ये पूरा मामला? 

जिस तरह से संबित पात्रा के स्‍लीप ऑफ टंग पर नवीन पटनायक ने निशाना साधा है वो इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहे हैं. ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं. 

8 hours ago