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BW Disrupt: 'हर पब्लिसिटी अच्छी है, फिर चाहे वो नेगेटिव ही क्यों न हो'
BW बिजनेसवर्ल्ड की तरफ से दिल्ली में आयोजित WESA के पांचवें एडिशन में बिजनेस की दुनिया में नाम कमा चुकीं महिलाओं ने सोशल मीडिया के प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
वर्तमान दौर सोशल मीडिया (Social Media) का है. आजकल लगभग हर कोई किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. सोशल मीडिया अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाने का जरिया तो है ही, बिजनेस का माध्यम भी बन गया है. ऐसे में यह सवाल भी लाजमी हो जाता है कि सोशल मीडिया पर ब्लू टिक हासिल करना कारोबार बढ़ाने की संभावना को किसी तरह प्रभावित करता है? इस सवाल का जवाब BW Businessworld द्वारा आयोजित WESA (Women Entrepreneurship Summit & Awards) के पांचवें एडिशन में मिला. इस दौरान, Women Entrepreneurs ने अपने विचार रखे.
इन्होंने रखे अपने विचार
'Blue Tick Making The Difference: How Founder Use Personal Branding For Biz' विषय पर पैनल डिस्कशन में Earth Rhythm की फाउंडर एवं सीईओ हरिणी शिवकुमार, Cuffs n Lashes की को-फाउंडर एवं डायरेक्टर निधि कटियार, Winston India की फाउंडर निकिता मल्होत्रा, House of Chikankari की को-फाउंडर आकृति रावल ने हिस्सा लिया. सेशन चेयर की भूमिका में BW Businessworld की एडिटोरियल लीड रेशम सुहेल उपस्थित रहीं. इस दौरान, सभी पैनलिस्ट ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि क्या Blue Tick वास्तव में कारोबारी सफलता में कोई किरदार निभाता है.
सही समय पर पता चले गलती
Earth Rhythm की फाउंडर एवं सीईओ हरिणी शिवकुमार ने बताया कि वह एक बैंकर हैं, लेकिन उन्होंने कभी बैंकिंग सेक्टर में काम नहीं किया. उनकी शादी महज 22 साल की उम्र में हो गई थी और 23 साल की उम्र में वह एक बच्चे की मां बन गईं. 8 साल तक वह होममेकर बनकर रहीं. उन्हें कॉर्पोरेट का कोई अनुभव नहीं था, उन्होंने किसी कंपनी में काम नहीं किया था, लेकिन आज 250 करोड़ की कंपनी चला रही हैं. हरिणी ने बताया कि उन्होंने 2019 में अपनी कंपनी शुरू की. शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई गलतियां भी हुईं, लेकिन उन्होंने गलतियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ना जारी रखा. उन्होंने 3 बार अपनी कंपनी का लोगो बदला. हरिणी शिवकुमार के मुताबिक, बिजनेस की सफलता के लिए यह जरूरी है कि सही समय पर पता होना चाहिए कि क्या गलत हो रहा है. तभी आप उसे दुरुस्त कर सकते हैं.
इस तरह मिली पब्लिसिटी
बिजी शेड्यूल के बीच इन्स्टाग्राम आदि को कैसे मैनेज करती हैं? के जवाब में हरिणी शिवकुमार ने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. आज सेलिब्रिटी इन्फ्लुएंसर एक रील के लिए 3 से 5 लाख चार्ज करते हैं. यही पर्सनल ब्रांडिंग की पावर है. सोशल मीडिया के चलते हमारे पास हजारों-लाखों लोगों तक पहुंचने की क्षमता है. मैंने जिस समय शुरुआत की, फेसबुक ज्यादा लोकप्रिय था. मैंने फेसबुक पेज से प्रोडक्ट बेचने शुरू किया था. उस दौर में स्टोरी टेलिंग ने काम किया और आज भी स्टोरी टेलिंग बेहद महत्वपूर्ण है. अपनी बात को समझाने के लिए उन्होंने एक किस्से का जिक्र किया. हरिणी ने कहा - हमारी एक महिला खरीदार ने प्रोडक्ट पर लेबल सही से न लगा होने के चलते फेसबुक पर हमारे खिलाफ एक पोस्ट लिखा और रिफंड की मांग की. मैं चाहती, तो उसे नजरअंदाज कर सकती थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. मैंने अपनी टीम का एक वीडियो बनाया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे हम डिसेबल बच्चों और बड़े लोगों के साथ काम करते हैं. मेरा मकसद था कि वो महिला ये जाने कि लेबल लगाने में इन डिसेबल बच्चों को कितनी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. मैंने वीडियो शेयर करते हुए उस महिला से यह कहा कि आप एक बार लेबल लगाने में हमारी मेहनत देख लीजिये, फिर भी आप कहेंगी तो हम आपके पूरे 500 रुपए रिफंड कर देंगे. वो वीडियो लोगों को काफी पसंद आया और इस तरह हमारी कंपनी को पब्लिसिटी मिल गई.
हरिणी का मानना है कि पर्सनल ब्रांडिंग जरूरी है. इम्पैक्ट बनाना, लोगों से जुड़ना, स्टोरी टेलिंग भी आवश्यक हैं, तभी ब्लू टिक का कोई मतलब है. उन्होंने आगे कहा कि हर पब्लिसिटी अच्छी है, फिर चाहे वो नेगेटिव ही क्यों न हो. जब भी नेगेटिव कमेंट आते हैं, मैं बात करती हूं और उसे वायरल करने का प्रयास करती हूं. मेरी व्यक्तिगत सोच है कि नेगेटिविटी लोगों को पॉजिटिविटी से जल्दी जल्दी कैच करती है.
अपने प्रोडक्ट पर रखें विश्वास
मेकअप ब्रैंड Cuffs n Lashes की को-फाउंडर एवं डायरेक्टर निधि कटियार ने बताया कि Cuffs n Lashes उनका एक पैशन प्रोजेक्ट था. उन्हें हाई लेवल प्रोडक्ट किफायती कीमत पर बनाने थे और उन्होंने यह कर दिखाया. उनकी कंपनी स्किन टोन के हिसाब से उत्पाद बनाती है. पर्सनल ब्रांडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका ब्रांड ही पर्सनल ब्रांडिंग पर स्थापित है. निधि ने आगे कहा - मैं कंटेंट क्रिएशन 2015 से कर रही हूं. मैं मेकअप के बारे में हमेशा से ही जुनूनी रही हूं. नए प्रोडक्ट को रिव्यु करना, उसे ऑडियंस के साथ शेयर करना मुझे हमेशा से पसंद रहा है. मेरा मानना है कि आप अपने प्रोडक्ट को सबसे अच्छी तरह से समझा सकते हैं. यदि आपको उसमें विश्वास है, तो दूसरों को भी विश्वास हो जाएगा.
पहले थी चाह, अब नहीं चाहिए Blue Tick
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए निधि कटियार ने कहा - कंटेंट या प्रोडक्ट बनाने में ईमानदारी जरूरी है. मैंने 2015 में कंटेंट क्रिएशन शुरू किया था. 2016 में नौकरी छोड़कर इसी पर पूरा फोकस किया. लेकिन 2017 में मुझे अहसास हुआ कि उतना पैसा नहीं आ रहा है, तब मैंने Cuffs n Lashes की शुरुआत की. मैं खुद पर अपने प्रोडक्ट आजमाती थी, फिर उनके बारे में बात करती थी और उसके बाद उन्हें बेचती थी. इसी तरह से लोगों को मेरे ब्रांड पर भरोसा होने लगा. मैं पहले ब्लू टिक चाहती थी, लेकिन अब नहीं क्योंकि अब ये पेड हो गया है. किसी चीज को हासिल करना और खरीदना दो अलग-अलग बातें हैं. हासिल करने की खुशी, खरीदकर हासिल नहीं की जा सकती.
असली ऑथेंटिसिटी टिक से नहीं मिलती
वहीं, Winston India की फाउंडर निकिता मल्होत्रा ने कहा कि मैंने अपनी यात्रा 10 साल पहले शुरू की थी, उस समय मैं ब्यूटी प्रोडक्ट बेचा करती थी. उस समय कोई मेकअप इन्फ्लुएंसर या नायका जैसा कॉस्मेटिक बेचने वाला प्लेटफॉर्म नहीं था. उस दौरान मुझे लगा था कि मैं अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन कैसे बेच पाउंगी. लेकिन मैंने प्रयास जारी रखे, खुद को अपने ब्रांड का फेस बनाया. लोगों को यह भरोसा दिलाया कि जो मैं कह रही हूं, वो बिल्कुल सही है. मैंने अपनी ऑडियंस के साथ ट्रस्ट निर्मित किया और पहचान बनती चली गई. इसी तरह, ई-कॉमर्स D2C ब्रांड House of Chikankari की को-फाउंडर आकृति रावल ने कहा कि उन्होंने अपनी मां के साथ मिलकर इस कंपनी की स्थापना की थी. शार्क टैंक इंडिया के जज अमन गुप्ता और पीयुष बंसल ने उनकी कंपनी में इन्वेस्ट किया है. आकृति का कहना है कि ब्लू टिक केवल यही दर्शाता है कि आप ऑथेंटिक हैं, लेकिन असली ऑथेंटिसिटी आपके कार्यों से निर्मित होती है. आपके कस्टमर कितने संतुष्ट हैं, आपके प्रोडक्ट उनकी जरूरतों को किस तरह से पूरा करते हैं, आपकी टीम कस्टमर से किस तरह पेश आती है आदि ही सही मायनों में आपको ऑथेंटिक बनाती है. आकृति ने Entrepreneurs को सलाह देते हुए कहा कि इन्स्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करें. संभव है कि आपको जल्द सफलता न मिले, लेकिन एक पोस्ट या रील वायरल होते ही चमत्कार हो सकता है.
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