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महंगाई है, बेरोजगारी है, तो उसके कुछ कारण भी हैं, उन पर गौर करे विपक्ष
दूसरा मुद्दा मंहगाई है, जो विपक्ष जोर-शोर से उठाता है. यहां ये समझना होगा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा, जीडीपी बढ़ेगी तो मुद्रास्फीति यानी महंगाई भी बढ़ेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
- पूरन डावर, चिंतक एवं विश्लेषक
विपक्ष बार-बार बेरोजगारी और महंगाई पर प्रश्न क्यों करता है, क्योंकि वह जानता है कि जब बेरोजगारी के पेड़ लगाये हैं, तो फल भी बेरोजगारी का ही उगेगा. जिनके हाथ में काम का पारंपरिक हुनर था, उनसे हुनर छीन कर मात्र डिग्री और आरक्षण का झुनझुना दे दिया गया है. नए पेड़ अगर हाईब्रिड तरीके से भी लगाएं, तब भी फल आने में लंबा समय लग जाएगा. लेकिन हाईब्रिड वृक्षों पर फल आना तेजी से शुरू हो गए हैं. इन्फ्रा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में से रोजगार उत्पन्न हो रहे हैं. कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां तकनीक भी रोजगार छीनेगी. इसके अलावा, ऑनलाइन व्यवस्था पर जोर दिए जाने के चलते जहां पारदर्शिता बढ़ेगी, आसानी होगी लेकिन रोजगार घटेंगे.
इस सेक्टर से आएंगे रोजगार
रोजगार स्वरोजगारों से आ सकते हैं, मेक इन इंडिया से आ सकते हैं, उन पर बड़े प्रयास हो रहे हैं, आज 500 से अधिक कंपनियां प्रतिदिन रजिस्टर हो रही हैं. बड़ी संख्या में नए स्टार्टअप खड़े हो रहे हैं. हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न कंपनी खड़ी हो रही है. विदेशी निवेश बढ़ रहा है. आज देश ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, यहां तक कि डिफेन्स उपकरण हथियार भी निर्यात कर रहा है. एक ओर कंज्यूमर गुड्स का आयात घट रहा है. दूसरी ओर कैपिटल गुड्स का आयात बढ़ रहा है. कुल मिलाकर बैलेंस ऑफ ट्रेड का बड़ा अंतर दिखाई नहीं दे रहा. कैपिटल गुड्स का आयात निश्चित रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी छलांग है और यही रोजगार ला सकता है.
बढ़ रहा है भारत का मान
कृषि क्षेत्र में सुधार सहायता, तकनीक के प्रयोग आम खेती को व्यवस्थित खेती में बदलने के प्रयास खेती की दशा और दिशा बदल सकते हैं. लेकिन कृषि क्षेत्र में अंतर सबसे धीमा है. विडंबना यह है किसानों के बेटे पढ़-लिख कर खेती को बेहतर बनाने की बजाए डिग्री लेकर नौकरी की तरफ भाग रहे हैं और बेरोजगारों की लाइन में लग रहे हैं. दूसरा मुद्दा आम आदमी के लिए मंहगाई का होता है, जो विपक्ष जोर-शोर से उठाता है. यहां ये समझना होगा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा, जीडीपी बढ़ेगी तो मुद्रास्फीति यानी महंगाई भी बढ़ेगी. अच्छी बात ये है कि भारत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर स्थिति में है. वैश्विक मंच पर भारत की छवि में निखार आ रहा है. स्पेस और न्यूक्लियर में भी हमारा दबदबा बढ़ रहा है.
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