होम / एक्सपर्ट ओपिनियन / पुण्यतिथि विशेष: राहुल बजाज को मिलती थी गांधी और सत्य से ताकत 

पुण्यतिथि विशेष: राहुल बजाज को मिलती थी गांधी और सत्य से ताकत 

राहुल बजाज जैसे निर्भीक उद्योगपति बार-बार पैदा नहीं होते. वे सच के साथ खड़े होने वाले बेखौफ उद्योगपति थे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

  • विवेक शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार

राहुल बजाज को आप राजधानी के लोदी रोड में स्थित भारतीय उद्योग परिसंघ ( सीआईआई) के दफ्तर के आगे से गुजरते हुए याद ना करें यह हो नहीं सकता. यहां पर वे बीच-बीच में मिल जाया करते थे. दरअसल उद्योगपतियों के संगठन सीआईआई को उन्होंने ही खड़ा किया था. वे इसके मेंटर थे. वे इसके दो बार अध्यक्ष रहे. आज उनके तमाम मित्र और परिचित उन्हें उनकी पहली पुण्यतिथि पर बहुत शिद्धत के साथ याद कर रहे हैं. उनमें किसी तरह का श्रेष्ठता-बोध या बड़ा उद्योगपति होने का घमंड नही था. वे संसद भवन में अन्य सांसदों के अलावा वह संसद 'कवर' करने वाले पत्रकारों से भी खूब घुल-मिल कर बातें करते थे. उनसे बात करते ही समझ आ जाता था कि वे कितने कुलीन और सुसंस्कृत परिवार से आते हैं.

उद्यमियों के लिए प्रेरणा
राहुल बजाज एक ऐसे दूरदर्शी उद्योगपति थे जिन पर देश गौरवान्वित महसूस करता था. उनकी राष्ट्र निर्माण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता निर्विवाद थी.  सच में, देश के औद्योगिक विकास में उनके योगदान का कोई सानी नहीं है. वे इस लिहाज से जे.आर.डी. टाटा के बाद सबसे बुलंद शख्सियत के रूप में सामने आते हैं. राहुल बजाज से देश के उद्यमियों को राष्ट्र निर्माण, सामाजिक दायित्वों के निर्वाह और किसी भी बिन्दु पर खुल कर अपनी बात रखने की प्रेरणा लेनी होगी. उन्हें अपनी दब्बू वाली छवि से बाहर निकलना होगा.

बेखौफ उद्योगपति थे राहुल  
राहुल बजाज जैसे निर्भीक उद्योगपति बार-बार पैदा नहीं होते. वे सच के साथ खड़े होने वाले बेखौफ उद्योगपति थे. आप उन्हें सच कहने से रोक नहीं सकते थे. वे निर्भीक इसलिए थे क्योंकि उनके पास सत्य की शक्ति थी. सत्य के प्रति निष्ठा उन्हें विरासत में मिली थी. उनके दादा जमनालाल बजाज स्वाधीनता सेनानी और गांधी जी के घनिष्ठ साथी थे. गांधी जी जमनालाल बजाज को अपना पांचवा पुत्र मानते थे. अब जो इंसान गांधी जी से इतना करीब हो, उसका सत्य के साथ खड़ा होना स्वाभाविक ही है. इस पर आश्चर्य किस बात का.

सेंट स्टीफंस कॉलेज के दिन
राहुल बजाज दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़े थे. यह 1960 के दशक की बातें हैं, वे कई बार अनौपचारिक बातचीत में बताते भी थे कि वे सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़े हैं. उनका दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया से भी संबंध था. दरअसल राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कईं बार आर्थिक मदद की थी. उनके नाम पर जामिया में एक बिल्डिंग भी है. यानी जामिया को याद है जमनालाल बजाज का एहसान. जामिया अलीगढ़ से दिल्ली 1925 में  शिफ्ट हुई थी. उसके दिल्ली आने के बाद गांधी जी के साथ जमनालाल बजाज और महादेव देसाई का जामिया में आना- जाना लगा रहता था. जामिया परिवार के लिए गांधी जी और जमनालाल बजाज सदैव आदरणीय रहेंगे.

जसदेव सिंह से क्यों थी करीबी
राहुल बजाज संबंध निभाते थे. यह बात कम लोगों को पता है कि राहुल बजाज और चोटी के रेडियो कमेंटेटर जसदेव सिंह बेहद करीबी रिश्तेदार थे. दरअसल जसदेव सिंह की सास गीता देवी बजाज को स्वाधीनता सेनानी जमनालाल बजाज पुत्री ही मानते थे. यह संबंध सदैव बने रहे. आगे चलकर गीता बजाज की पुत्री और जसदेव सिंह की पत्नी कृष्णा जी और राहुल बजाज भाई- बहन के संबंधों को आगे लेकर चले. जसदेव सिंह के परिवार का राहुल बजाज के साथ शादी-ब्याह और दूसरे कार्यक्रमों में मिलना जुलना लगा रहता था. दोनों परिवारों में बेहद आत्मीय संबंध रहे. दोनों को अपनी राजस्थानी पृष्ठभूमि पर नाज था.

नेतृत्व के थे गुण
राहुल बजाज ने लगभग आधी सदी तक बजाज ऑटो का नेतृत्व किया. कोई सामान्य बात नहीं है कि कोई शख्स इतने लंबे समय तक देश के इतने महत्वपूर्ण औद्योगिक समूह के शिखर पर रहे और उसे नई बुलंदियों पर लेकर जाता रहे. उन्होंने 1965 में संभाला था बजाज समूह का जिम्मा. उनके कुशल नेतृत्व में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर और मोटर साइकिल बेचने वाली देश की नंबर एक कंपनी बन गई. आज उनके समूह की मार्केट कैपिटल एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है. इसमें हजारों मुलाजिम काम करते हैं और इसके लाखों अंश धारक हैं. बजाज ऑटो का 1970 से लेकर 1990 के दशकों में स्कूटर बाजार पर कब्जा रहा. हालांकि उसके बाद हीरो, होंडा और टीवीएस जैसी कंपनियों के उत्पादों ने राहुल बजाज की कंपनी को कसकर चुनौती दी. लेकिन, उसका बाजार में दबदबा बना रहा. उसने अपने स्कूटर बनाने तो बंद कर दिए पर बजाज पल्सर मोटर साइकिल ने एक बार फिर से उसे वैसा ही अहम स्थान दिलवा दिया दो पहिया वाहनों के सेग्मेंट में.
बेशक, राहुल बजाज की कंपनी के स्कूटरों ने भारत के मिडिल क्लास को उसकी अपनी निजी सवारी दी थी. स्कूटर का मतलब बजाज ही होता था. यह वह दौर था जब देश में कारों की क्रांति आने में अभी वक्त था. उस दौर में बजाज स्कूटर होना ही शान समझा जाता था. राहुल बजाज की कंपनी का बजाज चेतक स्कूटर मिडिल क्लास भारतीय परिवारों की आकांक्षा का प्रतीक बना.

क्यों बनाया आकुर्डी को घर
राहुल बजाज 2006 में महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद भी रहे. राहुल बजाज उन लोगों में से थे जो एक बार कोई फैसला लेने के बाद पीछे नहीं हटते थे. उन्होंने अपने स्कूटर की फैक्ट्री पुणे के पास एक छोटी सी जगह आकुर्डी में लगाने का फैसला किया, तो उनके बहुत से मित्रों को हैरानी हुई. वे मुंबई छोड़ रहे थे. आखिर मुंबई कौन छोड़ता है. उन्होंने आकुर्डी में फैक्ट्री लगाई जहां पर पहुंचना भी कठिन था, पर उन्होंने वहां पर फैक्ट्री की स्थापना के साथ ही तमाम दूसरी सुविधाओं की भी व्यवस्था की. उनके इस कदम से महाराष्ट्र के एक पिछड़े इलाके का विकास हुआ और वहां के लोगों की जिंदगी बदल गई. उसमें खुशहाली आ गई.


टैग्स
सम्बंधित खबरें

अगले कई वर्षों में 6.5 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है भारत: IMF

इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) में एशिया पैसिफिक विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत विकास दर के आंकड़े को बहुत प्रभावी बताया है.  

20-April-2024

एलन मस्क भारतीय start-up में लगाएंगे पैसा, UN में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता पर भी साथ

हालांकि इस मामले को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि उनकी राय का कुछ असर हो सकता है जबकि कुछ मानते हैं कि कोई असर नहीं होगा. 

18-April-2024

मौजूदा कठिन होती वैश्विक परिस्थितियों में प्राइवेट कंपनियों के लिए क्‍या हैं चुनौतियां?

संकट के समय ही आविष्कार का जन्म होता है और महान रणनीतियां सामने आती हैं. जो संकट पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है वो भी बिना पराजित हुए- अल्बर्ट आइंस्टीन

12-April-2024

जानिए कब तक मिलेगी आपको सस्ती ईएमआई की सौगात, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

शुक्रवार को आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की बैठक में रेपो रेट में कोई भई बदलाव न करने का फैसला लिया गया, ऐसे में अब ईएमआई की दरें भी स्थिर रहेंगी.

05-April-2024

टियर 2 व 3 शहरों में क्या है रिटेल सेक्टर का भविष्य, जानें रिटेलर्स की जुबानी?

BW Retail World Summit में रिटेल की दुनिया से जुड़ी हस्तियों ने पैनल चर्चा में भाग लेकर रिटेल इंडस्ट्री के भविष्य और कंज्यूमर्स की आवश्कताओं जैसे बिंदुओं पर चर्चा की.

28-March-2024


बड़ी खबरें

लोकसभा चुनाव: आज जनता सुनाएगी 'मन की बात', 5वें चरण में होगा इनकी किस्मत का फैसला  

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. राहुल गांधी से लेकर स्मृति ईरानी तक की किस्मत का फैसला आज होगा.

35 minutes ago

विभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद सामने आए केजरीवाल बोले, कल 12 बजे आ रहा हूं

इस पूरे प्रकरण के बाद से अभी तक केजरीवाल का कोई बयान नहीं आया था. यही नहीं लखनऊ में उन्‍होंने जिस तरह से माइक को अपने से दूर किया उसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है. 

1 day ago

अब मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, Jio का ये का ऐप करेगा मदद 

Jio के Rail App की मदद से ट्रेन टिकट बुकिंग से लेकर पीएनआर स्टेटस तक चेक किया जा सकता है. 

1 day ago

सिंगापुर हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

1 day ago

चुनाव को लेकर रतन टाटा ने की अपील, कही बड़ी बात, वायरल हुई पोस्ट

पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सबअर्बन में छह लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

1 day ago