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शर्मीले अमिताभ बच्चन के अंदर किसकी वजह से घुसा 'एक्टिंग का कीड़ा', BigB फैन जरूर पढ़ें
अमिताभ बच्चन ने 2017 में दिए एक इंटरव्यू में अपने पहले एक्टिंग गुरू फ्रैंक ठाकुरदास के बारे में बताया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
- विवके शुक्ला
अमिताभ बच्चन आज (11 अक्टूबर) को अपना जन्मदिन मना रहे हैं. उन्हें बॉलीवुड के इस मुकाम तक पहुंचाने में यूं तो कई लोगों का हाथ होगा, लेकिन एक शख्स ऐसा भी है, जो यदि नहीं होता तो शायद हम अमिताभ बच्चन की एक्टिंग का गवाह बनने से महरूम रह जाते. उस शख्स का नाम है फ्रैंक ठाकुरदास. दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल (KM) कॉलेज के ड्रामा टीचर रहे फ्रैंक ने ही शर्मीले और खामोश से रहने वाले अमिताभ को कॉलेज ड्रामा सोसाइटी की एक्टिविटीज़ में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था.
एक मुलाकात ने बदला जीवन
फ्रैंक ठाकुरदास से एक मुलाकात ने केएम कॉलेज के बीएससी छात्र अमिताभ बच्चन के जीवन को पूरी तरह बदल दिया. अमिताभ बच्चन ने 1959 से 1962 तक किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ाई की. इस दौर में उनके पिता और प्रख्यात हिंदी विद्वान डॉ. हरिवंश राय बच्चन विदेश मंत्रालय में हिंदी अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. पंजाबी क्रिश्चियन फ्रैंक ठाकुरदास किरोड़ीमल कॉलेज में कई जिम्मेदारियां संभाल रहे थे. वह एक बेहद कुशल अंग्रेजी शिक्षक तो थे ही, इसके अलावा कॉलेज के ड्रामा सोसाइटी की नींव भी उन्हें ही कहा जाता था.
बेहतरीन एक्टर थे फ्रैंक ठाकुरदास
अमिताभ बच्चन ने 2017 में दिए एक इंटरव्यू में अपने पहले एक्टिंग गुरू फ्रैंक ठाकुरदास के बारे में बात करते हुए कहा था, 'मुझे आज भी याद है एक दिन प्रोफेसर फ्रैंक ठाकुरदास मेरे पास आए और बोले कि तुम्हें कॉलेज की ड्रामा सोसाइटी के नाटक में बिना किसी ना-नुकुर के भाग लेना है. महज एक मुलाकात में ही वह मेरे मेंटर बन गए थे. उन्हीं की बदौलत मैंने थिएटर की ABC की सीखी. जैसे कि स्टेज पर कैसे बोलना है और एक्टिंग में एक्सप्रेशन की क्या भूमिका होती है, आदि. वह खुद एक बेहतरीन एक्टर और डायरेक्टर थे'.
गर्ल्स कॉलेज को भेजा था नाम
इसके बाद अमिताभ बच्चन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. फ्रैंक ठाकुरदास ने एक शर्मीले से लड़के में ऐसा जोश और उत्साह भर दिया कि वह धीरे-धीरे रंगमंच का मंझा हुआ कलाकार बन गए. अमिताभ ने अंग्रेजी और हिंदी के कई नाटक किए. उस दौर में किरोड़ीमल कॉलेज ड्रामा सोसाइटी ने कॉलेज के बाहर दिल्ली के कई हिस्सों में नाटकों का मंचन किया और अमिताभ बच्चन उसका अभिन्न अंग थे. अमिताभ फ्रैंक ठाकुरदास के पहले छात्र थे, जिन्होंने एक अभिनेता के रूप में उन्नति की. बाद में, फ्रैंक ने शक्ति कपूर, सतीश कौशिक, कुलभूषण खरबंदा, दिनेश ठाकुर जैसे कई अन्य कलाकारों के अभिनय करियर को आकार दिया. ये सभी आज भी खुद को उनका ऋणी मानते हैं. अमिताभ बच्चन आज सदी के महानायक बन गए हैं, लेकिन उन्हें कॉलेज के वो दिन और फ्रैंक ठाकुरदास का साथ अब तक याद है. उन्हें यह भी याद है कि कैसे फ्रैंक ने उनका नाम एक नाटक के सिलसिले में गर्ल्स कॉलेज मिरांडा हाउस को भेज दिया था.
स्टूडेंट्स के लिए था जीवन
कुछ साल पहले केएम कॉलेज के अपने दिनों को याद करते हुए एक बड़ी सी मुस्कान के साथ अमिताभ ने कहा था, 'मैं कैसे भूल सकता हूं जब एक प्ले में भाग लेने के लिए मेरा नाम मिरांडा हाउस को भेज दिया गया था'. बेहद शालीन और हैंड्सम फ्रैंक ठाकुरदास एक ऐसे टीचर थे, जिनके दरवाजे अपने मौजूदा और पूर्व छात्रों के लिए हमेशा खुले रहते थे. उनका जीवन अपने छात्रों के इर्द-गिर्द घूमता था. मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) के पूर्व चांसलर डॉ. फिरोज बख्त अहमद बताते हैं कि फ्रैंक सर 1975 में मेरे शिक्षक थे. उन्होंने हमें अंग्रेजी कविता सिखाई. वह अंग्रेजी कविता और नाटकों के बारे में लगभग सब कुछ जुबानी याद था. व हशेक्सपियर, रुडयार्ड किपलिंग, रॉबर्ट बर्न्स, ऑस्कर वाइल्ड, जॉन मिल्टन, जॉन कीट्स की रचनाओं के अच्छे जानकार थे. हमारी क्लास लेने के तुरंत बाद वह अपने दूसरे छात्रों के साथ हिंदी प्ले की रिहर्सल करने के लिए दौड़ पड़ते थे. वह बेहतरीन शिक्षक, एक्टर होने के साथ-साथ पंजाबी सिंगर भी थे.
तब बिग बी ने दिए 51 लाख
फ्रैंक ठाकुरदास एक महान शिक्षक और गुरू थे. कुछ वक्त पहले जब उनके नाम पर बने केएम कॉलेज के ऑडिटोरियम की स्थिति खराब हो गई थी, तब अमिताभ बच्चन के उसकी मेंटनेंस के लिए 51 लाख रुपए दिए थे. अमिताभ के अलावा, फ्रैंक ठाकुरदास के कई दूसरे स्टूडेंट्स ने भी इसके लिए डोनेशन दिया था. फ्रैंक को याद करते हुए बेहतरीन एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक ने एक बार कहा था, 'जब मैं 70 की शुरुआत में केएम कॉलेज गया, तो फ्रैंक ठाकुरदास वहीं थे. मैं यह जानकर अभिभूत था कि फ्रैंक सर ने अमिताभ बच्चन को भी पढ़ाया था. हालांकि उन्होंने कभी इसका गुणगान नहीं किया. जब भी हम अमिताभ बच्चन के बारे में बात करते, तो वह केवल यही कहते थे - अमिताभ एक क्विक लर्नर थे और हमेशा एक्सपेरिमेंट में विश्वास रखते थे. यह दर्शाता है कि फ्रैंक सर कितने महान व्यक्तित्व वाले इंसान थे’.
ठाकुरदास को वाजिब हका नहीं मिला
यह बात सही है कि कुछ लोगों को उनका हक नहीं मिलता और फ्रैंक ठाकुरदास निश्चित रूप से उन लोगों में शामिल हैं. किसी न किसी को उनकी बायोग्राफी तैयार करनी चाहिए और अमिताभ बच्चन को उसकी प्रस्तावना लिखनी चाहिए, ताकि फिल्मों के शौकीन अमिताभ के गुरू और महान शिक्षक के बारे में जान सकें.
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