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Brahmastra Movie Review: ऐसी है 'ब्रह्मास्त्र', जानिए क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म?
'ब्रह्मास्त्र पार्ट 1- शिवा' नाम से ही स्पष्ट है कि यह फिल्म दो पार्ट में रिलीज होने वाली है. पहले पार्ट में शिवा (रणबीर कपूर) की कहानी है.
चंदन कुमार 1 year ago
फिल्म : ब्रह्मास्त्र (Brahmastra)
स्टार कास्ट: रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, मौनी राय, नागार्जुन, डिम्पल कपाड़िया, एक बड़ा स्टार (नाम इसलिए नहीं बता रहा, क्योंकि सस्पेंस बना रहे)
निर्देशक : अयान मुखर्जी
निर्माता : स्टार स्टूडियोज, धर्मा प्रोडक्शन, करण जौहर और रणबीर कपूर
रेटिंग : 3.5/5
राहत की सांस ले लीजिए. कई महीने बाद एक ऐसी बॉलीवुड फिल्म रिलीज हुई है, जो दर्शकों का पूरी तरह मनोरंजन करेगी. भारतीय दर्शकों को यही तो चाहिए था, जो बड़े-बड़े निर्देशक और लेखक समझ नहीं पा रहे. अयान मुखर्जी की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' रिलीज हो चुकी है. रिलीज से पहले इस फिल्म की एडवांस बुकिंग जिस स्पीड से हो रही थी, उसी से अंदाजा हो चुका था कि दर्शकों के अंदर एक अच्छी फिल्म देखने की कितनी भूख है. शाबाश! अयान मुखर्जी, आपने कर दिखाया.
फिल्म में बॉलीवुड के एक बड़े स्टार की चौंकाने वाली एंट्री भी है, जिसके बारे में दर्शकों को पता ही नहीं. वो एंट्री सिर्फ नाम मात्र की नहीं है, बल्कि कहानी को आगे बढ़ाने की एक मूल कड़ी है, इसलिए उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब, यदि ये नाम अभी ही बता दूं तो आपका मजा खराब हो सकता है. इसलिए बेहतर है कि ये राज फिल्म देखते ही खुले तो अच्छा रहे.
फिल्म की कहानी
'ब्रह्मास्त्र पार्ट 1- शिवा' नाम से ही स्पष्ट है कि यह फिल्म दो पार्ट में रिलीज होने वाली है. पहले पार्ट में शिवा (रणबीर कपूर) की कहानी है. शिवा एक ऐसा मस्तमौला लड़का है, जो ब्रह्मांश का एक रक्षक है. वह खुद एक अग्नि अस्त्र है, लेकिन वो इस बात से बिल्कुल अनजान है. उसकी जिम्मेदारी है ब्रह्मास्त्र की रक्षा करना. ब्रह्मास्त्र के तीन टुकड़े हो चुके हैं और तीनों अलग-अलग लोगों के पास हैं, जो ब्रह्मांश के सदस्य हैं. एक बुरी शक्ति जुनून (मौनी राय) उन्हीं तीन टुकड़ों की तलाश में है. जुनून उन तीन टुकड़ों को ढ़ूढ़कर फिर से जोड़ना चाहती है, ताकि उसके गुरु देव जीवित हो सकें.
कहानी की शुरुआत मिस्ट्री सुपरस्टार से होती है, जिसके पास ब्रह्मास्त्र का एक टुकड़ा है और वह बहुत बड़ा वैज्ञानिक है. जबरदस्त फाइट के बाद जुनून उसपर काबू कर लेती है और उससे राज निकलवाने की कोशिश करती है. उसी दौरान उसे पता चलता है कि दूसरा टुकड़ा अनीश (नागार्जुन) के पास है, जो उस वक्त काशी में है और एक आर्टिस्ट है. तीसरे टुकड़े का राज बताने से पहले ही वह बालकनी से कूद जाता है और यह एक राज रह जाता है. ये सारी घटनाएं शिवा को एक सपने के रूप में दिखती हैं, जिसे वह खुद नहीं समझ पाता कि उसके साथ हो क्या रहा है. इसी बीच उसकी मुलाकात ईशा (आलिया भट्ट) से होती है और दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं. वह ईशा को सब कुछ बता देता है. ईशा उसका पूरा साथ देती है. अनीश को बचाने के चक्कर में शिवा और ईशा को उस आश्रम का पता चलता है, जहां ब्रह्मांश के गुरु जी (अमिताभ बच्चन) रहते हैं. दोनों वहां पहुंच जाते हैं. गुरु जी शिवा को उसकी ताकत का अहसास दिलाते हैं और पूरी बात समझाते हैं. इसके बाद शुरू होती है ब्रह्मास्त्र को बचाने की असली लड़ाई. अब उस दौरान क्या-क्या होता है, क्या जुनून मकसद में कामयाब हो पाती है या नहीं, दूसरे पार्ट को लेकर कहानी का क्लाइमेक्स कहां खत्म होता है, ये जानने के लिए तो आपको फिल्म ही देखनी होगी.
कैसा है अभिनय
सबसे पहले बात करते हैं रणबीर कपूर की. रणबीर एक मस्तमौला एक्टर के रूप में पहचान बना चुके हैं. उनकी ये छवि इस फिल्म में भी है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस फिल्म की डिमांड के अनुसार अभिनय किया है, आप कहीं बोर नहीं होंगे. हां, एक्शन सीन में थोड़ी गुंजाइश और हो सकती थी. आलिया भट्ट कड़ी मेहनत कर रही हैं, यह उनके अभिनय में दिख रहा है. उन्हें जो रोल दिया गया है, उसे उन्होंने बखूबी निभाया है. अमिताभ बच्चन के बारे में तो कहना ही किया. हां, उनका रोल मुकाबले छोटा जरूर है. मौनी राय के बारे में तो यही कहूंगा कि भाई, उन्होंने कमाल कर दिया है. निगेटिव रोल में वो खूब जंच रही हैं. कहीं भी ओवरएक्टिंग नजर नहीं आ रही. नागार्जुन का रोल बहुत छोटा है. हिंदी बोलते वक्त उनमें साउथ की झलक आ रही है, लेकिन फाइट सीन में तालियां तो बटोर ही ली हैं. अब बात करते हैं मिस्ट्री सुपरस्टार की. उनकी एंट्री से ही थिएटर में तालियां और सीटी बजने लगी.
कहां सुधार की जरूरत थी
इंटरवल तक आप पूरी तरह से फिल्म से बंधे रहेंगे. इंटरवल के बाद कुछ देर तक फिल्म आपको स्लो लग सकती है. उसे और इंटरेस्टिंग बनाए जाने पर काम किया जा सकता था. इस फिल्म में दूसरी कमी जो लगी, वो अमिताभ बच्चन के रोल के अनुसार छवि की. यानी, फिल्म में वे ब्रह्मांश के रक्षकों के गुरु हैं. उनके पास बहुत सी शक्तियां हैं. इस लिहाज से उन्हें थोड़ा और सीरियस और कड़ा दिखाना चाहिए. रणबीर कपूर और उनके बीच शुरुआती बातचीत में डिसिप्लिन की कमी नजर आई.
क्यों देखनी चाहिए फिल्म
फिल्म में VFX का शानदार इस्तेमाल किया गया है. VFX का इस्तेमाल आपको कहीं भी जबरदस्ती का नहीं लगेगा. जबरदस्त कहानी, दिल जीतने वाली एक्टिंग, फुल मार्क्स लेने वाली एडिटिंग, डायरेक्शन का कॉम्बिनेशन देखने के लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए. चमत्कारिक हथियारों के इस्तेमाल को देखकर भी आपको बहुत मजा आएगा. बहुत दिनों बाद कोई ऐसी मूवी आई है, जो आपका मनोरंजन करेगी, इसलिए इसे जरूर देखें.
क्यों नहीं देखनी चाहिए ये फिल्म
सच पूछिए तो मुझे इसका ईमानदारी वाला कोई जवाब नहीं मिल रहा. हां, यदि आपको चमत्कारों पर भरोसा नहीं और इसे बकवास मानते हैं तो रहने ही दीजिए.
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