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Hit: The First Case Review: राजकुमार राव का जवाब नहीं, पर उनके भरोसे कब तक?
Hit: The First Case Review: कैसी है ये फिल्म? देखनी चाहिए या नहीं? इस फिल्म को मिले कितने स्टार? कैसा है राजकुमार राव का अभिनय, जानने के लिए पढ़ें ये मूवी रिव्यू.
चंदन कुमार 1 year ago
फिल्म: Hit: The First Case
मुख्य कलाकार: राजकुमार राव, सान्या मल्होत्रा, जतिन गोस्वामी, अखिल अय्यर, मिलिंद गुणाजी, शिल्पा शुक्ला और दलीप ताहिल
निर्देशक: शैलेश कोलानू
निर्माता: दिल राजू प्रोडक्शंस और टी सीरीज
रेटिंग: 2.5/5
2020 में तेलुगू में एक थ्रिलर फिल्म आई थी Hit: The First Case, जो सुपरहिट हुई थी. इसी फिल्म की हिंदी रीमेक है राजकुमार राव अभिनीत Hit: The First Case. फिल्म का नाम तक सेम है, तो शुरू से ऐसा लगता है कि इस फिल्म की कहानी भी हूबहू होगी, लेकिन क्लाइमेक्स तक पहुंचते पहुंचते कहानी में ऐसा मोड़ आया, जिसे देखने के बाद ऐसा लगता है कि लेखक-डायरेक्टर शैलेश कोलानू ने ये क्या किया. सच पूछिए तो कुछ डिफरेंट दिखाने के चक्कर में क्लाइमेक्स को समलैंगिकता से जोड़ दिया गया, जो समझ से परे है.
फिल्म की कहानी
राजस्थानी पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म की कहानी शुरू होती है एक काबिल पुलिस ऑफिसर विक्रम (राजकुमार राव) के अतीत से, जिसका पूरा खुलासा फिल्म के आखिरी तक नहीं होता है, मानो डायरेक्टर ने इस फिल्म का पार्ट 2 बनाने के बारे में पहले ही सोच रखा है. पूरी फिल्म में पुलिस ऑफिसर विक्रम का अतीत उसका पीछा करता है. उसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार भी हो जाता है. उसकी डॉक्टर दोस्त उसे बार-बार नौकरी छोड़ देने को कहती है, लेकिन अपने कर्तव्य के प्रति बेहद ईमानदार विक्रम उसकी बात नहीं मानता है.
फिल्म का क्लाइमेक्स
विक्रम की गर्लफ्रेंड नेहा (सान्या मल्होत्रा) फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में काम करती है. उसके काफी जिद करने पर विक्रम तीन महीने की छुट्टी पर जाता है, पर दो महीने बाद ही विक्रम को नेहा के अचानक गायब होने की सूचना मिलती है. वह वापस आ जाता है, लेकिन उसे वो केस नहीं मिल पाता. कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की प्रीति पहले से ही गायब है. नेहा और प्रीति के गायब होने की कहानी कैसे एक-दूसरे से जुड़ी है, लेखक-डायरेक्टर शैलेश ये दिखाने में कामयाब रहते हैं. विक्रम को प्रीति का केस मिल जाता है और वह हमेशा की तरह अपनी काबिलियत दिखाते हुए आखिर तक केस सॉल्व कर लेता है. पूरी फिल्म इसी सस्पेंस पर टिकी हुई है कि प्रीति कैसे गायब होती है और फिर नेहा को किसने गायब कर दिया. केस सॉल्व करने के दौरान काफी हद तक सस्पेंस कायम रहता है, लेकिन आखिर में जब क्लाइमेक्स खुलता है और उसका कारण सामने आता है तो ऐसा लगता है कि जैसे ऊंचाई पर ले जाकर आपको नीचे छोड़ दिया गया हो. आप ऐसा महसूस करेंगे, जैसे खोदा पहाड़ और निकली चूहिया.
पुलिस पर भरोसा नहीं
फिल्म में भी यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे आज के टाइम में लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठ रहा है. इंस्पेक्टर इब्राहिम (मिलिंद गुणाजी) को इस बात का दुख भी है, पर वह भी इस केस में सस्पेक्ट हो जाता है और सस्पेंड कर दिया जाता है. सस्पेंड होने के बावजूद वह खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश करता है और केस सॉल्व करने में विक्रम की मदद करता है.
फिल्म में ऐसा क्या है जो हजम नहीं होती
होमीसाइड इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट का सबसे काबिल पुलिस ऑफिसर विक्रम डेड बॉडी के नाम से ही अचेतावस्था में जाने लगता है और वो भी सबके सामने. कमाल की बात है कि इस बात पर कोई भी संज्ञान नहीं लेता, यहां तक कि उसके डिपार्टमेंट में हमेशा उसे नीचा दिखाने की कोशिश में जुटा अधिकारी अक्षय (जतिन गोस्वामी) भी इस बात पर ध्यान नहीं देता. माना कि विक्रम दिमागी तौर पर फिट नहीं था, फिर भी वो जिस डिपार्टमेंट में काम करता है, उसमें डेड बॉडी देखना तो आम बात है, फिर भी वो इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाता. यदि इस बात को ये मानकर इग्नोर कर दिया जाए कि उसपर मानसिक आघात पहुंचा है, तो फिर इतनी बड़ी बीमारी का सामने करते हुए वह डिपार्टमेंट का सबसे काबिल और तेज-तर्रार ऑफिसर कैसे हो सकता है. यह बात हजम नहीं होती.
दूसरी बात जो हजम नहीं होती, वो है तलाकशुदा शीला (शिल्पा शुक्ला) की हरकत. अटेंशन हासिल करने के लिए वो जो हरकत करती है, वो बहुत बचकानी लगती है. जहां लोग पुलिस से बचने की कोशिश करते हैं, बचकानी हरकत से वो खुद को सस्पेक्ट बना लेती है और विक्रम उसपर इतना ज्याद शक कर लेता है कि नार्को टेस्ट तक करवा लेता है.
कैसा है अभिनय
राजकुमार राव अभिनय में इतने माहिर हो चुके हैं कि उनसे कोई गलती नहीं हो सकती. डायरेक्टर उनकी प्रतिभा के कायल हैं. इस फिल्म में भी अपने अभिनय से वे दिल जीतने में कामयाब हो जाते हैं. सान्या मल्होत्रा का रोल बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन एक्टिंग सराहनीय है. इब्राहिम के रोल में मिलिंद गुणाजी भी बेहतर हैं. अक्षय का किरदार निभा रहे जतिन गोस्वामी थोड़े कमजोर नजर आते हैं. सीरियस मामलों में भी कहीं-कहीं वे खुद को जस्टिफाई नहीं कर पाते.
क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म
यदि आप किसी भी तरह की थ्रिलर फिल्म देखना चाहते हैं तो यह फिल्म जरूर देखिए. राजकुमार राव की एक्टिंग देखने के लिए भी ये फिल्म आप देख सकते हैं.
क्यों न देखें ये फिल्म
यदि आपको इस फिल्म से बहुत उम्मीदें हैं तो इस फिल्म को नहीं देखिए. आपकी उम्मीदों को झटका लग सकता है. दिमाग नहीं लगाना चाहते, तो इस फिल्म को बिल्कुल भी न देखें.
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