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इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लगे कई संगीन आरोप, SEBI से कार्रवाई की मांग
भारत सरकार के पूर्व सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमिश्नर और सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन के फाउंडर उदय माहुरकर ने सेबी और बीएसई से उल्लू (ULLU) डिजिटल प्लेटफॉर्म की जांच करने की अपील की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
उल्लू डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक के बाद एक मुसीबत का पहाड़ टूट रहा है. हाल में भारत सरकार के पूर्व सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमिश्नर और सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन के फाउंडर उदय माहुरकर ने सेबी और बीएसई से विभिन्न कानूनों के उल्लंघन पर उल्लू डिजिटल प्लेटफॉर्म की जांच करने की अपील की है. उदय माहुकर के अनुसार उल्लू ऐप ने सिक्योरिटी लॉ एंड रेगुलेशन जैसे सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (इशयू ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट) रेगुल्शन 2018 और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (लिस्टिंग ऑब्लाइजेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट) रेगुलेशन 2015 सहित विभिन्न नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) ने अपने ड्राफ्ट पेपर में विभिन्न कानूनों का उल्लंघन किया है.
प्रमोटर के खिलाफ आपराधिक मामलों की गलत सूचना
सेबी को लिखे पत्र में माहुकर ने लिखा है कि उल्लू डिजिटल लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों के खिलाफ आपराधिक मामलों के इतिहास के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी दी है. उल्लू के प्रमोटर विभु अग्रवाल (Vibhu Agarwal) पर उल्लू की एक महिला कर्मचारी की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप है और मुंबई के एक पुलिस स्टेशन में यह मामला भी दर्ज है. उन्होंने कहा कि उल्लू पर यौन रूप से विकृत सामग्री (Sexually Prevented Content) के निर्माण और प्रसार के लिए विभु अग्रवाल चर्चा में रहे हैं और इसके लिए उल्लू ऐप के खिलाफ भी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में कई कानूनी मामले दायर हैं. वहीं, विभु अग्रवाल और मेघा अग्रवाल के खिलाफ महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 (Indecent representation of women (Prohibation Act 1986) के तहत भी मामला दर्ज है.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी की है कार्रवाई
माहुकर ने सेबी को लिखे पत्र में बताया है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उल्लू ऐप पर कार्रवाई की है. एनसीपीसीआर ने आईटी मंत्रालय से उल्लू ऐप के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिसने स्पष्ट यौन दृश्यों और कथानक के साथ स्कूली बच्चों को निशाना बनाया है. उल्लू ऐप पर अश्लील कंटेंट वाले शो होने की शिकायतें मिलीं है. ये ऐप प्ले स्टोर और आईओएस मोबाइल प्लेटफॉर्म दोनों पर उपलब्ध है और इसमें बेहद अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री है. माहुकर ने पत्र में एक शो के स्क्रीनशॉट संलग्न किए है, जो स्कूली बच्चों के बीच यौन संबंधों को चित्रित करते हैं. उल्लू ऐप प्ले स्टोर और ऐप से किसी भी सामग्री को डाउनलोड करने या देखने के लिए केवाईसी की कोई आवश्यकता नहीं है. ये यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 की धारा 11 का सीधा उल्लंघन है.
अश्लील शो हो रहे प्रसारित
उल्लू प्लेटफॉर्म पर कुछ शीर्ष शो के नाम 'कविता भाभी', 'पलंग तोड़', 'वाइफ इन ए मेट्रो', 'चरमसुख' और 'चाहत' हैं. रिपोर्ट के अनुसार, उल्लू और वयस्क सामग्री से संबंधित कई अन्य भारतीय ऐप मेरठ से संचालित होते हैं, जहां फिल्मों का निर्देशन होटल के कमरे या किराए के अपार्टमेंट में काम करने वाले युवाओं द्वारा लगभग 1.25 लाख रुपये से 2.5 लाख रुपये प्रति एपिसोड के बजट पर किया जाता है. वहीं सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन ने 20 जनवरी 2024 को उल्लू के खिलाफ डिजिटल पब्लिशर कंटेट ग्रीवांस काउंसिल को भी शिकायत दी है.
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फैमिली वैल्यूज को खतरा
उदय माहूकर ने पत्र में कहा है कि उल्लू ऐप स तरह के सैक्शुअली प्रीवेंटिड तकंटेट दिखाकर फैमिली वैल्यूज को खत्म और भारत को विश्व गुरू के पथ पर ले जाने के सपने को बर्बाद करने का प्रयास कर रहा है. इससे कई रिश्ते खराब होने का खतरा है. ऐसे में उल्लू ऐप के खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए.
सेबी कर रहा जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उल्लू प्लेटफॉर्म में इसके फाउंडर विभु अग्रवाल के पास 61.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जबकि उनकी पत्नी मेघा अग्रवाल के पास 33.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सेबी के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि बाजार नियामक उल्लू के खिलाफ शिकायतों की जांच कर रहा है.
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