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Maggi के बिगड़े जायके से अपना स्वाद बढ़ाना चाहती थी सरकार, लेकिन पूरी नहीं हुई हसरत
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने मैगी के खिलाफ सरकार की 2 याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
आपके मुंह का स्वाद बढ़ाने वाली मैगी (Maggi) 2015 में एक बड़ी मुसीबत में फंस गई थी. Nestle की मैगी में स्वीकार्य सीमा से अधिक सीसा यानी लेड मिलने की बात सामने आई थी, जिसके बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब उसी मामले में सरकार को बड़ा झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें नेस्ले से हर्जाने की मांग की गई थी.
आज शेयरों पर दिखेगा असर
NCDRC का ये आदेश दिग्गज FMCG कंपनी नेस्ले के लिए बड़ी राहत है. मैगी के मामले में सरकार ने नेस्ले से 640 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा था. इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से 2 याचिकाएं दायर की गई थीं. NCDRC ने सरकार की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें 284.55 करोड़ रुपए के मुआवजे और 355.41 करोड़ के दंडात्मक हर्जाने की मांग की गई थी. इस राहत का असर आज Nestle India के शेयरों पर देखने को मिल सकता है. कल यानी गुरुवार को कंपनी के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए थे.
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बाजार से वापस मंगवाई थी मैगी
नेस्ले ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग की NCDRC के समक्ष 2015 में दायर याचिकाओं को आयोग ने खारिज कर दिया है. दरअसल, जून, 2015 में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कथित तौर पर स्वीकार्य सीमा से अधिक सीसा होने का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद सरकार ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (NCDRC) का रुख करते हुए आरोप लगाया था कि नेस्ले खतरनाक और दोषपूर्ण मैगी नूडल्स के उत्पादन और सार्वजनिक बिक्री के अनुचित व्यापार में लिप्त थी. इसके चलते नेस्ले को बाजार से मैगी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
पांच महीने में हुई थी वापसी
सरकार ने मैगी मामले में पहली बार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12-1-D के तहत कार्रवाई की थी. इस धारा के तहत केंद्र और राज्य दोनों को ही शिकायत दर्ज करने की शक्ति मिली हुई है. खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने मैगी नूडल्स के नमूनों में सीसे की अधिक मात्रा पाए जाने के बाद इसे मानव उपभोग के लिए असुरक्षित और खतरनाक करार दिया था और प्रतिबंध लगा दिया था. इसके करीब पांच महीने बाद ही मैगी बाजार में दोबारा आ गई थी. वापसी के कुछ समय तक मैगी को परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने टेस्ट से उसने जल्द ही लोगों को दोबारा दीवाना बना दिया.
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