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100 रुपये की आइसक्रीम, SWIGGY ने क्यों चुकाए 5 हजार?
फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (SWIGGY) को एक आइसक्रीम की डिलीवरी ना करना बहुत भारी पड़ गया है. कंज्यूमर कोर्ट ने इसके लिए कंपनी को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 weeks ago
फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (SWIGGY) को आइसक्रीम की डिलीवरी ना करने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. दरअसल, कस्टमर की शिकायत पर बेंगरलुरु की एक कंज्यूमर कोर्ट ने स्विगी को आइसक्रीम की डिलीवरी न करने पर 3,000 रुपये जुर्माना और 2,000 रुपये कानूनी फीस के रूप में कस्टमर को वापस देने का आदेश दिया है. तो चलिए जानते हैं क्या था ये पूरा मामला?
यह मामला जनवरी 2023 का है. जानकारी के अनुसार, कस्टमर ने जनवरी 2023 में स्विगी ऐप (SWIGGY APP) का इस्तेमाल करते हुए, एक आईसक्रीम ऑर्डर की थी. इस आइसक्रीम का नाम Nutty Death by Chocolate था, जिसकी कीमत 187 रुपये बताई गई है. कस्टमर ने बताया कि उसे आइसक्रीम डिलिवर नहीं हुई और ऐप पर डिलिवर्ड का स्टेटस आने लगा।
शिकायत के मुताबिक, डिलीवरी एजेंट ने आईसक्रीम शॉप से आईसक्रीम को पिकअप तो किया, लेकिन उसे डिलीवर नहीं किया. हालांकि ऐप पर बिना डिलीवरी किए डिलीवर्ड का स्टेटस आने लगा. इस मामले को शिकायतकर्ता ने स्विगी के शेयर किया और ऐप ने इस पर कोई रिफंड नहीं दिया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने कंज्यूमर कोर्ट में गुहार लगाई.
स्विगी ने क्या कहा?
स्विगी ने कोर्ट ने बताया कि यह सिर्फ कस्टमर और रेस्टोरेंट के बीच का मामला है. साथ ही उसके डिलिवरी एजेंट की तथाकथित गलती पर स्विगी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. स्विगी ने कहा कि कंपनी आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत लायबिलिटी से सुरक्षित है और जब ऐप पर स्टेटस में आइसक्रीम को डिलीवर के रूप में मार्क किया तो, कंपनी इसकी जांच करने में असमर्थ थी, कि ऑर्डर डिलिवर हुआ है या नहीं. हालांकि कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने क्या आदेश दिए?
बैंग्लोर अर्बल एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन ने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह साबित कर दिया है कि स्विगी की ओर से सर्विस में कोताही बरती गई. ऑर्डर किया गया प्रोडक्ट डिलीवर न होने पर स्विगी की ओर से भुगतान की गई राशि वापिस नहीं की गई है.
शिकायतकर्ता ने मांगे थे 17,500 रुपये
कोर्ट में शिकायतकर्ता ने 17,500 रुपये की मांग की थी, जिसमें 10,000 रुपये मुआवजे के रूप में और मुकदमेबाजी पर खर्च के रूप में 7,500 रुपये का दावा किया था. लेकिन अदालत ने इसे ज्यादा पाया और स्विगी को आइसक्रीम की डिलीवरी न करने पर 3,000 रुपये जुर्माना और 2,000 रुपये कानूनी फीस के रूप में वापस देने का आदेश दिया.
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