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'कंगाली में आटा गीला' इसे ही कहते हैं, कांग्रेस को चुकाना होगा 523 करोड़ का टैक्स!
दिल्ली हाई कोर्ट ने आयकर विभाग के एक्शन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
कांग्रेस (Congress) के लिए कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव से पहले उसके नेता पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम रहे हैं. वहीं, आर्थिक मोर्चे पर भी पार्टी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग द्वारा कांग्रेस के खिलाफ चार साल की अवधि के लिए टैक्स रिअसेसमेंट कार्यवाही शुरू करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. इसका मतलब है कि पार्टी को आयकर विभाग को 523 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा.
कार्यवाही शुरू करने के पर्याप्त सबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें साल 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए आयकर विभाग द्वारा 523 करोड़ रुपए की मांग को चुनौती दी गई थी. न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा और न्यायमूर्ति पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे. आयकर अधिकारियों के पास उनके पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद थे.
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पहले भी खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन साल के लिए आयकर विभाग की टैक्स पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ याचिका खारिज की थी. दरअसल, कांग्रेस पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही का विरोध कर रही है. पार्टी के वकील अभिषेक सिंघवी ने हाल ही में कहा था कि टैक्स रिअसेसमेंट पर समयसीमा लागू होती है, लेकिन आयकर विभाग द्वारा ऐसा नहीं किया गया है. कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही इनकम टैक्स कानून के प्रावधानों के विपरीत की जा रही है. वहीं, आयकर विभाग का दावा है कि किसी वैधानिक प्रावधान का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है.
प्रचार के लिए भी नहीं हैं पैसे
अदालत ने आठ मार्च को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) द्वारा पारित एक आदेश को बरकरार रखा था. इस आदेश में साल 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक के बकाया टैक्स वसूली के लिए कांग्रेस को जारी नोटिस पर रोक लगाने से इंकार किया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट का ताजा फैसला कांग्रेस के लिए बड़े झटके के समान है. पार्टी लीडर पहले ही कह चुके हैं कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा पार्टी का अकाउंट फ्रीज करने से उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है. पार्टी के पास चुनाव प्रचार करने के भी पैसे नहीं हैं.
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