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घाटा...विरोध...इस्तीफे, आखिर क्यों बिगड़ रही है स्पाइसजेट की सेहत?
स्पाइसजेट लो-कॉस्ट एयरलाइन मानी जाती है. बीते कुछ वक्त में कंपनी और एविएशन सेक्टर में ऐसा बहुत कुछ हुआ है, जिससे स्पाइसजेट का बाजार प्रभावित हुआ है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
स्पाइसजेट एयरलाइन के दिन आजकल अच्छे नहीं चल रहे हैं. एक तरफ जहां कर्मचारी मोर्चा खोले हुए हैं. उनका कहना है कि कंपनी समय पर सैलरी नहीं दे पा रही है. इस वजह से पायलट सहित अन्य कर्मचारी नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं. वहीं, दूसरी तरफ बढ़ते घाटे से उसकी आर्थिक सेहत खराब हो रही है. इसके अलावा शेयर बाजार से भी कंपनी के लिए बुरी खबर आ रही है.
कैसे ढीली हो रही ग्रिप
कुछ समय पहले तक इंडिगो के बाद स्पाइसजेट यात्रियों की पहली पसंद थी. लेकिन अब स्थिति काफी हद तक बदल चुकी है. स्पाइसजेट को लेकर लोगों की सोच बदल रही है, जिसका असर उसकी आर्थिक सेहत पर पड़ रहा है. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि आखिर एविएशन सेक्टर पर अच्छी पकड़ रखने वाली इस कंपनी की ग्रिप ढीली कैसे हो रही है?
बढ़ रहा कॉम्पिटिशन
स्पाइसजेट लो-कॉस्ट एयरलाइन मानी जाती है. बीते कुछ वक्त में कंपनी और एविएशन सेक्टर में ऐसा बहुत कुछ हुआ है, जिससे स्पाइसजेट का बाजार प्रभावित हुआ है. सबसे पहली बात तो यही है कि इस क्षेत्र में कॉम्पिटिशन काफी बढ़ गया है. टाटा समूह द्वारा एयरइंडिया को टेकओवर करने के बाद से उसकी परफॉरमेंस लगातार सुधर रही है. यात्री फिर से एयर इंडिया में विश्वास जताने लगे हैं. जिसका सीधा सा मतलब है कि अन्य विमान कंपनियों के कारोबार में सेंध लगी है. इसके अलावा, लो-कॉस्ट एयरलाइन टैग के साथ ‘अकासा एयर’ की भी एंट्री हो चुकी है और जेटएयरवेज की री-एंट्री होने वाली है.
खराब जहाज मुसीबत
स्पाइसजेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी समस्या है, खराब होते जहाज. जिसकी वजह से यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, DGCA ने बीते बुधवार को स्पाइसजेट के दो और बोइंग-737 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया. इसके साथ ही अगस्त में एयरलाइन के छह बोइंग-737 विमानों का पंजीकरण रद्द हो चुका है. मई से लेकर अगस्त तक स्पाइसजेट के विमानों में खराबी के कई मामले सामने आ चुके हैं.
DGCA ने दिया नोटिस
हाल ही में दिल्ली से नासिक के लिए सुबह को उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट को ऑटो पायलट में गड़बड़ी के कारण आधे रास्ते से वापस लौटना पड़ा. पिछले तीन महीने में स्पाइसजेट के तकरीबन एक दर्जन विमानों में तकनीकी खामियां सामने आ चुकी हैं. जिसकी वजह से फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी या इमरजेंसी लैंडिंग की स्थिति बनी है. इसके चलते डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.
खराबी की प्रमुख घटनाएं
4 मई को चेन्नई-दुर्गापुर फ्लाइट को ऑयल फ़िल्टर चेतावनी के चलते वापस लौटना पड़ा था. 28 मई को मुंबई-गोरखपुर फ्लाइट के विंडशील्ड में क्रैक की बात सामने आई थी. 19 जून को पटना-दिल्ली फ्लाइट के इंजन में आग के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी. 2 जुलाई को जबलपुर जा रही फ्लाइट के केबिन में धुआं भर गया था और इसकी वजह से विमान को वापस दिल्ली लौटना पड़ा था. 5 जुलाई को विमान में गड़बड़ी की 2 घटनाएं हुईं, पहली - Kandla-Mumbai फ्लाइट की विंडशील्ड में क्रैक आए. दूसरी- फ्यूल इंडिकेटर में खराबी के चलते दिल्ली से दुबई जा रही स्पाइसजेट SG-11 फ्लाइट की पाकिस्तान के कराची में लैंडिंग करानी पड़ी.
बढ़ रहा है घाटा
विमानों में गड़बड़ी की खबरों के लगातार आम होने से कंपनी की इमेज को धक्का लगा है. ऐसा माना जाने लगा है कि स्पाइसजेट यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है और खराब विमानों को उड़ा रही है. अब घाटे की बात करें तो स्पाइसजेट का जून तिमाही में शुद्ध घाटा बढ़कर 789 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 729 करोड़ रुपए था. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि कंपनी ने विमानों को दुरुस्त करने पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में उसका घाटा और बढ़ सकता है.
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