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Reliance Capital: जिस पर सवाल उठाए वही काम कर बैठा Torrent Group
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को अपना बनाने की दौड़ में शामिल टोरेंट ग्रुप ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
टोरेंट ग्रुप (Torrent Group) ने शुक्रवार को अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के लिए अपनी समाधान योजना (Resolution Plan) में आश्चर्यजनक रूप से संशोधन किया है. कंपनी ने अपने अपफ्रंट पेमेंट को 3,750 करोड़ से बढ़ाकर 8,640 करोड़ रुपए कर दिया है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि Torrent ने इससे पहले हिंदुजा समूह पर समाधान योजना को संशोधित करने का आरोप लगाया था.
RFRP का उल्लंघन
इस कदम को Request for Resolution Plan – RFRP और चैलेंज मैकेनिज्म के घोर उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, टोरेंट की 8,640 करोड़ रुपए की बोली (All Cash Bid) अभी भी हिंदुजा समूह की 9,000 करोड़ रुपए की बोली से कम है. बता दें कि इससे पहले, टोरेंट ग्रुप की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने मंगलवार को रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. एनसीएलटी ने इसलिए स्टे लगाया, क्योंकि टोरेंट ग्रुप ने हिंदुजा ग्रुप की संशोधित बोली को चुनौती दी थी.
कानूनों के अनुरूप नहीं
टोरेंट का कहना है कि हिंदुजा की पेशकश ई-नीलामी के बाद आई और इसलिए, अवैध और गैर-अनुपालन थी. एनसीएलटी ने प्रशासक से टोरेंट के आवेदन पर जवाब दाखिल करने को कहा था. इस पर सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित की गई है. फाइनेंशियल एडवाइजर्स Deloitte और KPMG ने पाया था कि हिंदुजा समूह के 9,000 करोड़ रुपए के मुकाबले टोरेंट का अपफ्रंट कैश केवल 3,750 करोड़ रुपए था. वहीं, प्रशासक के लिए कानूनी सलाहकार, AZB एंड पार्टनर्स और Committee of Creditors (CoC) के लिए लूथरा एंड लूथरा का मानना है कि टोरेंट और हिंदुजा की समाधान योजना कानूनी रूप से Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) और अन्य कानूनों के अनुरूप नहीं है.
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