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Cipla में हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ हुई दिलचस्प, गुजरात की इस कंपनी ने भी चला दांव!
सिप्ला की नींव ख्वाजा अब्दुल हामिद ने साल 1935 में रखी थी. 1972 में पिता के निधन के बाद यूसुफ हामिद और उनके भाई मुस्तफा ने कारोबार की कमान संभाल ली थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
आजादी से पहले अस्तित्व में आई दिग्गज दवा कंपनी सिप्ला (Cipla) में हिस्सेदारी खरीदने वालों की दौड़ में टोरेंट फार्मा (Torrent Pharma) भी शामिल हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि गुजरात की टोरेंट फार्मा इस डील के लिए जेपी मॉर्गन के साथ काम कर रही है. इससे पहले खबर आई थी कि दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी फंड (Private Equity Fund) ‘ब्लैकस्टोन’ (Blackstone) Cipla में हिस्सेदारी के लिए बोली लगा सकता है. लेकिन Cipla ने इस खबर को खारिज कर दिया था.
इतनी हो जाएगी हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोरेंट ने सिप्ला में हिस्सेदारी खरीदने के लिए फंडिंग जुटाने के लिए कई लेंडर्स से संपर्क किया है. सिप्ला के प्रमोटर हामिद परिवार के पास कंपनी में 33.47% हिस्सेदारी है, जिसे वह बेचना चाहते हैं. जो कंपनी इस हिस्सेदारी को अपना बनाएगी, वो ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत Cipla की अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी पर भी दावा कर सकेगी. ऐसे में उसे तकनीकी रूप से सिप्ला में 59.4% की हिस्सेदारी मिल जाएगी. Cipla का मौजूदा मार्केट वैल्यूएशन 94,043 करोड़ रुपए है. इस कीमत के लिहाज से अकेले प्रमोटर हिस्सेदारी का मूल्य 31,476 करोड़ रुपए है. यदि OFS पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाता है, तो संभावित खरीदार को करीब 55,926 करोड़ का भुगतान करना होगा.
टूट जाएगा परिवार से नाता
यदि यह डील पूरी हो जाती है, तो करीब 88 साल बाद हामिद परिवार Cipla से बाहर हो जाएगा. इस दवा कंपनी की नींव ख्वाजा अब्दुल हामिद ने साल 1935 में रखी थी. 1972 में पिता के निधन के बाद यूसुफ हामिद और उनके भाई मुस्तफा ने कारोबार की कमान अपने हाथों में ली. यूसुफ हामिद ने एड्स जैसी बीमारियों के लिए कम लागत वाली जेनेरिक दवाओं की पेशकश करते हुए बड़ी दवा कंपनियों को कड़ी टक्कर दी. आज के समय में राजस्व के हिसाब से CIpla देश की तीसरी सबसे बड़ी जेनेरिक दवा कंपनी है. यूसुफ हामिद इस समय सिप्ला के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं और वह 33.47% हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से बाहर निकलना चाहते हैं.
टोरेंट फार्मा को ऐसे होगा फायदा
यदि टोरेंट फार्मा सिप्ला में हिस्सेदारी खरीद लेती है, तो दवा क्षेत्र में उसका पोर्टफोलियो काफी मजबूत हो जाएगा. टोरेंट फार्मा रिवेन्यु के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी बन जाएगी और घरेलू फॉर्मूलेशन बिजनेस में वह मार्केट लीडर सन फार्मा से आगे निकल जाएगी. सुधीर, समीर मेहता परिवार के पास टोरेंट के प्रमोटर के रूप में 71.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, स्टॉक मार्केट में Cipla Ltd के प्रदर्शन की बात करें, तो कल कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. कंपनी के शेयर एक फीसदी से ज्यादा लुढ़ककर 1,221 रुपए पर बंद हुए.
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