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वाणिज्य मंत्रालय की इस सिफारिश ने बढ़ाई इन देशों के कारोबारियों की परेशानी
चीन को लेकर पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने जिस तरह का रवैया अपनाया है उसने वहां के कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
जब से देश में मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट की शुरुआत हुई है सरकार सबसे पहले देश के कारोबारियों के हितों की ओर देख रही है. इसके लिए भले ही दूसरे देशों से आने वाले सस्ते प्रोडक्ट को बैन करना हो या कोई दूसरा कदम उठाना. इसी कड़ी में कॉमर्स मंत्रालय की एक सिफारिश ने चीन की एक और इंडस्ट्री की परेशानी को बढ़ा दिया है. केन्द्र सरकार के कॉमर्स मंत्रालय ने विदेशों से आने वाले सस्ते शिपमेंट से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए उन पर ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है. मंत्रालय ने चीनी ग्लास के आयात पर 243 डॉलर प्रति टन तक एंटी डंपिंग फीस लगाने की सिफारिश की है. शुल्क लगाने पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय करेगा.
क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल भारत में चीन या दूसरे देशों से सस्ता कांच आ रहा है. इससे घरेलू कारोबारियों के सामने समस्या पैदा हो रही है. इस मामले में एक घरेलू कारोबारी की शिकायत के बाद मंत्रालय के विभाग ने घरेलू इस्तेमाल में आने वाले 1.8 एमएम से 8 एमएम के कांच जिसकी मोटाई 0.4 वर्ग मीटर जिसे चीन से इंपोर्ट किया जाता है उसकी जांच को आगे बढ़ाया था.
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
इस पूरे मामले की सेफ्टी स्पेशलिटी ग्लास प्रोसेसर्स के संघ फेडरेशन ने इस मामले में एंटी डंपिंग जांच की थी. इस मामले में घरेलू कारोबारी ने आरोप लगाया था कि प्रोडक्ट डंपिंग से घरेलू कारोबार प्रभावित हो रहा है. इस शिकायत के बाद हुई जांच में पाया गया कि इस माल को सामान्य से निचले स्तर पर एक्सपोर्ट किया गया है. इसके कारण घरेलू कारोबारियों के लिए परेशानी बढ़ी है.
क्या की है विभाग ने इस पर सिफारिश?
इस पर विभाग ने जांच करने के बाद इसके इंपोर्ट पर पांच साल के लिए ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है. ये ड्यूटी 41.8 डॉलर प्रति टन से 243 डॉलर प्रति टन तक हो सकती है. सस्ते इंपोर्ट में बढ़ोतरी के कारण घरेलू कारोबारियों का हित प्रभावित हुआ है या नहीं ये तय करने के लिए कई देशों द्वारा इसकी जांच की जाती है. इस तरह की फीस का मकसद घरेलू कारोबार को बाहर से होने वाले सस्ते इंपोर्ट से बचाना है. चीन सहित कई देशों से होने वाले सस्ते इंपोर्ट की समस्या से लड़ते हुए भारत अब तक कई चीजों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगा चुका है.
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