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भारत अमेरिका के बीच इन अहम मसलों पर हो सकती है बातचीत!
भारत अमेरिका के बीच इन अहम मसलों पर हो सकती है बातचीत!
भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बातचीत में इस बार कई विषय शामिल हो सकते हैं. इनमें तकनीक, स्पेस, सेमीकंडक्टर और कई अहम मसलों पर बातचीत हो सकती है.
ललित नारायण कांडपाल
8 months ago
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन G-20 की मीटिंग में भाग लेने के लिए 7 सितंबर को भारत पहुंच रहे हैं. जी 20 की मीटिंग से पहले जो बाइडेन और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच कई अहम मसलों को लेकर बातचीत हो सकती है. माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच भारत सरकार के द्वारा लैपटॉप के आयात पर लगाए गए बैन से लेकर तकनीक, स्पेस और सेमीकंडक्टर जैसे विषय शामिल हो सकते हैं.
कब आ रहे हैं बाइडेन?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 7 सितंबर को भारत आ रहे हैं. वो 7 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक दिल्ली में रहेंगे. 8 सितंबर को पीएम मोदी और बाइडेन के बीच में द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है. उसके बाद 9 और 10 सितंबर को वो जी 20 की मीटिंग में सभी भागीदार देशों के साथ भाग लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि जी 20 में जलवायु परिवर्तन, क्लीन एनर्जी सहित रूस के साथ हुए युद्ध के बाद पैदा हुई परिस्थितियों को लेकर बात की जाएगी.
भारत अमेरिकी संबंधों पर क्या कहते हैं पूर्व विदेश सचिव?
पूर्व विदेश सचिव, राजदूत शशांक कहते हैं कि वैसे तो बाइडेन जी-20 के लिए आ रहे हैं, भारत के लिए उन्होंने स्टेट विजिट आर्गनाइज किया था. ये दौरा सबसे पहले दोनोंइ देशों के बीच के संबंध को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा. इसमें नई तकनीक में बातचीत हो सकती है, स्पेस के मामले को लेकर बातचीत हो सकती है, डिफेंस के क्षेत्र में भी बातचीत हो सकती है. बाइडेन मोदी को सपोर्ट करते हैं. दोनों के बीच भले ही लोकतांत्रिक देश होने के नाते आलोचना होती हो लेकिन फिर भी दोनों देश एक दूसरे साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं. एशिया में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को चाइना से कम करना और दूसरे देशों में ले जाना, वियतनाम, भारत और मलेशिया में होना चाहिए. अगर ये भारत में आते हैं तो ज्यादा असर पड़ेगा. क्वांटम कंप्यूटिंग भी ऐसा क्षेत्र है जिस पर अमेरिका भारत को सपोर्ट करना चाहता है, उस पर भी बात हो सकती है. पूर्व विदेश सचिव हाल ही में भारत के द्वारा लगाए गए बैन को लेकर कहते हैं कि इसे लेकर अमेरिका पर दबाव हो सकता है लेकिन हमने ये बैन इसलिए लगाया है क्यों कि आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ना चाहते हैं.
टेक्नोलॉजी की साझेदारी पर हो सकती है बातचीत
The Imagindia Institute के अध्यक्ष रोबिन्द्र सचदेव कहते हैं कि जो बाइडेन की पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ होने वाली इस मीटिंग को आप दो से तीन कैटेगिरी में देख सकते हैं. पहला मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच आपसी साझेदारी का होगा, दूसरा क्षेत्रीय मामला हो सकता है और तीसरा मामला रूस-यूक्रेन वॉर होगा. द्विपक्षीय मामलों को लेकर जो सबसे अहम विषय हो सकता है उसमें उभरती तकनीक और सेमीकंडक्टर को लेकर बातचीत हो सकती है. रिसर्च, डेवलपमेंट, प्रोडक्शन पर बातचीत हो सकती है. क्योंकि ताइवान संकट के बाद इंडिया और अमेरिका दोनों की बड़ी चिंता है.
इसी तरह से क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर भी बातचीत हो सकती है. भारत और अमेरिका ने डिफेंस इंडस्ट्री पर एक एमओयू किया है. क्योंकि भारत में अगर इसका निर्माण बढ़ता है तो वो अमेरिका को भी सप्लाई करेगा.क्योंकि यूक्रेन वॉर के कारण डिफेंस प्रोडक्शन काफी वीक हो गई है. भारत और अमेरिका मिलकर एक ह्यूमन स्पेस फ्लाइट का प्लॉन बना रहे हैं जिसकी इस साल के अंत इसकी घोषणा भी हो सकती है. अंत में जी 20 में वर्ल्ड बैंक का रिफॉर्म, आईएमएफ का रिफॉर्म, का मामला भी आ सकता है.
अमेरिका के लिए भारत कई मायनों में अहम है
इस पूरे मामले को लेकर विदेश मामलों के जानकार कमर आगा कहते हैं कि भारत अमेरिका के लिए कई मायनों में अहम है. अमेरिका के लिए भारत बाजार के नजरिए से लेकर निवेश तक काफी अहम देश है. अमेरिका की कई बड़ी बड़ी कंपनियां पहले से ही भारत में निवेश करती रही हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या भारत और अमेरिका के बीच में लैपटाप के इंपोर्ट पर लगाए गए बैन का मसला हो सकता है. इस पर कमर आगा कहते हैं कि उनके साथ जो डेलीगेशन आएगा वो भारत के अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर चर्चा कर सकते हैं.
भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद मजबूत
विदेश मामलों के जानकार संजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति की जो विजिट हो रही है वो उसमें जी-20 में भाग लेने आ ही रहे हैं. लेकिन वो चार दिन पहले आ रहे हैं तो पहले के दो दिनों में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है. संजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि हाल ही में पीएम मोदी और बाइडेन के बीच हुई बातचीत में जीई जेट इंजन को भारत में बनाने को लेकर भी सहमति बन चुकी है. भारत और अमेरिका के बीच संबंध और भी लगातार गहरे हो रहे हैं. भारत और अमेरिका के बीच कई क्षेत्रों में साझेदारी है, ग्लोबल स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप है वो और मजबूत हुई है.
दोनों देशों के नेताओं के बीच में इंडो-पैसिफिक रीजन को लेकर भी बातचीत हो सकती है. अब दोनों देश साझे विजन पर काम कर रहे हैं. हाल ही में भारत ने गेहूं, चावल के निर्यात और लैपटॉप के आयात पर बैन लगाया है, तो क्या इस पर बातचीत हो सकती है. इस पर संजीव कहते हैं कि जब भी सरकारें कदम उठाती हैं तो इसका मकसद ये नहीं होता कि वो किसी राष्ट्र के खिलाफ है.वो किसी भी देश की खुद की जरूरतों पर निर्भर करता है. वो कहते हैं कि जब कभी डिफ्रेंस ऑफ ओपिनियन जैसे मामले सामने आए हैं उसे दोनों देशों ने बहुत समझदारी से बातचीत के जरिए सुलझाया है.
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