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दिवालिया घोषित होगी ये बड़ी टेक्सटाइल कंपनी, 414 करोड़ रुपये का है बकाया
कंपनी पर 414 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट होने के बाद दिवालिया घोषित करने की याचिका नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ के समक्ष दाखिल कर दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः सात दशक पुराने कपड़ा निर्माता और स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक सेगमेंट में लीडर रही एस कुमार्स कंपनी अब दिवालिया घोषित होने जा रही है. कंपनी पर 414 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट होने के बाद दिवालिया घोषित करने की याचिका नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ के समक्ष दाखिल कर दी है.
कोर्ट ने दिया आदेश
जस्टिस पीएन देशमुख और तकनीकी सदस्य श्याम बाबू गौतम की खंडपीठ ने 18 नवंबर को दिए गए अपने आदेश में कहा, "कॉरपोरेट कर्जदार (एस कुमार) ने लोन के अस्तित्व पर न तो आपत्ति की है और न ही इनकार किया है." यह याचिका एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी की याचिका को स्वीकार कर लिया है. ट्रिब्यूनल ने अंजन भट्टाचार्य को इसके अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में नियुक्त किया है.
भुगतान करने में रही विफल
ट्रिब्यूनल ने उल्लेख किया कि कंपनी ने 18 जुलाई, 2020 को एक समझौता प्रस्ताव और 12 अगस्त, 2020 को एक संशोधित प्रस्ताव दिया था, लेकिन भुगतान करने में विफल रही थी "देनदार कंपनियां निपटान प्रस्ताव पर लगन से काम कर रही थीं और बकाया राशि का निपटान करने के लिए गंभीर थीं."
एस कुमार्स ने 2009 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से सहयोगी कंपनी एसकेएम फैब्रिक्स द्वारा लिए गए लोन के लिए कॉर्पोरेट गारंटी दी थी. लोन को 30 जून, 2010 को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति घोषित किया गया था और एआरसी ने लोन की वसूली का अधिकार हासिल कर लिया था, मार्च 2014 में वकील रोहन अग्रवाल , लॉ फर्म MDP एंड पार्टनर्स के निशित ध्रुव के साथ, लेंडर्स की ओर से पेश हुए और उन्होंने तर्क दिया कि याचिका सभी प्रकार से पूर्ण थी और पर्याप्त साक्ष्य द्वारा डिफॉल्ट की पुष्टि की गई थी.
1943 में हुई थी स्थापना
एस कुमार्स ग्रुप की स्थापना स्वर्गीय सेठ श्री शंकरलालजी सूरजमलजी कासलीवाल और स्वर्गीय सेठानी श्रीमती द्वारा की गई थी. वर्ष 1943 में चंद्रावतीजी शंकरलालजी कासलीवाल ने ब्रांड और लोगो S.KUMARS मूल रूप से शंकरलाल के लिए 'S' और उनके 6 पुत्रों के लिए 'कुमार' है जिनमें आलोक कुमार, विवेक कुमार, अशोक कुमार, सुमति कुमार, शंभु कुमार और अभय कुमार शामिल हैं.
समूह ने कपड़ा व्यापार, वितरण और बाद में कपड़ा निर्माण गतिविधियों की शुरुआत की. 1968 में एस कुमार्स एंटरप्राइजेज (सिनफैब्स) प्राइवेट लिमिटेड को कासलीवाल द्वारा शामिल किया गया था. बाद में एस कुमार्स ग्रुप ने 28 फरवरी 1991 को एक डीम्ड पब्लिक कंपनी और 7 जुलाई 1992 को एक पब्लिक कंपनी शुरू की.
सार्वजनिक कंपनी का नाम एस कुमार्स सिनफैब्स लिमिटेड था और बाद में अक्टूबर 2000 में इसका नाम बदलकर एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड (एसकेएनएल) कर दिया गया था.
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