होम / बिजनेस / सरकार की सख्ती, मेडिकल इक्विपमेंट बेचने वालों को अब करना होगा ये काम
सरकार की सख्ती, मेडिकल इक्विपमेंट बेचने वालों को अब करना होगा ये काम
सरकार ने मेडिकल इक्विपमेंट बेचने वाले व्यापारियों और रिसेलरों को पंजीकरण कराने के लिए कहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
केंद्र सरकार ने थर्मामीटर सहित किसी भी प्रकार के मेडिकल इक्विपमेंट बेचने वाले व्यापारियों और रिसेलरों को पंजीकरण कराने के लिए कहा है. यह कदम देश में चिकित्सा उपकरण उद्योग के विनियमन का दायरा बढ़ाने की कोशिश के तहत उठाया जा रहा है. 30 सितंबर की एक अधिसूचना में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जो भी व्यक्ति डायग्नोस्टिक मेडिकल डिवाइस सहित किसी भी प्रकार के चिकित्सा उपकरण बेचना, जमा करना, प्रदर्शन करना अथवा वितरित करना चाहता है, उसे पंजीकरण प्रमाण पत्र लेना ही होगा. इन नियमों को चिकित्सा उपकरण नियम 2022 कहा जाएगा.
क्यों महसूस हुई ज़रूरत?
केंद्र के द्वारा उठाए गए इस कदम के बारे में बताते हुए एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइसेज इंडस्ट्री के कोऑर्डिनेटर राजीव नाथ ने कहा कि चिकित्सा उपकरण नियम 2017 में निर्माताओं और आयात करने वालों के लिए नियम तथा जिम्मेदारियां बताई गई थीं, मगर रिसेलर, थोक विक्रेता, व्यापारी, इसके दायरे के बाहर थे. उन्होंने कहा कि पहले दवाओं के रूप में अधिसूचित चिकित्सा उपकरणों के रिसेलरो को थोक दवा लाइसेंस की जरूरत होती थी, मगर चश्मा, कंडोम, दस्ताने, डायपर्स, व्हीलचेयर, ऑक्सीमीटर, मास्क, जैसे तमाम चिकित्सा उपकरण फार्मेसी के अलावा कुछ दुकानों पर भी मिलते थे, यह देखकर मॉल, किराना स्टोर जैसे लाखों रिसेलरो के लिए अलग से नियम की ज़रूरत महसूस हुई. पहले इन्हें केवल सामान्य ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के लिए कहा गया था. परंतु बाद में सरकार ने मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिसूचना जारी की, जिसका मकसद चिकित्सा उपकरणों को विनियमित करने के लिए व्यापारियों द्वारा चिकित्सा उपकरणों की रीसेलिंग को भी कानूनी दायरे में लाना था.
इससे क्या होगा फायदा?
राज सिर्जिको के स्वामी मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा लिया गया यह निर्णय बहुत ही लाभदायक है. इससे ऐसे दुकानदार जो मेडिकल से संबंधित नकली सामान बेचते हैं, उन पर रोक लग सकेगी तथा आम जनता को इसका फायदा होगा. मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को ये कदम पहले ही उठाना चाहिए था.
टैग्स