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Ayodhya Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के लिए आई ये अच्छी खबर
विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर भारत को राहत मिली है. हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से इजाफा हुआ है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है, उससे पहले देश के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से इजाफा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल के पहले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई थी. उस दौरान 5.89 अरब डॉलर के नुकसान के साथ ये भंडार 22 महीने के उच्चतम स्तर से फिसल गया था. लेकिन 12 जनवरी 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें सुधार देखने को मिला है.
इतना बढ़ गया भंडार
हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 12 जनवरी 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.634 अरब डॉलर बढ़कर 618.937 अरब डॉलर पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों के मुताबिक 12 जनवरी 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान हमारा भंडार 1.634 अरब डॉलर बढ़ गया है. इससे पहले, पांच जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान इस भंडार में 5.89 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. ताजा बढ़ोतरी के बाद अब भारत का भंडार 618.937 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.
यहां भी हो गई बढ़ोत्तरी
वहीं, रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े बताते हैं कि आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset) भी बढ़ी हैं. 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान Foreign Currency Assets या FCAs में 1.859 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही हमारा FCAs भंडार 548.508 अरब डॉलर हो गया है. बता दें कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. हालांकि, 12 तारीख को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में जरूर कमी आई है. इस सप्ताह गोल्ड रिज़र्व 242 Million डॉलर कम होकर 47.247 अरब डॉलर रह गया है.
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार का पर्याप्त संख्या में होना हर देश के लिए महत्वपूर्ण है. इसे देश की हेल्थ का मीटर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इसमें विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व, ट्रेजरी बिल्स आदि आते हैं और इन्हें केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. इन संस्थाओं का काम पेमेंट बैलेंस की निगरानी करना, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर पर नजर रखना और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखना है.
आखिर क्या है इसका उद्देश्य?
विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो RBI के पास बैकअप फंड मौजूद हो. इसके साथ ही गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है. जैसा कि पिछले साल जुलाई में RBI ने 39 अरब डॉलर की बिक्री की थी. हालांकि, इससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई थी. यदि किसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छी स्थिति में है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी निखरती है, क्योंकि उस स्थिति में व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.
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