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NSE और BSE पर फ्रीज हुए पतंजलि के शेयर्स, कंपनी ने कहा नहीं पड़ता फर्क
पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने कल कहा कि, कंपनी में उनके प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग फ्रीज करने से उनकी वित्तीय स्थिति और काम के तरीके पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ग्रुप की फर्म पतंजलि फूड्स के प्रमोटर शेयर्स को फ्रीज कर दिया है, लेकिन कंपनी का कहना है कि इस फैसले का उनके काम करने पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पहले रुची सोया इंडस्ट्रीज के नाम से पहचानी जाने वाली कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने कल कहा कि, कंपनी में उनके प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग फ्रीज करने से उनकी वित्तीय स्थिति और काम करने के तरीके पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
BSE और NSE ने फ्रीज किये शेयर्स
कल पतंजलि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (PFL) ने बताया कि, पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों को पूरा न कर पाने की वजह से भारतीय शेयर बाजारों BSE और NSE ने पतंजलि आयुर्वेद समेत उनकी 21 प्रमोटर इकाइयों के शेयर्स को फ्रीज कर दिया गया है. सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन 1957 के नियम 19A(5) के अनुसार एक लिस्टेड इकाई के पास कम से कम 25% की MPS (मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग) होनी चाहिए.
प्रमोटर्स कर रहे हैं पूरी कोशिश
एक फाइलिंग में PFL ने कहा कि, उनके प्रमोटर्स MPS हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और इस मामले को लेकर बातचीत जारी है. PFL ने कहा – हमें हमारे प्रमोटर्स से जानकारी मिली है कि MPS हासिल करने के जरूरी नियमों को पूरा करने के लिए वह अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. पब्लिक शेयरहोल्डिंग को बढ़ाने के सबसे बेस्ट तरीकों को लेकर वह लगातार बातचीत कर रहे हैं. साथ ही उन्हें भरोसा है कि आने वाले कुछ महीनों में वह आवश्यक MPS के आवश्यक स्तर को हासिल कर लेंगे.
पहले कर चुके हैं MPS हासिल करने की भरपूर कोशिश
सही समय पर MPS हासिल करने के लिए प्रमोटर्स उचित उपाय कर रहे थे. लेकिन कोविड महामारी के प्रकोप और उस समय मार्केट की खराब स्थिति की वजह से 18 जून 2021 तक पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 10% जितना बढ़ाने में वह असमर्थ रहे. हालांकि PFL ने मार्च 2022 में FPO (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग) जारी किया और MPS को 19.18% जितना बढ़ा लिया. इस FPO में 6.61 करोड़ इक्विटी शेयर्स को 2 रुपये प्रति शेयर की कीमत और 648 रुपये के प्रीमियम पर जारी किया गया था. इस वक्त PFL के 19.18% शेयर्स पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास हैं और इसीलिए MPS हासिल करने के लिए कंपनी को अपनी पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 5.82% और बढ़ाना होगा.
SEBI ने लगा रखी है कंपनी के इक्विटी शेयर्स पर रोक
कंपनी ने आगे कहा कि, उनके प्रमोटर्स के इक्विटी शेयर्स पर पहले से ही SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के 2018 रेगुलेशंस (कैपिटल और डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट) के अंतर्गत अप्रैल 2023 (लिस्टिंग की तारीख से एक साल बाद) तक रोक लगायी जा चुकी है. इसीलिए हमें नहीं लगता कि, स्टॉक एक्सचेंज द्वारा की गयी इस कार्यवाही का कंपनी के काम पर कुछ प्रभाव पड़ेगा.
इस वजह से फ्रीज किये गए कंपनी के शेयर्स
पहले PFL की पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25% से ज्यादा नीचे गिर गयी और 18 दिसंबर 2019 को यह 10% से भी ज्यादा नीचे जा पहुंची. कंपनी को 18 मार्च 2022 से पहले अपनी MPS को 25% बढ़ाना था लेकिन किसी कारंवाश ऐसा नहीं हो पाया. इसी को ध्यान में रखकर भारतीय एक्सचेंजों ने एक्शन लेते हुए पतंजलि ग्रुप की 21 इकाइयों के शेयर्स को फ्रीज कर दिया. जिन इकाइयों के शेयर्स को फ्रीज किया गया है उनमें आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतंजलि परिवहन, पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास जैसी इकाइयां शामिल हैं. इस फैसले कि वजह से कंपनी के कुल 29,25,76,299 इक्विटी शेयर्स प्रभावित हुए हैं.
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