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चीन में फरवरी में CPI इंडेक्स में हुआ इजाफा, क्या भारत में होगा कोई असर?
चीन के सांख्यिकी मंत्रालयों के आंकड़ों के अनुसार फरवरी में CPI इंडेक्स में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि इसमें हुई बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले अब तक की सबसे कम बढ़ोतरी दर है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
एक ओर भारत में जहां CPI ( consumer Price Index) दर जनवरी में 6.52 प्रतिशत रिकार्ड हुई थी वहीं दूसरी ओर चीन में भी महंगाई दर बढ़ी हुई रिकॉर्ड हुई है. फरवरी 2023 में CPI इंडेक्स 2.1 प्रतिशत रिकॉर्ड हुआ है. जबकि दिसंबर में ये CPI इंडेक्स 1.8 प्रतिशत दर्ज हुआ था. लेकिन फरवरी में जो CPI दर रिकॉर्ड हुई है वो पिछले साल के मुकाबले 1 प्रतिशत ज्यादा की महंगाई दर को दिखाती है. हालांकि फरवरी में रिकॉर्ड हुआ ये CPI इंडेक्स पिछले फरवरी 2022 से सबसे कम तेज रफ्तार से आगे बढ़ा है. ये जानकारी चीन के सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से जारी किए गए हैं. लेकिन सबसे अहम ये है कि चीन में अगर महंगाई दर बढ़ रही है तो उसका बाजार के बाजार पर क्या असर पड़ेगा.
क्या रही इसके पीछे की वजह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दरअसल एक साल पहले चीन की वार्षिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति के मुकाबले इस साल फरवरी में ये कम दर्ज हुई है. चीन के आधिकारिक आंकड़े दिखा रहे हैं कि क्योंकि कंज्यूमर पिछले साल के अंत में महामारी नियंत्रण के सख्त नियमों को छोड़ने के बावजूद सतर्क रहे हैं. CPI का डेटा, जो मौसमी रूप से समायोजित होता है वो एक महीने पहले से 0.5% गिर गया, इसमें 0.2% का लाभ पूर्वानुमान जताया गया था. वहीं जनवरी में मासिक CPI वृद्धि 0.8% थी. सरकार ने 2023 में औसत उपभोक्ता कीमतों का लक्ष्य पिछले साल की तुलना में लगभग 3% अधिक होने का लक्ष्य रखा है, जब कीमतें 2021 में 2% बढ़ी थीं और 3% के लक्ष्य से कम हो गई थीं.
सरकार इस परिस्थिति से है वाकिफ
चीन के ये आंकड़े बता रहे हैं कि अक्टूबर से, निर्माता कीमतें एक साल पहले की तुलना में लगातार कम रही हैं. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि चीन की संसद को वहां के विशेषज्ञों ने वर्ष 2023 को लेकर जो जानकारी दी है उसके बाद वहां के पॉलिसीमेकर्स ने इस साल के लिए 5 प्रतिशत की सामान्य ग्रोथ रेट निर्धारित की है. चीन जो कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है उसने विदेशों में कमजोर मांग और घरेलू संपत्ति में गिरावट का सामना किया है. चीन के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले समय में CPI में ऊपर की ओर इजाफा हो सकता है हालांकि ज्यादा लोग सरकार के द्वारा कोविड 19 को खत्म करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं. चीन की मुख्य वार्षिक महंगाई दर, जिसमें खाद्य और ऊर्जा की कीमतें शामिल नहीं हैं वो जनवरी के 1.0% के मुकाबले फरवरी में 0.6% थी और जो लगातार कमजोर घरेलू मांग को दर्शाती है. अर्थव्यवस्था ने पिछले साल दशकों में अपने सबसे कमजोर प्रदर्शन दिखाया है.
क्या भारत पर पड़ेगा इसका असर
अर्थशास्त्री एस पी शर्मा कहते हैं कि चीन में अगर CPI डेटा में इजाफा हुआ है तो इसका भारत के बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हां वो कहते हैं कि अगर WPI जिसे होलसेल प्राइस इंडेक्स कहा जाता है उसमें इजाफा होता तो शायद भारत में आने वाले सामान पर उसका असर पड़ता लेकिन CPI का भारत के बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सीपीआई का सीधा असर वहां के आम उपभोक्ता पर पड़ता है.
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