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Budget 2024: जानते हैं कैसे तैयार होता है बजट, स्टेप बॉय स्टेप जानिए इसकी प्रक्रिया
बजट की इस प्रक्रिया में देश के सभी स्टेकहोल्डरों को शामिल किया जाता है. जहां एक ओर सरकार इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से बात करती है वहीं दूसरी ओर सिविल संगठनों से भी मिलती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
हमारे देश में हर साल बजट 1 फरवरी को पेश होता है. लेकिन इस साल देश में पूर्ण बजट पेश नहीं होगा. इसकी वजह ये है कि वर्ष 2024 में देश में आम चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी. चुनावों के बाद जो भी पार्टी अपनी सरकार बनाएगी वो आने वाले साल के लिए पूरा बजट पेश करेगी. लेकिन इस बात को कम ही लोग जानते हैं कि बजट के तैयार होने की प्रक्रिया 6 महीने से शुरू हो जाती है. कई परंपराओं का बजट से पहले पालन किया जाता है. आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं.
राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है अहम
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से हो जाती है. इस सत्र के सबसे पहले दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है. इस बार भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्य सभा दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करती हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करती हैं. उसके बाद उस दस्तावेज को अगले दिन सदन में पेश किया जाता है.
हलवा सेरेमनी के हैं अपने अलग मायने
बजट के तैयार होने के साथ ही हलवा सेरेमनी भी होती है. हलवा सेरेमनी इस बात का प्रतीक है कि बजट को बनाने का काम पूरा हो चुका है. हलवा सेरेमनी बजट के लॉक इन प्रक्रिया से पहले होती है. इस लॉक इन प्रक्रिया से पहले बजट लीक न हो इसके लिए उसे वित्त मंत्रालय के अंदर बनी प्रेस में ही सुरक्षित रखा जाता है. इससे पहले 2019 में चुनाव हुए थे उस वक्त केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उस वक्त उन्हें अरूण जेटली की अनुपस्थिति में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
सभी स्टेकहोल्डरों से करती हैं बात
बजट तैयार करने से पहले वित्त मंत्रालय सभी स्टेकहोल्डरों से बात करता है. इसमें अलग-अलग संगठन, जिसमें फिक्की, एसोचैम और पीएचडी चैम्बर जैसे संगठन अहम हैं. यही नहीं वित्त मंत्रालय के अधिकारी सीनियर सिटीजन, महिला प्रतिनिधि से लेकर इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से बात करती हैं. इसमें मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल, एमएसएमई और कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं. दूसरी सबसे खास बात ये भी है कि सरकार का अलग-अलग संगठनों के साथ कंसल्टेशन का ये सिलसिला सितंबर-अक्टूबर से शुरू हो जाता है. बजट तैयार होने से पहले मंत्रालयों की भी राय ली जाती है.
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