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10 Years of Amazon: किस रणनीति से कंपनी भारत में हुई इतनी Popular

अमेजन इंडिया 10 साल की हो गई है. 5, जून 2013 को अमेजन ने भारत में एंट्री ली थी और आज ये भारत में ई-कॉमर्स का बड़ा प्लेयर बन गई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago

दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने भारत में अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं. Amazon India की शुरुआत 5, जून 2013 को हुई थी. पिछले एक दशक में कंपनी ने भारतीय मार्केट पर ऐसा जादू किया है कि ऑनलाइन शॉपिंग का मतलब ही अमेजन हो गया है. हालांकि, कंपनी को कुछ मोर्चों पर असफलता भी मिली, उसके कुछ बिजनेस उम्मीद के अनुरूप परफॉर्म नहीं कर पाए. लेकिन वह भारतीय बाजार को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और भविष्य में अपने निवेश को बढ़ाना चाहती है.  

आसान नहीं था सफर
भारत में जब अमेजन की लॉन्चिंग हुई, उस वक्त ये माना गया कि कंपनी विदेशी सामान को भारत में खपाने के इरादे से आई है. उस दौर में न अधिकांश लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग में दिलचस्पी थी और न ही विक्रेताओं यानी सेलर्स को इसमें कुछ मुनाफा नजर आता था. अमेजन को पता था कि यदि भारत में सर्वाइव करना है, तो सबसे पहले लोगों की सोच बदलनी होगी. इसलिए उसने ग्राउंड लेवल पर काम करना शुरू किया. कंपनी ने Amazon Chai Carts, सरल भाषा में कहें तो चाय के ठेले तैयार किए. कंपनी के कर्मचारी ये ठेले लेकर गली-गली घूमते और दुकानदारों के साथ चाय पर चर्चा करते. उन्हें अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के फायदे बताते. 

इस तरह जुड़े ग्राहक और व्यापारी
Amazon Chai Carts ने करीब 15,000 किलोमीटर का सफर किया और तब कहीं जाकर 10,000 से ज्यादा छोटे व्यवसायों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सका. इसके बाद अमेजन ने ऐसी रणनीतियों पर काम किया, जिनसे लोगों को ऑफलाइन के बजाए ऑनलाइन खरीदारी के लिए आकर्षित किया जा सके. ये काम बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि भारत में दुकानदार और ग्राहक के बीच एक रिश्ता बंध जाता है, जो आसानी से नहीं टूटता. अमेजन ने भारतीय ग्राहकों, उनकी आदतों और उन्हें सामान्य तौर पर आने वाली परेशानियों का बारीकी से अध्ययन किया. उसने पाया कि कई बार लोगों को सामान वापस करने या बदलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहीं से Amazon की आसान रिटर्न और रिफंड पॉलिसी का उदय हुआ. 

कमजोर कनेक्टिविटी के लिए 'लाइट'
ईजी रिटर्न और रिफंड पॉलिसी लोगों को काफी पसंद आई. अमेजन को इस बात का अंदाजा था कि लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग के लिए तैयार करने के बाद इंटरनेट कनेक्टिविटी उसका खेल बिगाड़ सकती है. आज से 10 साल पहले न तो कनेक्टिविटी इतनी बेहतर थी और न ही इंटरनेट इतने व्यापक रूप से उपलब्ध था. धीमी रफ्तार वाले इंटरनेट पर भारी-भरकम ऐप खुलना संभव नहीं हो पाता, इसलिए कंपनी ने लाइट ऐप लॉन्च किया. ये ऐप न केवल कमजोर कनेक्टिविटी वाले नेटवर्क पर भी आसानी से ओपन हो जाता था और इसके लिए किसी महंगे स्मार्टफोन की भी जरूरत नहीं पड़ती थी.

Railway के साथ भागीदारी
2013 में एक फुलफिलमेंट सेंटर से शुरुआत करते हुए, अमेजन ने देशभर में एक प्रभावी वितरण नेटवर्क बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया और इंडिया पोस्ट एवं भारतीय रेलवे जैसे संगठनों के साथ-साथ लाखों किराना स्टोरों के साथ भागीदारी की. 2019 में, Amazon देशभर में पैकेज पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे के साथ साझेदारी करने वाली देश की पहली ईकॉमर्स कंपनी बनी थी. Amazon.in की तीसरी वर्षगांठ पर, इंडिया पोस्ट ने Amazon India के साथ 'माई स्टैम्प' जारी किया था. इस साल कंपनी ने अपने लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को और बढ़ाने के लिए एक डेडिकेटेड कार्गो सर्विस प्राइम एयर शुरू की है.

ये है कंपनी की योजना
अमेजन भारतीय ग्राहकों को लुभाने के लिए लगातार कुछ न कुछ नया करती रही है. 2016 में कंपनी ने अमेजन प्राइम वीडियो लॉन्च किया, जो OTT सेगमेंट में आज एक बड़ा प्लेयर बन चुका है. इसके अलावा, प्राइम मेंबरशिप प्रोग्राम ने न केवल ग्राहकों को फ्री और फास्ट डिलीवरी की सुविधा दी है, बल्कि इससे अमेजन के बिजनेस को भी नई ऊंचाई मिली है. 2016 से ही Amazon Pay ग्राहकों और छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल भुगतान को सरल बना रहा है. वहीं, उसकी Alexa टेक्नोलॉजी आज लाखों भारतीय घरों का हिस्सा बन चुकी है. कंपनी में भारत में अपने निवेश को बढ़ाना चाहती है. उसका लक्ष्य 2025 तक 1 करोड़ छोटे व्यवसायों को डिजिटाइज करने के साथ-साथ भारत से 20 अरब डॉलर (लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट करने और 20 लाख नौकरियां उत्पन्न करने का है.


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