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क्या बदल गया है Real State Sector की मार्केटिंग का तरीका, क्यों नहीं दिखती पहले सी रौनक?
क्या बदल गया है Real State sector की मार्केटिंग का तरीका, क्यों नहीं दिखती पहले सी रौनक?
जानकारों की इसे लेकर अलग-अलग राय है. कोई मानता है कि डिजिटलाइजेशन होने के कारण इसमें बड़ा बदलाव आया है तो कोई मानता है कि कोरोना ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो
1 year ago
अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो आपने नोएडा एक्सटेंशन से लेकर हर उभरते हुए रियल स्टेट की जगहों पर देखा होगा कि वहां कैसे लोग हाथों में ब्रॉसर लेकर खड़े रहते थे. आपने देखा होगा कि किस तरह से जब भी आप जाते थे तो कैसे लोग आपकी कार पर आकर आपको अपना प्रोजेक्ट दिखाते थे. हर त्योहारों पर अखबारों में एड आता था, जिसमें प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी दी जाती थी. लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. न अखबारों में विज्ञापन आता है और न ही वो लोग खड़े दिखाई देते हैं. आज हम अपनी इस स्टोरी में आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ है. क्या रियल स्टेट सेक्टर ने अपनी मार्केटिंग का तरीका बदल लिया है या हालात ही बहुत खराब हो गए हैं. इस फील्ड में काम कर रहे कई लोगों से हमने इस पर बात करने की कोशिश की है.
अजय रहेजा, डॉयरेक्टर CRE INDIA कहते हैं कि देखिए रियल स्टेट अवेयरनेस का प्रोडक्ट है, न तो वो इसके बिना बिका है और न ही आगे बढ़ा है. पहले एक दूसरे के रिफरेंस पर काम होता था आज हुआ ये है कि जो एंड यूजर है या जो निवेशक है वो आपके प्रोजेक्ट को पहले जमीन पर जाकर देखना चाहता है. सबसे बड़ी बात ये है कि वो आज इन विज्ञापनों पर इतना विश्वास नहीं रखता है. या वो उन पर विश्वास कर रहा है जिन्होंने वहां पहले से लिया है या वो उनके रिफरेंस पर ही विश्वास कर रहा है. ये काफी साल से बदलाव हो रहा है. क्योंकि इंडस्ट्री की पॉजिटिव न्यूज कम है और नेगेटिव न्यूज ज्यादा है. उसको देखते हुए बॉयर एड से प्रभावित नहीं हो रहा है. बिल्डर का पास्ट रिकॉर्ड को देखकर भी घर लेने का फैसला करता है. दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस वक्त सिर्फ वो आ रहा है जिसे घर लेना है और उसमें रहना है. अभी निवेशक दूसरी ओर है.
परमजीत सिंह गोल्डी, चेयरमैन, DELHI LAND DEVLOPER कहते हैं कि एक तो ये है कि वाकई में अब रियल स्टेट का मार्केटिंग करने का तरीका बदल गया है. इसका कारण ये रहा है पिछले दो साल जो कोरोना वाले बीते उसमें लोगों के आने-जाने की मोबिलिटी कम थी. ज्यादातर लोग सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा चीजों का सर्च करने लग गए. पिछले तीन चार साल से क्या देखने में आ रहा है कि हर चीज सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रही है. पहले बैनर का इस्तेमाल खूब होता था लेकिन आज हर आदमी स्मॉर्ट फोन रखता है तो ऐसे में वो उसमें ही सबकुछ देख लेता है. आजकल रियल स्टेट, इंस्टाग्राम, यूट्यूब है, ट्विटर है, फेसबुक है इन पर ज्यादा प्रमोशन हो रहा है. आजकल वो ज्यादा चल रही है. एक कारण ये भी सरकार की भी कई तरह की गाईडलाइन आ चुकी हैं और रेरा आ चुका है. हर चीज आज सिस्टैमैटिक हो चुकी है. बिल्डर जानता है कि अगर उसने पजेशन समय पर नहीं दिया तो इसका असर उसके दूसरे प्रोजेक्ट पर भी पड़ेगा। गूगल है और सर्च इंजन है वो दूसरे तरीकों से काम कर रहे हैं. ऑनलाइन प्रमोशन को लेकर ज्यादा काम हो रहा है.
नीलम अरोड़ा, मार्केटिंग हेड, Marketing head, pardos real estate कहती हैं कि इस बदलाव की एक बड़ी वजह डिजिटलाइजेशन है. हर चीज के डिजिटल होने के कारण इसकी मार्केटिंग में बड़ा बदलाव आया है. एक बड़ा बदलाव ये है कि पहले विज्ञापन न्यूजपेपर में पब्लिश होती थी लेकिन अब उन्हें डिजिटल तरीके से कंज्यूमर के पास भेजा जा रहा है. इसी तरह अब ज्यादातर कंपनियां डिजिटल तरीके से अपने प्रोडक्ट को बेचने की रणनीति पर काम कर रही है. अब प्रिंट का जो विज्ञापन था वो पूरी तरह से डिजिटल पर चला गया है. कंपनियां ज्यादा डिजिटल की ओर फोकस कर रही हैं.
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