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आखिर किसने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना बेहद खतरनाक निर्णय हो सकता है
15वें वित्त आयोग के प्रमुख ने ये बात CII के एक कार्यक्रम में कही. उन्होंने साफ कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम से नई पेंशन स्कीम में जाने का निर्णय बहुत सोच समझकर लिया गया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जहां गुजरात में बीजेपी जीत चुकी है वहीं दूसरी ओर हिमाचल में कांग्रेस ने बाजी मार ली है. हिमाचल चुनाव में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जो सबसे बड़ा वादा ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का किया गया था, लेकिन अब उसी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर 15वें फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन एन के सिंह ने ऐसी बात कह दी है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीति तापमान बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि जो राज्य इसे लागू करने की सोच रहे हैं वो अपनी वित्तीय व्यवस्थाओं संकट में डाल सकते हैं. उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब हिमाचल में कांग्रेस सरकार आने वाले दिनों में शपथ लेने जा रही है.
एन के सिंह ने क्या कहा
15 वें वित्त आयोग के चेयरपरसन एन के सिंह ने शुक्रवार को सीआईआई ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम के मंच पर बोलते हुए कहा कि मेरी समझ में ये एक विचार शून्य कदम होगा. उन्होंने कहा कि हमें नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन स्कीम में जाने के निर्णय के बारे में गंभीरता से चर्चा की चर्चा करनी चाहिए उन्होंने. कहा कि खुद मनमोहन सिंह भी नई पेंशन स्कीम के समर्थक थे. उन्होंने कहा कि मेरे साथी मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा था कि ओल्ड पेंशन स्कीम की तरफ जाना राज्यों के लिए एक वित्तीय आपदा जैसा कदम हो सकता है. जो राज्य ऐसा करने की सोच रहे हैं वो अपनी वित्तीय व्यवस्थाओं को गहरे संकट में डाल सकते हैं. नई पेंशन स्कीम को एक लंबे मंथन के बाद लाया गया था.
क्या है ओपीएस एंड एनपीएस
ओल्ड पेंशन स्कीम में आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन होती थी. इसकी पूरी राशि का भुगतान सरकार करती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है जो एक अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आए हैं. इस योजना में सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए अपने वेतन से दस प्रतिशत अंशदान करते हैं. इसके अलावा राज्य सरकार 14 फीसदी अंशदान देती है. पेंशन का पूरा पैसा पेंशन रेग्यूलेटर के पास जमा होता है. जो इसे निवेश करता है. इस योजना को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खत्म कर दिया था. जबकि इसे लागू एक अप्रैल 2004 से किया गया जब केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार आ गई थी.
किन-किन राज्यों में हो चुकी है लागू
इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी पिछले चुनावों में वायदा करके अपने वहां इस व्यवस्था को लागू कर चुके हैं. कई सरकारी कर्मचारियों के संगठन इसे अपने वहां लागू करने को लेकर आंदोलन चला रहे हैं. उनका कहना है कि नई पेंशन योजना में उन्हें पहले के मुकाबले कम फायदा मिलता है.
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