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पहले DB पावर और अब ये कंपनी, अडानी समूह को लगा दूसरा बड़ा झटका
अडानी समूह PTC इंडिया लिमिटेड के लिए बोली लगाने की तैयारी में था, लेकिन अब उसने कदम वापस खींच लिए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हिंडनबर्ग की नेगेटिव रिपोर्ट ने अडानी समूह (Adani Group) को इस तरह प्रभावित किया है कि समूह कोई बड़ी डील करने से भी कतराने लगा है. DB Power की डील रद्द करने के बाद अब समूह ने पीटीसी इंडिया लिमिटेड (PTC India Ltd.) से भी हाथ पीछे खींच लिए हैं. दरअसल, अडानी समूह फिलहाल कैश बचाकर रखना चाहता है, इसलिए उसने विस्तार की अपनी योजनाओं को फिलहाल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
बोली लगाने की थी तैयारी
अडानी समूह सरकारी इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडर कंपनी PTC इंडिया लिमिटेड के लिए बोली लगाने की तैयारी में था, लेकिन अब उसने कदम वापस खींच लिए हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ग्रुप ने अब PTC के लिए बोली नहीं लगाने का फैसला किया है. ग्रुप ने अपना रिवेन्यु ग्रोथ टारगेट आधा कर दिया है. साथ ही निवेशकों का भरोसा जीतने के कर्ज चुकाने पर फोकस कर रहा है और इसी क्रम में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (APSEZ) ने 1,500 करोड़ रुपए का कर्ज चुका दिया है.
इन कंपनियों की हिस्सेदारी
PTC इंडिया लिमिटेड में 4 सरकारी कंपनियों - NTPC, NHPC, Power Grid और Power Finance की हिस्सेदारी है. ये कंपनी अपनी चार-चार फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं. यदि कंपनी के ताजा शेयर भाव के हिसाब से देखें, तो 16 प्रतिशत हिस्सेदारी की कीमत 5.2 करोड़ डॉलर बैठती है. इस साल कंपनी के शेयरों में तेजी के साथ इसका कुल मार्केट कैप करीब 32.2 करोड़ डॉलर पहुंच गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि पीटीसी इंडिया अडानी की झोली में आती, तो उसकी एनर्जी वैल्यू चेन में पकड़ मजबूत होती.
विस्तार की योजना अटकी
इससे पहले अडानी समूह ने DB पावर खरीदने से इनकार कर दिया था. डीबी पावर के पास छत्तीसगढ़ में 1200 मेगावॉट के थर्मल प्लांट हैं. अडानी समूह की योजना इस कंपनी को अपना बनाकर छत्तीसगढ़ में कारोबार को विस्तार देने की थी. इसे इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में अडानी ग्रुप की दूसरी सबसे बड़ी मर्जर एंड एक्विजिशन डील बताया जा रहा था. समूह ने डीबी पावर को 7,017 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा पिछले साल अगस्त में की थी. इस डील को 31 अक्टूबर, 2022 तक पूरा होना था, लेकिन डेडलाइन लगातार बढ़ती गई और हाल ही में अडानी समूह ने इससे कदम वापस खींच लिए.
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