होम / ऑटोमोबाइल / Hyundai और Kia की EV कारों में धड़केगा भारतीय 'दिल', इस दिग्गज कंपनी से किया करार
Hyundai और Kia की EV कारों में धड़केगा भारतीय 'दिल', इस दिग्गज कंपनी से किया करार
बैटरी को इलेक्ट्रिक कारों का दिल कहा जाता है. अब हुंडई और किआ ने अपने इस दिल के लिए एक्साइड से करार किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
भारत के कार बाजार में दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने अच्छी-खासी पकड़ बना ली है. हुंडई और किआ (Hyundai & Kia) की कारों को भारत में काफी प्यार मिला है. खासकर किआ ने पिछले कुछ वक्त में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है. Kia Seltos भारतीय ग्राहकों की पसंदीदा SUV बन गई है. इसी तरह Kia Sonet भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रही है. अब Hyundai और Kia ने अपनी कारों में मेड इन इंडिया बैटरी के लिए एक्साइड इंडस्ट्रीज (Exide Industries) से हाथ मिलाया है.
सबसे आगे हो जाएगी कंपनी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हुंडई और किआ ने कोलकाता की एक्साइड इंडस्ट्रीज की सहायक इकाई एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस से पार्टनरशिप की है. इसके तहत भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी यहीं बनाई जाएंगी. दरअसल, भारत में अपनी EV योजना को परवान चढ़ाने के लिए इन दक्षिण कोरियाई कंपनियों का लक्ष्य EV बैटरी भी यहीं बनाना है. कंपनी कका फोकस खासतौर पर लीथियम-आयन फॉस्फेट सेल पर रहेगा. हुंडई मोटर ने एक बयान में कहा कि इस कदम के साथ ही कंपनी अपने EV व्हीकल्स में भारत में बनी बैटरियां लगाने के मामले में सबसे आगे होगी.
खबर आम होते ही चढ़े शेयर
Hyundai मोटर और Kia की शोध एवं विकास इकाई के प्रमुख ह्युई वोल यांग (Heui Won Yang) का कहना है कि भारत EV वाहनों के लिए प्रमुख बाजार है. स्थानीय स्तर पर बैटरी बनाकर कंपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल कर पाएगी. उन्होंने कहा कि एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ पार्टनरशिप से हुंडई और किआ अपने इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत में बनी बैटरियां लगाने के मामले में दूसरों से आगे निकल जाएगी. उधर, इस साझेदारी की खबर सामने आते ही एक्साइड इंडस्ट्रीज के शेयरों में उछाल देखने को मिला है. मंगलवार दोपहर साढ़े 11 बजे के आसपास कंपनी का शेयर 2.19% की बढ़त के साथ 385.40 रुपए पर ट्रेड का रहा था.
75 सालों से है कारोबार में
एक्साइड इंडस्ट्रीज ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसकी सहायक इकाई एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस ने हुंडई मोटर कंपनी तथा किआ कॉरपोरेशन के साथ भारत के ईवी बाजार में रणनीतिक सहयोग के लिए एक करार किया है. इसके तहत हुंडई मोटर के भारतीय बाजार के लिए तैयार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सेल का निर्माण, उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी. मालूम हो कि एक्साइड इंडस्ट्रीज ने लीथियम आयन कारोबार में उतरने के लिए 2022 में एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस की नींव रखी थी. लेड एसिड बैटरी बनाने में एक्साइड लीडिंग कंपनी है और 75 साल से इस कारोबार में है.
कई कंपनियों ने लगाया दांव
पिछले साल अगस्त में Exide ने कहा था कि वो बेंगलुरु में लीथियम आयन सेल बनाने के लिए कारखाना स्थापित कर रही है और वित्त वर्ष 2025 में उत्पादन शुरू हो जाएगा. देश में लीथियम आयन बैटरी क्षेत्र में कई कंपनियों ने दांव लगाया है. टाटा ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली यूनिट एग्रटास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस गुजरात के साणंद में 13000 करोड़ रुपए के निवेश से सालाना 20 जीडब्ल्यूएच उत्पादन क्षमता वाली लीथियम आयन बैटरी फैक्ट्री लगा रही है. इसी तरह, JSW ग्रुप ने ओडिशा सरकार के साथ EV और 50 जीडब्ल्यूएच क्षमता वाली बैटरी यूनिट लगाने के लिए करार किया है. इस पर लगभग 40,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
Hyundai और Kia का कनेक्शन
इस खबर में Hyundai मोटर और Kia की शोध एवं विकास इकाई के प्रमुख ह्युई वोल यांग के बयान का भी जिक्र है. जिससे एक सवाल यह उत्पन्न होता है कि क्या Hyundai और Kia एक ही कंपनी है? इसका जवाब है नहीं. हालांकि, अलग-अलग कंपनी होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं. किआ और हुंडई टेक्नोलॉजी तो शेयर करती ही हैं, साथ ही इनके प्लेटफॉर्म, इंजन और गियरबॉक्स भी लगभग एक जैसे होते हैं. दरअसल, दोनों की एक दूसरे में हिस्सेदारी है. पहले किआ मोटर्स में हुंडई की हिस्सेदारी 51% थी, लेकिन अब यह 33.88% है. इसी तरह, हुंडई मोटर्स की कुछ सहायक कंपनियों में किआ की 5-45 फीसदी तक हिस्सेदारी है. 1988 में जब Kia वित्तीय संकट में फंस गई थी, तब Hyundai ने इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी.
टैग्स