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NID के पूर्व निदेशक बने इस वैश्विक संस्थान के प्रेसीडेंट, भारत को ये हो सकता है फायदा
WDO वो संस्थान है जिसे दुनियाभर के डिजाइन संस्थानों में अहम संस्थान कहा जाता है. भारत के जिस शख्स को इसका प्रेसीडेंट बनाया गया है वो 2025 से 2027 तक इसके प्रेसीडेंट बने रहेंगे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद (NID India) के पूर्व निदेशक प्रद्युम्न व्यास को WDO (वर्ल्ड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन का PRESIDENT चुन लिया गया है. दो दिन पहले टोकियो में WDO की जनरल असेम्ब्ली में प्रद्युम्न व्यास को 2023-2025 के निर्वाचित अध्यक्ष के तौर पर चुना गया, वो 2025-2027 तक WDO के अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहेंगे. प्रद्युम्न व्यास पहले भारतीय प्रतिनिधि हैं जो WDO की अध्यक्षता करेंगे. वो पिछले चार सालों से इस संस्था के बोर्ड मेंबर के तौर पर कार्यरत हैं.
अभी यहां कर रहे थे काम
प्रद्युम्न व्यास 2019 में NID के निदेशक पद से रिटायर होने के बाद से CII के वरिष्ठ एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे. 1989 से वो NID के साथ जुड़े और 2009 स्व 2019 तक वो प्रद्युम्न व्यास NID के डायरेक्टर रहे, उन्हीं के कार्यकाल में NID को इंस्टिट्यूट ऑफ नैशनल इम्पोर्टेंस का स्टेटस भी मिला था. साथ ही उस समय वो 10 साल तक इंडिया डिजाइन काउंसिल के मेंबर सेक्रेट्री के तौर पर भी कार्यरत रहे. उन्हीं के कार्यकाल में देश में चार नए NID भी शुरू किये गए.
यहां से हुई है प्रद्युम्न व्यास की शिक्षा
प्रद्युम्न व्यास की प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के झाबुआ और धार जिलों के ट्राइबल स्कूलों से हुई. इसके बाद प्रद्युम्न व्यास IIT मुंबई तक पहुंचे और मास्टर्स इन डिजाइन की डिग्री ली. साल 2019 में उन्हें जापान के इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिजाइन प्रमोशन की तरफ से से GOOD DESIGNE FELLOW OF JAPAN के अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है.
उनकी नियुक्ति से देश को क्या होगा फायदा
व्यास का WDO के PRESIDENT जे तौर पर चुनाव जीतने से भारत में डिजाइन रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे और भारतीय डिजाइनर्स के लिए नयी वैश्विक मानचित्र पर संभावनायें भी पैदा होंगी.
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