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Halloween: इस दिन पूरी दुनिया में लोग क्यों बनते हैं 'भूत'? क्यों कहते हैं ट्रिक और ट्रीट?
पश्चिमी देशों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन मरे हुए लोगों की आत्माएं जागृत होती हैं जो इंसानों को तंग करती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: हर साल अक्टूबर के आखिरी रविवार को बड़े ही डरावने अंदाज में एक त्योहार मनाया जाता है, जिसे कहा जाता है- हैलोवीन. इस बार यह 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह मुख्य रूप से ईसाई धर्म का त्योहार है, जो अमेरिका और यूरोप में मनाया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे यह सेलिब्रेट करने के अंदाज के कारण पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा है. अब भारत में भी हैलोवीन बड़े चाव से मनाया जाता है.
क्या है हैलोवीन के पीछे का कारण
पश्चिमी देशों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन मरे हुए लोगों की आत्माएं जागृत होती हैं जो इंसानों को तंग करती हैं. इसलिए उन बुरी आत्माओं से डर भगाने के लिए इंसान उनके जैसा ही रूप धारण करते हैं, जिससे ऐसा लगे कि सभी उन्हीं के जैसे हैं और ये समझकर वे लोगों को तंग नहीं करेंगे. बस, इसी मान्यता के कारण इस खास दिन लोग राक्षसों और हैवानों जैसे कपड़े पहनते हैं. चेहरे को भी भूत जैसा बनाते हैं, जिन्हें देखकर कोई भी डर जाए. यही नहीं, उन बुरी आत्माओं को भगाने के लिए लोग उस दिन आग जलाकर उसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियां भी डालते हैं. यदि इस दिन अमेरिका में काली बिल्ली ने किसी का रास्ता काट दिया तो उसे बहुत अशुभ माना जाता है.
हैलोवीन के दिन लोग क्या-क्या करते हैं
हैलोवीन डे पर लोग डरावने कपड़े पहनकर पड़ोसियों के घर जाते हैं और उनसे कैंडी मांगते हैं. वहीं, कई लोग राक्षसों का रूप धारण कर घर-घर घूमकर कैंडी बांटते हैं. इसके अलावा इस खास दिन लोग कद्दू को खोखला करके उसमें आंख, नाक और मुंह बनाते हैं. इसके बाद उसके अंदर मोमबत्ती जलाते हैं, जिससे वह देखने में डरावना लगता है. इसके बाद लोग इन कद्दुओं को इकट्ठा करके एकसाथ दफना देते हैं.
क्या है ट्रिक और ट्रीट
हैलोवीन के दिन ट्रिक और ट्रीट बहुत मशहूर है. ये क्या है, उसे जानने से पहले ये जान लें कि इसकी शुरुआत केल्टिक लोगों ने की थी. ये लोग अपने घरों के बाहर खाने-पीने की चीजें रखकर आत्माओं को बुलाते थे. इसके बाद इस प्रथा को अपना लिया गया. आज अमेरिका और यूरोपीय देशों में बच्चे डरावना रूप धारण कर पड़ोसियों के घर जाकर बोलते हैं ट्रिक और ट्रीट? इसके बाद पड़ोसी उन्हें ट्रीट कहकर कैंडी और चॉकलेट देते हैं. उसके बाद वे बच्चे फिर दूसरे पड़ोसी के घर चले जाते हैं.
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