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MP की गजब दास्तानः बिजली का 34 हजार करोड़ का बिल देख बहू का बीपी बढ़ा, सुसर अस्पताल पहुंचे
इस अजब राज्य की गजब दास्तान को सुनेंगे तो फिर आप या सर चकरा के गिर पड़ेंगे अथवा अस्पताल पहुंच जाएंगे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश भी अजब है. अब इस अजब राज्य की गजब दास्तान को सुनेंगे तो फिर आप या सर चकरा के गिर पड़ेंगे अथवा अस्पताल पहुंच जाएंगे. मामला कुछ यूं है कि ग्वालियर के रहने वाले एक परिवार को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल आया. बिल को देखकर के परिवार के होश फाख्ता हो गए. जहां सुसर बीमार होकर के अस्पताल में एडमिट हो गए, वहीं बहू का बीपी बढ़ गया. अब किसी परिवार का बिजली का बिल हजार रुपये का आता हो और एकदम से उसको 34 हजार करोड़ रुपये का बिल थमा दिया जाए तो फिर ये तो किसी के साथ भी हो सकता है.
इतना आया बिल और कहां हुई चूक
ग्वालियर की शिव विहार कॉलोनी जो कि शहर का पॉश और वीआईपी एरिया है वहां पर पेशे से वकील संजीव कनकने का घर है. संजीव इस घर में पिछले दो सालों से रह रहे हैं. उनको सरकारी बिजली कंपनी ने अस्थाई कनेक्शन दे रखा है. दो साल से वो रह तो घर में रहे हैं, लेकिन बिल का भुगतान कमर्शियल रेट्स पर कर रहे हैं. 20 जुलाई को जो बिल उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता के पास आया उसे देखकर उनका पत्नी का दिमाग चकरा गया. बिजली कंपनी ने 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार रुपये का बिल थमा दिया. बिल देखकर जब उनको चक्कर आए तो फिर उनके ससुर ने बिल को देखा और वो बीमार इतना पड़ गए कि उन्हें अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा.
दो साल से अस्थाई कनेक्शन को नहीं किया है स्थाई
दो साल से संजीव अपने नए मकान में रह रहे हैं. मकान के बनते वक्त उन्होंने एक अस्थाई कनेक्शन लिया था, जिसके लिए कमर्शियल रेट्स पर बिजली का बिल आता था. मकान बनकर तैयार हो गया और वो रह भी रहे हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही इतनी है कि वो इस अस्थाई कनेक्शन को स्थाई नहीं कर पाएं हैं.
बिजली विभाग ने कहा-मानवीय भूल
बिजली कंपनी ने कहा कि ये एक मानवीय भूल है और उपभोक्ता का बिल सही कर दिया गया है. अब यह महज 1300 रुपये का रह गया है. हालांकि इस बिल को सही कराने में संजीव को बिजली कंपनी के ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़े और कंपनी के जीएम से मिलना पड़ा, जिसके बाद उनका बिल सही हो पाया. कंपनी के जीएम ने कहा कि सबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है.
वैसे यह हाल केवल अकेले एमपी के किसी एक शहर का नहीं है. पूरे देश में आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं. कहीं लोग पॉवर कट की समस्या से दो-चार हो रहे हैं तो कहीं बढ़े हुए बिजली बिल उन्हें मुसीबत में डाल रहे हैं. ऐसे में देखने वाली बात यह है कि सरकारी बिजली कंपनियों की ये मनमानी कब तक रहेगी.
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