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31 मार्च तक इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में है समझदारी, इसके बाद लगेगा TAX का करंट
आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सालाना 5 लाख से ज्यादा प्रीमियम भरने वालों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी से होने वाली कमाई टैक्सेबल होगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
यदि आप किसी हाई प्रीमियम वाली इंश्योरेंस पॉलिसी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो 31 मार्च तक ऐसा करना फायदेमंद रहेगा. इसके बाद आप बजट में किए गए उस प्रावधान की जद में आ जाएंगे, जिसके तहत इंश्योरेंस से होने वाली कमाई पर भी टैक्स का भुगतान करना होगा. आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सालाना 5 लाख से ज्यादा प्रीमियम भरने वालों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी से होने वाली कमाई टैक्सेबल होगी. यानी पॉलिसी की अवधि के बाद जितना पैसा पॉलिसी होल्डर को मिलेगा, उसमें से टैक्स काटा जाएगा. जबकि पहले यह इनकम पूरी तरह से टैक्स से फ्री होती थी.
क्या है नई व्यवस्था?
नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो रहा है. ऐसे में आपके पास केवल कुछ दिन ही बचे हैं पुरानी व्यवस्था का लाभ उठाने का. नए नियम के मुताबिक, 5 लाख के वार्षिक प्रीमियम से ज्यादा की जीवन बीमा पॉलिसियों की मैच्योरिटी रकम पर टैक्स लगेगा. इसमें यूलिप (यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसीज) को शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा, इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में प्राप्त होने वाली रकम पर टैक्स छूट की व्यवस्था बरकरार रहेगी. वित्त मंत्री ने साफ किया था कि नई व्यवस्था 31 मार्च, 2023 तक जारी इंश्योरेंस पॉलिसीज पर लागू नहीं होगी. यानी जिन लोगों के पास पहले से ही इंश्योरेंस पॉलिसी हैं या जो 31 मार्च से पहले पॉलिसी लेते हैं, उन पर नई व्यवस्था लागू नहीं होगी.
कितना पड़ेगा असर?
पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट के टैक्स के दायरे में आने से आपका फायदा काफी कम हो जाएगा. उदाहरण के तौर पर, यदि आप 31 मार्च तक एक लाख मासिक प्रीमियम वाली पॉलिसी लेते हैं और 5 सालों तक इन्वेस्ट करते हैं, तो आपका कुल इन्वेस्टमेंट 60 लाख रुपए होगा. पॉलिसी के अंत में आपको करीब 1.03 करोड़ मिलेंगे, वो भी बिना किसी टैक्स डिडक्शन के. उसके उलट, नई व्यवस्था के तहत मैच्योरिटी अमाउंट 1.03 करोड़ से घटकर 86 लाख हो जाएगा, क्योंकि उस पर आपको 17 लाख के टैक्स का भुगतान करना होगा.
इसलिए यदि आप हाई प्रीमियम वाली इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, तो 31 मार्च तक ऐसा कर डालें, अन्यथा आपको इंश्योरेंस पॉलिसी से होने वाली कमाई पर भारी-भरकम टैक्स चुकाना होगा.
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