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थोक महंगाई दर में हुई बड़ी कमी. सब्जियों में महंगाई दर हुई नेगेटिव
जबकि धान की महंगाई दर पर नजर डालें तो जून में यह 2.35% थी, जुलाई में 3.5% हो गई, अगस्त में 4%, सितंबर में 5.5%, अक्टूबर में 6.34% और अब नवंबर में यह मामूली कम होकर 6.45% तक आ गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
देश की महंगाई दर के नियंत्रण में आने के बाद अब थोक महंगाई दर में भी कमी देखने को मिली है. सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में अब तक की सबसे कम महंगाई दर दर्ज की गई है. नवंबर में थोक महंगाई दर 5.85% रही है जो कि पिछले 21 महीनों में सबसे कम है. थोक महंगाई दर में कमी का सिलसिला अक्टूबर से ही शुरू हो गया था, जो कि नवंबर में भी लगातार जारी है. सितंबर में देश की थोक महंगाई दर 10.70% थी जो कि अक्टूबर में 8.39% तक पहुंच गई थी. जबकि नवंबर में थोक महंगाई दर 5.85% रिकॉर्ड हुई है. यह भी देश में फरवरी 2021 के बाद पहली बार देखने को मिल रहा है जब थोक महंगाई दर उपभोक्ता महंगाई दर से भी कम रिकॉर्ड हुई है.
क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि सभी तरह की कमोडिटीज में सितंबर में महंगाई दर 10.55% थी, जबकि अक्टूबर में यह 8.39% तक आ गई और अब नवंबर में यह 5.85% रिकॉर्ड हुई है. अगर कुछ अलग-अलग सेक्टरों की बात करें तो फ्यूल और पावर जैसे सेक्टर में सितंबर में महंगाई दर 33.6% थी, तो वहीं अक्टूबर में यह कम होकर 23.17% तक आ गई. इसके बाद अब नवंबर में यह महंगाई दर 17.35% तक आ गई है. इसी तरह से मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट पर अगर महंगाई दर को देखें तो सितंबर में यह 6.8%, अक्टूबर में 4.42% जबकि नवंबर में यह महंगाई दर 3.59% तक आ चुकी है.
खाने-पीने के दामों में कितनी हुई कमी
थोक महंगाई दर को अगर खाने-पीने के सामानों में देखा जाए तो उसमें कहीं इस महंगाई दर में बढ़ोतरी नजर आती है तो कहीं कमी नजर आती है. मसलन अनाज की बात की जाए तो जून में अनाज के क्षेत्र में महंगाई दर 7.99% थी जो जुलाई में बढ़कर 9.76% तक पहुंच गई. इसी तरह से अगस्त में यह 11.77% हुई सितंबर में 11.91% अक्टूबर में 12.3% जबकि नवंबर में यह बढ़कर 12.5% तक पहुंच गई है. जबकि सब्जियों की बात की जाए तो वहां थोक महंगाई दर काफी कम हो गई है. जून में सब्जियों के क्षेत्र में थोक महंगाई दर 57.17% थी जबकि जुलाई में 18.46% अगस्त में 22% सितंबर में 39% अक्टूबर में 17% और नवंबर में यह -20.08% आ गई है. इसका असर सब्जियों के दामों पर भी देखने को मिल रहा है. जबकि धान की महंगाई दर पर नजर डालें तो जून में में यह 2.35% थी, जुलाई में बढ़कर 3.5% हो गई अगस्त में फिर बढ़ी तो 4 दशमलव 33% सितंबर में बढ़कर 5.5% अक्टूबर में 6.34% और अब नवंबर में यह मामूली कम होकर 6.45% तक आ गई है.
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